क्या वोट मांगने आये बीजेपी नेताओं को लोगों ने दौड़ा दौडाकर पीटा ?

False National Political
न्यूज़ लाइव के पोस्ट में दिए गए विडियो से लिया हुआ घटना का स्थिर चित्र

२० मार्च २०१९ को फेसबुक पर पहली बार एक विडियो साझा किया गया है एवं काफी चर्चा में है | विडियो के कैप्शन में लिखा है – वोट मांगने आये बीजेपी नेता को लोगों ने दैड़ा – दौड़ा कर पीटा । इसे कहते है हाथ की सफाई.. ??? | विडियो में कुछ युवक राजकीय नेता जैसे दिखने वाले तीन-चार लोगों की बेरहमी से पिटाई करते नजर आ रहे है | कैप्शन में दावा किया गया है कि यह भारतीय जनता पार्टी के नेता है व वोट मांगने के लिए आये थे लेकिन लोगों ने उनकी पिटाई कर दी | आइये जानते है इसकी सच्चाई |

ARCHIVE POST

सर्च करने पर हमें इसी तरह का एक ट्वीट भी ट्वीटर पर मिला |

ARCHIVE TWEET

जब हमने इस विडियो को गौर से देखा व सुना तो पता चला कि पिटाई कर रहे लोगों में से एक चिल्लाता है – “गोरखा को क्या समझ रखा है…हां… गोरखा को क्या समझ रखा है…क्या बोला था…क्या बोला था…गोरखालैंड नहीं होगा… गोरखालैंड नहीं होगा…”

संशोधन से पता चलता है कि…
विडियो में एक व्यक्ति के मुंह से गोरखा व गोरखालैंड शब्द सुनने के बाद सबसे पहले हमने BJP leaders beaten by Gurkhas इन की वर्ड्स से गूगल सर्च किया | हमें जो सर्च रिजल्ट मिले वह आप नीचे देख सकते है |

गूगल सर्च से पहले ही पायदान पर हमें उपरोक्त पोस्ट में साझा किये गए विडियो जैसे  कुछ और विडियो मिले | इसके बाद हमने यू-ट्यूब पर और वीडियोज के लिए सर्च किया, तो हमें और विडियो मिले | यू-ट्यूब के यह विडियो देखने पर और जानकारी सर्च करने यह पता चला की यह विडियो वास्तव में दो साल पुराना है |

५ अक्तूबर २०१७ को पहली बार यह विडियो zee news ने यू-ट्यूब पर अपलोड किया था, जो आप नीचे देख सकते है |

ARCHIVE VIDEO

और बाद में ६, ७ अक्तूबर २०१७ को AMU TIMESFast Update For U ने भी अपलोड किया था | बाद में २०१८ में भी अलग अलग उपयोगकर्ताओं द्वारा यही विडियो फिर से अपलोड किये गए, जो आप नीचे की  स्क्रीन शॉट्स पर देख सकते है |

विडियो देखने के बाद हमने गूगल पर इस घटना की खबर के लिए सर्च किया, तो हमें जो रिजल्ट्स मिले वह आप नीचे देख सकते है |

गूगल न्यूज़ सर्च से भी यह बात साफ़ होती है कि यह घटना दो साल पुरानी है | Live Mint, new indian express, times of india, business standard, hindustan times आदि समाचार संस्थानों ने यह खबर प्रकाशित कि थी, जो आप नीचे की स्क्रीन शॉट्स पर देख सकते है |   

ARCHIVE MINT | ARCHIVE NEW INDIAN EXPRESS | ARCHIVE TOI | ARCHIVE BUSINESS STANDARD | ARCHIVE HT

इन सभी प्रकाशित ख़बरों को पढने के बाद यह पता चलता है कि, घटना कुछ इस प्रकार घटित हुई है – घटना है ५ अक्तूबर २०१७ की | दार्जिलिंग शहर की | अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर १०४ दिन के बंद के बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में पार्टी के राज्य शाखा का एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दार्जिलिंग के तीन दिवसीय दौरे के लिए निकला था | प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश उपाध्यक्ष जय कुमार मजुमदार समेत और तीन लोग थे | पहले दिन यह प्रतिनिधिमंडल कलिम्पोंग गया, जहाँ उन्हें काले झंडे दिखाए गए | दुसरे दिन दार्जिलिंग शहर में एक सभा का आयोजन किया गया था | लेकिन गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सभा स्थल जाकर इन नेताओं को सभा करने से रोका व उन्हें वहां से निकल जाने को कहा | जब सभी वापिस जाने के लिए निकले तो संतप्त कार्यकर्ताओं ने उनका पीछा किया व लात-घूंसों, चप्पल से उनकी पिटाई शुरू कर दी | घोष व मजुमदार इनको धक्का-मुक्की की गई, लेकिन बाकि तीन लोगों की जमीन पर गिराकर खासी पिटाई की गई | पिटाई कर रहे लोगों में से एक चिल्ला रहा था – “गोरखा को क्या समझ रखा है…हां… गोरखा को क्या समझ रखा है…क्या बोला था…क्या बोला था…गोरखालैंड नहीं होगा… गोरखालैंड नहीं होगा…”| जब यह घटना हुई तो उन्हें कोई पुलिस संरक्षण नहीं था | सभी पांच लोग शहर के सदर पुलिस स्टेशन के तरफ भागे व उन्होंने थाने में शरण ली | बाद में दिलीप घोष ने इस हमले के लिए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लीडर बिनय तमांग व तृणमूल कांग्रस को जिम्मेदार ठहराया |  

जांच का परिणाम :  इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, घटना का विडियो दो साल पुराना है | बीजेपी नेता वोट मांगने नहीं गए थे, बल्कि दौरे पर थे | अतः उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा गलत (FALSE) है |

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Title:क्या वोट मांगने आये बीजेपी नेताओं को लोगों ने दौड़ा दौडाकर पीटा ?

Fact Check By: Rajesh Pillewar 

Result: False