False

2019 में महाराष्ट्र से बैल पोला के वीडियो को तमिलनाडू में पुलिसकर्मी पर अत्याचार के नाम से वायरल

ये वीडियो 2019 में महाराष्ट्र में बैल पोला के त्यौहार के समय का है जिसका तमिलनाडु से कोई संबंध नहीं है।

तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर अत्याचारों की ख़बरों के बीच सोशल मीडिया पर तरह तरह के असंबंधित वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। इसी के चलते सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हम पुलिसकर्मियों के पीछे स्थानीय लोगों को भागते हुए देख सकते है। 

इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु में पुलिसकर्मियों को बिहारी मजदूर भगा भगाकर मार रहे है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि “तमिलनाडु के पुलिस को बिहारी लोग दौड़ा दौड़ा के मार रहे है।”

इन्स्टाग्राम पोस्टआर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने वीडियो को छोटे की फ्रेम्स में तोडा और गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके परिणाम से हमें वायरल वीडियो का लम्बा वर्शन यूट्यूब पर उपलब्ध मिला। 31 अगस्त 2019 को अपलोड किये गये इस वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि “VARADSIM गावं की पुलिस माग दौड़ना बैल 2019 बैल पोला VARADSIM गावं।” वीडियो में दिए गए जानकारी के अनुसार ये वीडियो भुसावल तहसील के वरदसिम गावं में 2019 बैल पोला के त्यौहार से है।


इस 28 सेकंड के वीडियो में हम उन्ही लोगों को देख सकते है जो वायरल वीडियो में दिख रहे है। नीचे आप दोनों वीडियो की समानता देख सकते है जिससे ये स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो- यूट्यूब वीडियो का ही हिस्सा है। दोनों वीडियो समान है।

आगे फैक्ट क्रेसेंडो ने भुसावल के पुलिस स्टेशन के एस.एच.ओ से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो पुराना है और भुसावल में बैल पोला के समय का है। असल में बैल पोला के समय पुलिसकर्मी सबके आगे भागकर लोगों को रस्ते से हटा रहे थे ताकि पीछे से बैलों  की रेस हो सके। इस वीडियो का तमिलनाडू के साथ कोई संबंध नहीं है।

बैल पोला क्या है?

बैल पोला महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों द्वारा मनाया जाने वाला एक धन्यवाद उत्सव है, जो बैल और बैलों के महत्व को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है। ये त्यौहार कृषि और कृषि गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस त्यौहार के चलते बैलों को सजाया जाता है और उन पर तरह-तरह के चित्र बनाए जाते हैं। साथ ही एक जुलूस भी निकाला जाता है जहां गांव के लोग जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं।

निष्कर्ष:

तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल वीडियो के साथ किये गये दावे को गलत पाया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो तमिलनाडु से नहीं है बल्कि 2019 में महाराष्ट्र के भुसावल में बैल पोला के त्यौहार के समय का है। इस वीडियो में बिहारी मजदूर तमिलनाडू पुलिसकर्मियों को दौड़ा दौड़ा के नहीं मार रहे है।

Title:2019 में महाराष्ट्र से बैल पोला के वीडियो को तमिलनाडू में पुलिसकर्मी पर अत्याचार के नाम से वायरल

Fact Check By: Drabanti Ghosh

Result: False

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