न्यूजीलैंड की घटना पर शोक जताने वाले AMU स्टूडेंट्स पुलवामा व अमरनाथ के वक्त कहाँ थे ?

False National Social

१६ मार्च २०१९ को पहली बार फेसबुक पर साझा की गई Dainik Bharat न्यूज़ पोर्टल की यह खबर काफी चर्चा में है | खबर में कहा गया है कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्रों ने हाल ही में न्यूजीलैंड में मस्जिद में हुए नरसंहार की निंदा तो की, मगर जब अपने देश में पुलवामा व अमरनाथ जैसे आतंकी हमले हुए तो वे जश्न मना रहे थे | देशभक्ति को लेकर AMU के छात्र हमेशा से कुछ विशिष्ट विचारधारा के लोगों द्वारा लक्ष्य किये जाते रहे है | पुलवामा हमले के बाद विवादित ट्वीट किये जाने के बाद AMU के एक छात्र के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी तथा उसे यूनिवर्सिटी से निष्कासित भी कर दिया गया था | ऐसे में इस खबर में किये गए दावे की सच्चाई जानना जरुरी हो जाता है | तो आइये जानते है इसकी सच्चाई |

देखें कि यह खबर फेसबुक पर कितना असर कर रही है | चेक करने पर पता चला कि फैक्ट चेक किये जाने तक इस खबर को तीन हजार से भी ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिल चुकी थी |

ARCHIVE POST

खबर में कहा है कि…
देखते है खबर में क्या दावा किया गया है | दावा यह है कि AMU छात्रों ने हाल ही में न्यूजीलैंड में हुए आतंकी हमले कि निंदा करने के लिए कैंडल मार्च निकाला था | लेकिन जब पुलवामा में भारतीय जवानों पर आतंकी हमला हुआ और अमरनाथ यात्रियों पर आतंकियों ने हमला किया तब यही AMU छात्र कैंडल लेकर नहीं निकले | नीचे न्यूज़ के स्क्रीन शॉट्स आप खबर के दावे पढ़ सकते है |

संशोधन से पता चलता है कि…
सबसे पहले हमने गूगल कर हमने यह जानने कि कोशिश की, क्या पुलवामा आतंकी हमले के बाद AMU छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला था? हमें जो सर्च रिजल्ट मिले वह आप नीचे देख सकते है |

सर्च से हमें पता चला की पुलवामा हमले के बाद AMU छात्र संघ के द्वारा कैंडल मार्च का आयोजन किया गया था, जिसकी जानकारी छात्र संघ के AMUjournal इस अधिकारिक ट्वीटर हँडल पर १४ फ़रवरी २०१९ को सुबह १०.१६ बजे दी गई थी | नीचे आप यह ट्वीट देख सकते है |

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इसके अलावा AMU के सय्यद एम्. ज़हीन नामक एक छात्र नेता ने भी १४ फ़रवरी २०१९ को दोपहर १२.२१ बजे ट्वीट किया था, जो आप नीचे देख सकते है |

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इस उपरांत हमने यू-ट्यूब पर सर्च किया तो हमें इस कैंडल मार्च का विडियो भी मिल गया, जो आप नीचे देख सकते है |

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AMU छात्र संघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज इन्होने भी १४ फ़रवरी २०१९ को यू-ट्यूब पर एक विडियो अपलोड किया था, जो आप नीचे देख सकते है | सलमान ३ नवम्बर २०१८ को हुए चुनाव में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गये थे | ४ नवम्बर २०१८ को समाचार पत्र ‘पत्रिका’ ने यह खबर प्रकाशित की थी | सलमान सोशल वर्क विषय पर पीएचडी कर रहे है |

ARCHIVE YOUTUBE2 | ARCHIVE PATRIKA

इसके अलावा यू-ट्यूब पर सर्च से हमें यह भी पता चला कि AMU के मुर्शिदाबाद केंद्र में भी पुलवामा आतंकी हमले की भर्त्सना करते हुए १८ फ़रवरी २०१९ को कैंडल मार्च निकाला गया था, जो की आप नीचे देख सकते है |

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पुलवामा आतंकी हमले की निंदा करते हुए निकाले गए कैंडल मार्च के पुख्ता सुबूत तो हमें मिल गए | इसके बाद हमने अमरनाथ यात्रा पर हुए आतंकी हमले के बाद कैंडल मार्च निकला था या नहीं इसकी खोज की | याद रहे कि १० जुलाई २०१७, श्रावन के पहले ही सोमवार को अमरनाथ दर्शन के लिए जाते यात्रियों पर आतंकियों ने हमला कर ८ यात्रियों की  हत्या कर दी थी | इस घटना के दुसरे ही दिन, यानि ११ जुलाई २०१७ को अब्दुल फराह शाजली नामक AMU के एक छात्र नेता ने एक ट्वीट किया था जिसमे इस घटना की निंदा करते हुए कैंडल मार्च निकाला गया था | यह ट्वीट आप नीचे देख सकते है |

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इसके अलावा समाचार पत्र ‘पत्रिका’ द्वारा १२ जुलाई २०१७ को प्रकाशित एक खबर भी हमें मिली, जिसमे इस घटना के बाद निकले कैंडल मार्च का वर्णन है | साथ ही एक विडियो भी दिया गया है, जो आप नीचे देख सकते है |

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जांच का परिणाम :  इस संशोधन से यह बिना किसी संदेह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त दैनिक भारत की खबर में किया गया दावा कि AMU छात्रों ने पुलवामा व अमरनाथ आतंकी हमलों के बाद शोक न मनाकर जश्न मनाया, सरासर गलत(FALSE) है | क्योंकि पुलवामा व अमरनाथ दोनों आतंकी हमलों के बाद AMU छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर शोक जताया था |

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Title:न्यूजीलैंड की घटना पर शोक जताने वाले AMU स्टूडेंट्स पुलवामा व अमरनाथ के वक्त कहाँ थे

Fact Check By: Rajesh Pillewar 

Result: False