Political

2018 के वीडियो को महुआ मोइत्रा और पुलिसकर्मी के हाल ही में हुए झड़प के नाम से वायरल 

ये वीडियो 2018 में असम के हवाईअड्डे पर सुरक्षाकर्मी के साथ हुए झड़प की है।

संसद के बजट सत्र में असंसदीय भाषा के इस्तेमाल के बाद सोशल मीडिया पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में हम उन्हें एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिकारियों के साथ झगड़ते हुए देख सकते है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह घटना असम के सिलचर एयरपोर्ट का है। यूजर का दावा है कि ये वीडियो हाल ही का है जब मोहुआ मोइत्रा असम में सुरक्षा कर्मियों के साथ झगड़ पड़ी।

पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि “#MahuaMoitra एक बार फिर से अपनी शिष्टता और क्लास दिखाती है, क्योंकि वह एक हवाई अड्डे पर कांस्टेबलों को भगाती है। मुझे आश्चर्य है कि उसने उन्हें मिडिल फिंगर ही क्यों नहीं दिखा दिया।” 

ट्विटर लिंकट्विटर लिंकट्विटर लिंकआर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने वायरल वीडियो को यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च कर ढूँढने से शुरू किया, जिसके परिणाम से हमें ये वीडियो ANI के चैनल पर ये वीडियो उपलब्ध मिला। वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि “सिलचर एयरपोर्ट पर टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने महिला कॉन्स्टेबल से की मारपीट।” इस वीडियो को 4 अगस्त 2018 अपलोड किया गया था। इससे ये स्पष्ट होता है कि वीडियो में दिख रहा मामला हाल का नहीं है। वीडियो के विवरण के अनुसार तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने सिलचर हवाईअड्डे पर सुरक्षा अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की की। मारपीट के बाद महिला कांस्टेबल को चोटें आई हैं।

इस मामले से संबंधित ANI के असम के डी.जी.पी का बयान अपलोड किया जिसमें लिखा गया है कि “हमने टीएमसी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से सिलचर नहीं आने का अनुरोध किया था क्योंकि राज्य में शांति बनाए रखना हमारे लिए महत्वपूर्ण था। इसके अलावा, कछार जिले में धारा 144 लागू है। हमें डर था कि उनके आने से लोगों के बीच मतभेद पैदा हो सकते हैं।” 

नीचे आप सिलचर एयरपोर्ट पर टीएमसी की महुआ मोइत्रा को रोकने की कोशिश में घायल हुई महिला कांस्टेबल को देख सकते हैं।

2018 में आठ सदस्यीय टीम असम में स्थिति का आकलन करने और नागरिकता के राष्ट्रीय रजिस्टर के अंतिम मसौदे के खिलाफ अभियान चलाने के लिए दो दिवसीय राज्य के दौरे पर थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश अग्रवाल ने कहा कि टीएमसी नेताओं को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत “निवारक हिरासत” के तहत लिया गया था ताकि बराक घाटी में कानून और व्यवस्था की स्थिति में संभावित व्यवधान से बचा जा सके – विशेष रूप से एनआरसी प्रक्रिया को समाप्त करने के कारण। इस मामले से संबंधित रिपोर्ट आप यहाँ और यहाँ पढ़ सकते है।

निष्कर्ष:

तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल वीडियो के साथ किये गये दावे को गलत पाया है। यह वीडियो अगस्त 2018 का है जब असम के सिलचर में एक हवाई अड्डे पर महुआ मोइत्रा की एक पुलिस वाले से झड़प हो गई थी। इस वीडियो का वर्तमान से कोई संबंध नहीं है।

Title:2018 के वीडियो को महुआ मोइत्रा और पुलिसकर्मी के हाल ही में हुए झड़प के नाम से वायरल 

Fact Check By: Drabanti Ghosh

Result: False

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