उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों की हलचल अभी से शुरू हो गई है, पारंपरिक दावेदारों के अलावा, असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी इस बार भारत की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य में वोटों के एक बड़े हिस्से पर नजर गड़ाई हुई है |

एबीपी न्यूज की न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, ओवैसी ने १५ जुलाई को पश्चिमी यूपी के संभल और मुरादाबाद जिलों का दौरा किया व उन्होंने कथित तौर पर उ.प्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एस.बी.एस.पी) के साथ गठबंधन किया |

इसी बीच सोशल मंचों पर एक विशाल जुलूस की तस्वीर इस दावे के साथ साझा की जा रही है कि यह पश्चिमी यूपी में ओवैसी की रैली से है | इस तस्वीर को किसी ऊंची बिल्डिंग से लिया गया है जिसमे एक फ्लाईओवर के नीचे लोगों की अंतहीन भीड़ को देखा जा सकता है | इस तस्वीर को राज्य में आगामी चुनावों के मद्देनज़र ओवैसी के चुनावी प्रचार के आगाज़ की पृष्ठभूमि में साझा किया गया है, जो पश्चिमी यूपी के संभल से शुरू हुआ था |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि

फिलहाल उत्तर प्रदेश पूरी तरह से चुनावी मूड में आ गया है,
बनारस में आज प्रधान मंत्री मोदी जी | आज ही पूरे प्रदेश में सपा का धरना प्रदर्शन और आज ही यूपी वेस्ट के दौरे पर हैं AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हम तमाम लोगों के महबूब लीडर असदुद्दीन ओवैसी साहब भी हैं, आज AIMIM की भीड़ और रैली देख के लग रहा है | यूपी में बदलाव आके रहेगा | #यूपी_में_ओवैसी #21_में_22_की_तैयारी |”

फेसबुक पोस्ट

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि यह तस्वीर उत्तर प्रदेश में हुई ओवैसी की रैली से नहीं है अपितु ये तस्वीर भारत से ही नहीं है, साझा तस्वीर बांग्लादेश के चिट्टागोंग से है जब २०१९ में ईद-ए- मिलाद- उन नबी के अवसर पर वहां जलूस निकल गया था|

जाँच की शुरुवात हमने इस तस्वीर को लेकर यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके परिणाम से हमें १० नवंबर २०१९ को यह वीडियो यूट्यूब पर उपलब्ध मिला | वीडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “अल्हम्दुलिल्लाह लाखों पैगंबर प्रेमी की भीड़ जस्ने जुलुस मना रहे है.. चिट्टागोंग में |” चिट्टागोंग, बांग्लादेश में स्थित एक शहर है, और ”जश्ने जूलूस” एक धार्मिक सभा है |

इसके अलावा हमें ११ नवंबर २०१९ को अपलोड किया गया एक और यूट्यूब वीडिओ मिला, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “दुनिया की सबसे बड़ी जश्न जुलुस अल्लाहामा तहर शाह (MJA) २०१९ चिट्टागोंग, बांग्लादेश |”

नीचे आप सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर और यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना देख सकते है | इससे ये स्पष्ट होता है कि तस्वीर उत्तर प्रदेश में ओवैसी की रैली से नहीं बल्कि चिट्टागोंग बांग्लादेश से है |

इसी सन्दर्भ में हमने कुछ और की वर्ड सर्च किया तो हमें ढाका ट्रिब्यून द्वारा २९ अक्टूबर २०१९ को प्रकाशित रिपोर्ट मिली जिसके अनुसार, ईद-ए-मिलादुन्नबी रविवार, १० नवंबर, २०१९ को पूरे बांग्लादेश में मनाया जाना था | हमने इस जुलुस की तस्वीरों को फेसबुक पर कीवर्ड्स सर्च करते हुए ढूँढा, जिसके परिणाम से हमें अहमद कादरी नामक फेसबुक यूजर द्वारा प्रकाशित तस्वीरें मिलीं, जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “दुनिया का सबसे बड़ा जश्ने जुलुस ईद ए मिलाद उन-नबी चटगाँव बांग्लादेश में मनाया गया, अवध ए रसूल, हुज़ूर केबला, अल्लामा सैयद मुहम्मद तहजीब शाह द्वारा नेतृत्व किया गया | #Organised_by: अंजुमन ई रहमानिया अहमदिया सुन्निया ट्रस्ट। चटगाँव बांग्लादेश | # 2k19 |”

फैक्ट क्रेसेंडो ने अहमद कादरी से संपर्क, जिन्होंने हमें बताया कि “यह तस्वीरें चटगाँव बांग्लादेश से है | पवित्र ईद मिलादुन्नबी (RA) के अवसर पर रविवार, १० नवंबर २०१९ को एशिया में सबसे बड़े पारंपरिक उत्सव अंजुमन-ए-रहमानिया अहमदिया सुन्निया ट्रस्ट द्वारा जुलूस का आयोजन किया गया था | जुलूस का नेतृत्व अल्लामा सैयद मुहम्मद ताहिर शाह (MGA) ने किया था | यह तस्वीर उसी जुलुस में ली गयी है |” साथ ही उन्होंने हमें इस जुलुस की अन्य तस्वीरे भी हमें उपलब्ध करायीं |

अहमद कादरी द्वारा भेजी गयी तस्वीरों की लोकेशन (CDI अवेन्यू) को हमने गूगल मैप्स के माध्यम से ढूँढ कर निकाला | गूगल मैप्स पर उपलब्ध लोकेशन की तस्वीरे ब्रिज बनने के पहले से है, परंतु हम बिल्डिंग को देखकर इस बात की पुष्टि कर सकते है कि यह तस्वीरें बांग्लादेश के चिट्टागोंग की है | नीचे आप दोनों तस्वीरों की समानता देख सकते है |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले ओवैसी द्वारा निकाली गयी रैली से नही है बल्कि यह तस्वीर २०१९ में बांग्लादेश के चिट्टागोंग में निकाले गये जुलूस से हैं |
फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. अभिनेता दिलीप कुमार के सात वर्ष पुराने वीडियो को उनके निधन के पहले का अंतिम वीडियो बता वायरल किया जा रहा है।

२. राहुल गांधी के सम्बन्ध में ABP न्यूज़ का न्यूज़ कार्ड फर्ज़ी है।

३. ई-कॉमर्स वेबसाइट ‘EBAY’ पर बेचे जा रहे ओलंपिक ‘वॉलंटियर पिन’ को भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है|

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Title:२०१९ की बांग्लादेश में के ईद-ए- मिलाद- उन नबी के जलूस की तस्वीर को उत्तर प्रदेश में ओवैसी के रैली के नाम से फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False