वायरल तस्वीर में दिख रहे सेना के अफसर और ज़ख्मी किसान दो अलग- अलग शख्स है, इन दोनों को एक व्यक्ति बता वायरल किया जा रहा है।

False Social

देश में चल रहे किसान आंदोलन के चलते सोशल मंचो पर कई वीडियो व तस्वीरें वायरल होती चली आ रही है। फैक्ट क्रेसेंडो ने ऐसे कई गलत व भ्रामक तस्वीरें व वीडियो का अनुसंधान किया है। इन दिनों सोशल मंचो 2 तस्वीरें वायरल हो रही है, जिसमें आप एक तस्वीर में सेना के अफसर को देख सकते है और दूसरी तस्वीर में आप एक ज़ख्मी बुजुर्ग को देख सकते है। तस्वीर के साथ जो दावा वायरल हो रहा है उसके मुताबिक ये दोनो ही तस्वीरें एक ही शख्स की है।

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, 

भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट से रिटायर कैप्टन पी.पी एस ढ़ल्लो ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जब वे किसान की भूमिका में अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाएँगे तो भाजपा की आई.टी.सेल के नमूने उन्हें ख़ालिसतानी और आतंकी कहेंगे। शर्म करो बे भक्तों! एक वीर सपूत को बदनाम मत करो।“

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि तस्वीर में दिख रहे आर्मी ऑफिसर व घायल वृद्ध दो अलग व्यक्ति है। पहली तस्वीर भारतीय सेना के रिटायर कैप्टन पिर्थीपाल सिंह ढल्लों की है व दूसरी तस्वीर श्री एस.बल्वंत सिंह ओटल की है जो कि एक किसान है। इन दोनों का एक दूसरे से कोई संबन्ध नहीं है।

सबसे पहले हमने वायरल हो रही तस्वीरों का गूगल रीवर्स इमेज सर्च किया, परिणाम में हमें एक फेसबुक पोस्ट मिला जिसमें भारतीय सेना की वर्दी पहले हुए शख्स की वही तस्वीर प्रकाशित की गयी है जो वायरल हो रहे तस्वीर में है। उस फेसबुक पेज का नाम सिख मिलिटरी हिस्ट्री फोरम है और जिस शख्स ने वायरल हो रही तस्वीर को प्रकाशित किया है उसका नाम सुखविंदर सिंह है जो कि उबोके ग्राम के सरपंच है। पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, “आज मेरे पिता का जन्मदिन है माननीय। कप्तान पिरथिपाल सिंह ढिल्लों 1993 में सेवानिवृत्त, 17 शेख रेजिमेंट। वह उन सैनिकों में से एक हैं जिन्होंने 1965,1971 और 1989-90 (श्री लंका) की लड़ाई लड़ी थी। भगवान आपको आशीर्वाद दें।“

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इसके पश्चात उपरोक्त पोस्ट में दी गयी जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने सुखविंदर सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रही पोस्ट में दिख रहे भारतीय सेना के सैनिक मेरे पिताजी रिटायर हुए कैप्टन पिर्थीपाल सिंह ढल्लों है। उनका वायरल हो रहे पोस्ट में दूसरी तस्वीर में दिख रहे बुज़ुर्ग शख्स से कोई संबन्ध नहीं है। मेरे पिताजी तो घर पर ही है, वे वर्तमान में हो रहे किसान आंदोलन में शामिल नहीं हुए है। तस्वीर में दिख रहे किसान बुज़ुर्ग के पोते से मैंने वायरल हो रही पोस्ट के चलते संपर्क भी किया है।“

आपको बता दें कि सुखविंदर सिंह पंजाब के तरनतारन ज़िले के पट्टी शहर में स्थित उबोके के सरपंच है। उन्होंने हमें उनके पिता रिटायर कैप्टन पिर्थीपाल ढिल्लों के जन्मदिन का वीडियो भी उपलब्ध कराया है।

तदनंतर हमने वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहे वृद्ध किसान के पोते तेजपाल सिंह ओटल से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि, “वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहे वृद्ध किसान मेरे दादाजी है, वे खेती करते है और दूसरी तस्वीर में शख्स है वे अलग व्यक्ति है। थोड़ा बहुत चहरा मिलता है दोनों का इसलिए लोगों को गलत फहमी हो रही है। मेरे दादाजी किसान आंदोलन में शामिल हुए थे और मैंने भी उनके साथ इस आंदोलन में हिस्सा लिया है। हरियाणा और पंजाब की शंभु बोर्डर पर पुलिस के साथ जो मुठभेड़ हुई उसमें मेरे दादाजी को चोट आ गयी, उनकी आँख पर स्टिचेज़ लगे हुए है और अभी मैंने उन्हें घर वापस भेज दिया है। वे इस घटना से बहुत खुश है क्योंकि उनका खून इस देश व उनके अपने खेतों के हित की लड़ाई के लिए बहा है ।“

तेजपाल सिंह ओटल ने हमें उनके दादाजी एस.बल्वंत सिंह ओटल का एक वीडियो भी उपलब्ध कराया है। इस वीडियो में वे उन्हें चोट कैसे लगी उस बारे में बता रहे है।

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया है कि उपरोक्त दावा गलत है। तस्वीर में दिख रहे शख्स दो अलग- अलग व्यक्ति है। एक भारतीय सेना के रिटायर अफसर हैं वहीँ दूसरे शख्स एक किसान है। इन दोनों का एक दूसरे से कोई संबन्ध नहीं है।

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Title:वायरल तस्वीर में दिख रहे सेना के अफसर और ज़ख्मी किसान दो अलग- अलग शख्स है, इन दोनों को एक व्यक्ति बता वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False