वायरल वीडियो हरियाणा हिंसा से संबंधित नहीं है बल्कि 2019 में सूरत में हुई हिंसा का है।

हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के जुलूस को रोकने के लिए भीड़ द्वारा किए गए पथराव में दो होम गार्डों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मियों सहित 15 से अधिक अन्य घायल हो गए। युवकों के समूह ने कारों और एक दुकान में भी आग लगा दी। सांप्रदायिक झड़पों के बाद, "तीव्र सांप्रदायिक तनाव" को रोकने के लिए हरियाणा के नूंह जिले में 2 अगस्त तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया ।

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हम लोगों के एक समूह को लड़ाई करते और बसों में तोड़फोड़ करते हुए देख सकते है। वीडियो के साथ किए गए दावे में कहा गया है कि इसमें हरियाणा में चल रहे दंगों के दौरान मुसलमानों को सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करते हुए दिखाया गया है। कहा जा रहा है कि ये वीडियो नूह से है।

वायरल हो रहे पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है कि “नूह मेवात हरियाणा भगवा यात्रा पर पथराव भड़की हिंसा।”

फेसबुक पोस्टआर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि...

जाँच की शुरुवात हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखने से की, जिसके परिणाम से हमें वीडियो में दिख रहे बस पर “SITILINK” लिखा हुआ नज़र आया। SITILINK शब्द का मतलब सूरत बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम होता है। ये बस सर्विस सूरत में इस्तेमाल की जाती है।

जाँच में आगे बढ़ते हुए हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया परिणाम से हमें 5 जुलाई, 2019 को पोस्ट किए गए यूट्यूब चैनल "दिव्यांग न्यूज चैनल" पर उसी स्थान से एक समान वीडियो मिला। चैनल के अनुसार, वीडियो में मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ एक रैली के दौरान सूरत में हुई झड़प को दिखाया गया है। यूट्यूब वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि “मॉब लिंचिंग की घटनाओं के खिलाफ रैली के हिंसक होने पर सूरत पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे ।”

ABP अस्मिता ने भी इस घटना को जुलाई 2019 को प्रसारित किया था। इस वीडियो के विवरण में लिखा गया है कि गुजरात के सूरत में मॉब लिंचिंग के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। भीड़ ने पथराव किया जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी। जून 2019 में एक युवक की मॉब लिंचिंग की घटना हुई थी। भीड़ द्वारा एक युवक को चौराहे पर पीटा जा रहा था। जिस वक्त युवक की पिटाई हो रही थी उस वक्त गांव में सैकड़ों लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे। यह घटना दाहोद जिले की फतेपुरा तहसील में हुई।

हम गूगल मैप्स पर वीडियो के स्थान को जियोलोकेट कर पुष्टि किया कि यह सूरत के नानपुरा में मक्काई पुल सर्कल का था। नीचे आप गूगल मैप्स का स्ट्रीट व्यू देख सकते है।

निष्कर्ष-

तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल वीडियो के साथ किये गये दावे को गलत पाया है। इससे यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो असंबंधित और पुराना है। इसका हरियाणा में हालिया हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है। यह गुजरात के सूरत का 2019 का वीडियो है।

Avatar

Title:सूरत से 2019 के वीडियो को नूह हिंसा के नाम से फैलाया जा रहा है।

Written By: Drabanti Ghosh

Result: False