यह वीडियो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के दफ्तर का नहीं है। यह कनाडा के वाटरलू में स्थित तमिल समुदाय के कार्यलय का वीडियो है।

एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। आप उसमें कुछ लोगों को केले के पत्तों पर खाना खाते हुये देख सकते है। इसको शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के दफ्तर में पोंगल का त्यौहार मनाया गया था। सभी अफ्सरों ने केले के पत्तों पर खाना खाया था। इस वीडियो को साझा कर यूज़र्स कह रहे है कि ऋषि सुनक उनके दफ्तर में सनातन धर्म को बढ़ावा दे रहे है।
वायरल हो रहे वीडियो के साथ यूज़र ने लिखा है, “UK PM ऋषि सुनक अपने कार्यालय में पोंगल के फेस्टिवल के कार्यक्रम में सेना के अफसर पर केले के पतो पर भोजन परोसा गया सनातन धर्म की जय।”(शब्दश:)
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च कर अपनी पड़ताल शुरू की, लेकिन हमें ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के कार्यालय में इस तरह के जश्न की कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली। इस बारें में हमने और जाँच की। हमने फेसबुक पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें तमिल कल्चर वाटरलू रीजन के पेज पर यही वीडियो पोस्ट किया हुआ मिला। इसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि यह वीडियो कनाडा के वाटरलू का है। इसमें यह भी बताया गया है कि इस कार्यक्रम में स्थानीय अध्यक्ष, सिटी मेयर, पार्षद, पुलिस प्रमुख और कर्मचारी मौजूद थे। जानकारी में वीडियो लेने वाले शख्स का नाम भी लिखा है। और साफ तौर पर यह लिखा है कि यह वीडियो तमिल कल्चर वाटरलू रीजन की संपत्ति है।
जाँच में आगे बढ़ते हुये हमें कनाडा में स्थित किचनर शहर के मेयर बेरी व्रबानोविक द्वारा 16 जनवरी को किया गया एक ट्वीट मिला। उसमें उन्होंने इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें साझा की थीं। किचनर और वाटरलू को कनाडा के ओंटारियो में जुड़वां शहर माना जाता है। इस ट्वीट में प्रकाशित एक तस्वीर में आप व्रबानोविक को पोंगल के दावत में बैठे हुये भी देख सकते है।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के दफ्तर का नहीं है। यह कनाडा में स्थित वाटरलू में स्थित तमिल समुदाय के दफ्तर का वीडियो है।

Title:क्या ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के दफ्तर में पोंगल मनाया गया? जानिये इस वीडियो का सच…
Fact Check By: Samiksha KhandelwalResult: False
