
सोशल मीडिया पर राजधानी दिल्ली के आसपास किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आन्दोलनों को लेकर तरह तरह के अफवायें फैलाई जा रही है | कई मनगड़ंत, असंबंधित व पुराने वीडियो और तस्वीरों को वर्तमान में चल रहे किसान आन्दोलनों से जोड़कर सोशल मंचो पर फैलाया जा रहा है | फैक्ट क्रेसेंडो ने पूर्व में भी वर्तमान किसान आन्दोलनों को लेकर कई ऐसे दावों का खंडन किया है |
इसी बीच भीड़ द्वारा एक व्यक्ति को पीटने के वीडियो को सोशल मीडिया पर फैलाते हुए दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन में भाजपा नेता उमेश सिंह द्वारा देश विरोधी नारे लगाने पर किसानों ने मिलकर भाजपा नेता को जूतों से पीटा | कहा जा रहा है कि यह भाजपा नेताओं की साजिश है कि इस तरह किसान आंदोलन में शामिल होकर वे इस आंदोलन का नाम ख़राब करना चाहते है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि
“#किसान आंदोलन में शामिल होकर देश #विरोधी नारे लगते “#भाजपा नेता #उमेश सिंह” को किसानों ने पकड़कर #जूतों से मारा | किसना आंदोलन को #बदनाम करने की साज़िश कर रही है #भाजपा सरकार |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया कि व्यक्ति की पहचान अरुण कुमार के रूप में हुई है, जिसको एक समाचार चैनल के पत्रकार के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने व रोकने पर किसानों के साथ हाथापाई करने के चलते पुलिस के हवाले कर दिया गया था| पुलिस ने अरुण कुमार के किसी राजनीतिक दल से जुड़े होने की बात से इंकार किया है |
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो को बारीकी से देखने से की, हमें इस वीडियो में भारत समाचार का लोगो नज़र आया| भारत समाचार के यूट्यूब चैनल व अन्य सोशल मीडिया हैंडल पर इस वीडियो की खोज करने पर हमें यह वीडियो भारत समाचार के ट्विटर अकाउंट पर १४ दिसंबर २०२० को ट्वीट किया हुआ मिला | ट्वीट में इस व्यक्ति की पहचान “अरुण” के रूप से दी गई है | ट्वीट में लिखा गया है कि “धरने पर आए किसानों ने शख्स को पीटा, मीडिया में इंटरव्यू देने पर की गई पिटाई, दिल्ली निवासी शख्स को किसानों ने पीटा, अरूण नाम के शख्स की जमकर पिटाई, पिटाई का वीडियो हो रहा जमकर वायरल, दिल्ली यूपी बॉर्डर पर किसानों ने की पिटाई |” इस ट्वीट में गाजियाबाद पुलिस को टैग किया गया है |
फैक्ट क्रेसेंडो ने तद्पश्चात खोदा पुलिस स्टेशन के एस.एच.ओ मोहम्मद असलम से सम्पर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि
“इस आदमी का नाम अरुण कुमार है | वह शख्स एक स्थानीय चैनल के रिपोर्टर से बात कर रहा था और रिपब्लिक भारत के पत्रकारों को देखने के बाद उसने उनके प्रति भद्दी टिप्पणी की थी | इससे रिपब्लिक के पत्रकार और इस आदमी के कुछ कहा सुनी हुई और उनके बीच झगड़ा शुरू हो गया | आसपास के किसानों को आदमी पर गुस्सा आया क्योंकि उन्हें लगा कि वह विरोध को बाधित करने का प्रयास कर रहा है | इसी बीच रिपब्लिक भारत के पत्रकारों ने तैनात पुलिसकर्मियों को बुलाया, जो उस व्यक्ति को घटनास्थल पर से ले गए (जैसे की वीडियो में दिखाया गया है) और उसे पुलिस स्टेशन पर ले आए, लेकिन जब कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई, तो हमने उन्हें जाने दिया | यह शख्स किसी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है और न ही स्थल पर भारत विरोधी नारा लगा रहा था | यह व्यक्ति सहारनपुर का रहने वाले है और इनका नाम अरुण कुमार है |”
तद्पश्चात् हमने वीडियो में दिख रहे सफ़ेद पोशाक पहने हुए व्यक्ति से बात की जिनकी पहचान किसान संघ के प्रमुख राकेश टिकैत के रूप में हुई, उनके द्वारा हमें बताया कि
“घटना स्थल पर पाकिस्तान समर्थित नारे नही लगाये गये थे, यहाँ पर जो नारे लगे थे वे गोदी मीडिया के खिलाफ थे | हमें शांति पूर्वक आन्दोलन करना था और इस व्यक्ति की वजह से हम शांति से आन्दोलन नहीं कर पा रहे थे | इस वजह से हमारी उस व्यक्ति से जोर जबरदस्ती हुई, इस व्यक्ति को पुलिस के हवाले कर दिया गया था, हमें उस व्यक्ति के बारे में कोई निजी जानकारी ज्ञात नहीं है |”
इसके आलावा हमने माई नेता के वेबसाइट पर भाजपा नेता उमेश सिंह को ढूँढा जिसके परिणाम से हमें भाजपा पार्टी में उमेश सिंह नामक कोई नेता नही मिला |
निष्कर्ष: तथ्यों की जांचे के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के माध्यम से किये गये दावे गलत है | किसान आंदोलन में किसानों ने भाजपा नेता उमेश सिंह को नहीं पीटा | वीडियो में दिख रहा व्यक्ति का अरुण कुमार है जिनका किसी भी राजनैतिक दल से कोई संबंध नही है |

Title:क्या देश विरोधी नारे लगाने के लिए किसानों द्वारा भाजपा नेता उमेश सिंह को पीटा गया? जानिए सच
Fact Check By: Aavya RayResult: False
