
१६ मई २०१९ को फेसबुक के ‘Chakravarti Vikramaditya’ नामक पेज पर एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट में तीन फोटो साझा किये गये है | फोटो में हमें कुछ लोग किसी मूर्ति की तोड़फोड़ करते हुए नजर आते है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि –
CCTV के फुटेज से स्पष्ट पता चल गया कि बंगाल में ममता बनर्जी के तालीबानी कट्टरपंथियों ने ही विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ा था, जबकि ममता अपने इस कुकृत्य को भाजपा के मत्थे मढ़ रही थी ।
इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं द्वारा ही कोलकाता में ईश्वरचंद्र विद्यासागर इनकी मूर्ति तोड़ी गई और वह बीजेपी पर इल्जाम लगा रही है | यह भी दावा है कि, सीसीटीवी की फुटेज से यह बात साबित होती है | लेकिन फोटो देखने पर इस बात पर विश्वास नहीं होता की वह लोग भारतीय है, या यह सीसीटीवी की फुटेज है | तो आइये जानते है इन फोटो व पोस्ट के दावे की सच्चाई |
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले बंगाल के जानेमाने समाज सुधारक विद्यासागर जी की मूर्ति तोड़े जाने के सन्दर्भ में जानकारी हासिल की | हमें पता चला कि, कोलकाता में १४ मई २०१९ को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इनके रोड शो के वक्त तृणमूल कांग्रेस व बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच जो हिंसा हुई, उसमे शहर के विद्यासागर कॉलेज में रखी हुई विद्यासागर की बहुत पुरानी आदमकद मूर्ति की तोड़फोड़ हुई | इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष शाह ने मूर्ति तोड़ने का आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगाया, जबकि तृणमूल ने इस कृत्य के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया |
इस विषय पर ABPNEWS द्वारा दी गई खबर आप नीचे की विडियो में देख सकते है |
India Today समाचार चैनल ने भी इस खबर का विडियो यू-ट्यूब पर अपलोड किया है |
इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और तृणमूल ने एक-दुसरे पर जो आरोप लगाये, वह आप नीचे की NDTV द्वारा अपलोड यू-ट्यूब विडियो में देख सकते है |
यह मामला पता चलने के बाद अब हमने उपरोक्त पोस्ट के दावे की तरफ रुख किया | हमने पोस्ट में साझा फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया तो गूगल पर हमें जो परिणाम मिले, वह आप नीचे देख सकते है |
परिणाम से हमें The Guardian का एक २६ फरवरी २०१५ को प्रसारित एक लिंक मिला, जिसमे एक विडियो दिया गया है | हमने देखा कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा फोटो वास्तव में इस विडियो से लिए हुए स्टील शॉट्स है | आप यह विडियो नीचे देख सकते है |
इसके अलावा हमें CNN का भी एक लिंक मिला, जिसमे यही विडियो दिया गया है | इस विडियो से भी हमें पता चलता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा फोटो वास्तव में इस विडियो से लिए गए स्टील शॉट्स है |
इस संशोधन से यह पता चलता है कि, २०१५ में जब ISIS आतंकियों ने इराक के मोसुल शहर पर कब्ज़ा किया था, तब वहां के मुजियम में रखी हजारों वर्ष पुरानी मूर्तियों को उन्होंने तोड़ दिया था | तब के विडियो में से कुछ स्टील शॉट्स लेकर उसे कोलकाता के विद्यासागर कॉलेज में हुई ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी की मूर्ति की तोड़फोड़ की घटना के साथ जोड़ा गया है |
CNN की खबर के स्टील शॉट्स तथा उपरोक्त पोस्ट में साझा फोटो इनकी हमने नीचे तुलना की है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में साझा फोटो के साथ किया गया दावा कि, “CCTV के फुटेज से स्पष्ट पता चल गया कि बंगाल में ममता बनर्जी के तालीबानी कट्टरपंथियों ने ही विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ा था, जबकि ममता अपने इस कुकृत्य को भाजपा के मत्थे मढ़ रही थी” बिलकुल गलत है | यह फोटो २०१५ के उस विडियो के स्टील शॉट्स है, जब ISIS आतंकियों ने इराक के मोसुल में एक मुजियम की मूर्तियाँ तोड़ी थी |

Title:क्या यह फोटो कोलकाता में समाज सुधारक विद्यासागर जी की मूर्ति की तोड़फोड़ की है ?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
