विरोध के लिए ज़मीन पर लेटे हुये व्यक्ति को पुलिस के लाठी चार्ज के कारण अधमरा बताकर फैलाया जा रहा है |

False National Social

१७ नवम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘Virender Jhajhra Jat द्वारा किये गये एक पोस्ट में एक वीडियो साझा किया गया है | वीडियो में एक व्यक्ति ज़मीन पर गिरा हुआ है व एक पुलिस वाला उसे लाठी से मारते हुए दिख रहा है | पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “उन्नाव में लाठी चार्ज से अधमरे हुए किसान पर भी राम राज्य की पुलिस की राष्ट्रवादी बर्बरता किसानों पर जब अत्याचार होता है तो मानवाधिकार वालो की आंखें भी अंधी हो जाती है |” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘उन्नाव पुलिस ने किसान पर लाठी चार्ज कर उसे अधमरा कर दिया |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने सबसे पहले इस घटना के बारे में गूगल पर ‘पुलिस ने उन्नाव के किसानों पर किया लाठी चार्ज’ कीवर्ड्स से ढूंढा, तो हमें इस घटना से सम्बंधित कई समाचार वेबसाइट पर ख़बर प्रकाशित मिली | 

१६ नवम्बर २०१९ को उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ४० किलोमीटर की दूरी पर ‘Trans-Ganga City’ नामक एक सॅटॅलाइट टाउनशिप बनाने की तैयारी शुरू हुई है | इस परियोजना के खिलाफ वहाँ के गांव के किसानों ने विरोध किया | किसानों के मुताबिक, जिस ज़मीन पर यह परियोजना का आयोजन किया जा रहा है, उसे ज़बरदस्ती हथिया लिया गया है | इस विरोध के दौरान जब विरोध करने वाले किसान हिंसा करने लगे, तब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रण करने के लिए लाठी चार्ज किया | इसी दौरान एक आदमी नीचे लेटा हुआ था | इसके थोड़ी ही देर में उस आदमी को उठकर भागते हुए देखा जा सकता है | तथाकथित यह आदमी सिर्फ़ आहत होने का ढोंग कर रहा था | इन ख़बरों को पूरा पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

20 November 2019 : TOIPost : ArchivedLink

20 November 2019 : NavbharattimesPost : ArchivedLink

इस के साथ ही हमें Navbharattimes द्वारा प्रकाशित समाचार में उन्नाव पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर किया गया ट्वीट भी मिला, जिसमें उपरोक्त दावा में साझा वीडियो का दूसरा हिस्सा दिया गया था | इस वीडियो में इस व्यक्ति को उठकर भागते हुए देखा जा सकता हैं |

UnnaoPoliceTweet | ArchivedLink

इसके बाद हमने उन्नाव के जिला अधिकारी देवेन्द्र कुमार पांडे से संपर्क किया | उन्होंने हमें बताया कि, “वीडियो में दिखने वाला व्यक्ति का नाम राम सेवक है और वह पास के शुक्लागंज नामक गांव का निवासी है | १६ नवम्बर के विरोध में राम वहीं था और वीडियो में जैसा दिख रहा है, वह ज़मीन पर लेट कर बेहोश होने का ढोंग कर रहा था | पास से गुजरने वाले पुलिस ने उसे अपने लाठी से उसे उठाने की कोशिश की, मगर राम वैसेही पड़ा रहा, हालाँकि उस पुलिसकर्मी को इस तरह डंडे से उसे उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी, मगर वास्तविकता में  ना तो इस व्यक्ति के साथ कोई पुलिस ज़्यादती हुई और ना ही उसे मारा गया | जब पुलिस ने शेल्लिंग शुरू करी, तो बंदूक की आवाज़ से वह उठके भाग गया | जब हमने इस बारे में जांच पड़ताल की, तो हमने राम सेवक को एकदम तंदुरस्त पाया व यह भी पता चला कि वह शराब के नशे मे था, और उसके साथ किसी भी प्रकार की मारपीट नहीं की गयी थी |”  

इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है | वीडियो में दिखने वाला युवक सिर्फ़ बेहोश होने का ढोंग कर रहा था|

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “उन्नाव में पुलिस ने एक किसान पर लाठी चार्ज कर उसे अधमरा कर दिया |” ग़लत है |

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Title:विरोध के लिए ज़मीन पर लेटे हुये व्यक्ति को पुलिस के लाठी चार्ज के कारण अधमरा बताकर फैलाया जा रहा है |

Fact Check By: Natasha Vivian 

Result: False