सीजेआई के कार्यालय ने पुष्टि की कि शीर्ष न्यायाधीश ने कभी भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया,वायरल प्रसारित संदेश फर्जी हैं।
देश में संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए जनता को “तानाशाही सरकार” के खिलाफ विरोध करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ का एक बयान सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हो रहा है। इस पोस्ट में सीजेआई चंद्रचूड़ की एक तस्वीर को इस्तेमाल करते हुए लिखा गया है कि “हम लोग अपने तरफ से पूरी कोशिश कर रहे है भारत के संविधान भारत के लोकतंत्र को बचाने की, लेकिन आप सबका सहयोग भी इन सबके लिए बहुत मायने रखता है। सब जनता एक होकर मिलकर सडकों पर निकलों और सरकार से अपने हक की सवाल करो। ये तानाशाह सरकार तुम लोगो को डराएगी, धमकाएगी लेकिन तुम्हे डरना नहीं है होसला रखो और सरकार से अपना हिसाब मांगों, मैं तुम्हारे साथ हूँ।”
इस वक्तव्य को चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डी वाई चंद्रचूड द्वारा दिए गए बयान के नाम से शेयर किया जा रहा है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुआत हमने चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया द्वारा दिए गये बयान को ढूँढने से की, परंतु गूगल पर इस जाँच से हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जो इस बात की पुष्टि करता हो की डी वाई चंद्रचूड़ ने वायरल हो रहे वक्तव्य से मिलता हुआ कोई बयान दिया हो। अगर सी.जे.आई ने ऐसा कोई बयान दिया होता तो वो ज़रूर सुर्ख़ियों में रहती।
जाँच में आगे बढ़ते हुए हमने चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया, डी वाई चंद्रचूड के ऑफिस में संपर्क किया, जहाँ हमें बताया गया है कि वायरल हो रही खबर सरासर गलत है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया के तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी किया गया है।
इस प्रेस विज्ञप्ति को आप नीचे देख सकते है। इसमें लिखा गया है कि “भारत के सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में यह आया है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के सन्दर्भ में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए एक फर्जी वक्तव्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल पोस्ट फर्जी, गलत इरादे वाली और शरारतपूर्ण है। ऐसा कोई बयान उनके द्वारा नहीं दिया गया है। इस पोस्ट के संबंध में कारवाही की जाएगी।
इसके आलावा इस प्रेस विज्ञप्ति को कई मीडिया रिपोर्ट ने भी प्रकाशित किया है जैसे की लाइव लॉ, द वायर, ईटीवी भारत और इंडिया टुडे। लॉ टुडे से एक्सक्लूसिव बात करते हुए सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा है कि: “यह एक फर्जी फॉरवर्ड है। कोई भी सीजेआई कभी भी ऐसा काम नहीं करेगा, सीजेआई चंद्रचूड़ जैसा महान व्यक्ति तो बिल्कुल भी नहीं। माननीय के नाम पर इतनी गंभीर शरारत के लिए कदम उठाए जाने चाहिए और उठाए जाएंगे।”
निष्कर्ष –
तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने वायरल पोस्ट को फर्जी पाया है। शीर्ष न्यायाधीश ने कभी भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। जिससे यह साबित होता है कि वायरल प्रसारित वक्तव्य फर्जी हैं। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से वायरल वक्तव्य को फर्जी ठहराया है।
Title:CJI चंद्रचूड़ के नाम पर वायरल पोस्ट भ्रामक है ,उन्होंने देश की जनता को सरकार विरोधी होने के लिए नहीं कहा।
Written By: Drabanti GhoshResult: False
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