ये वीडियो अधूरा है और गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इसमें द्रौपदी मुर्मू महिला पहलवानों के बारे में बात नहीं कर रही है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। उसमें आप उन्हें कहते हुये सुन सकते है कि “उन्हें न्याय मिलना चाहिये, ये हमारी जिम्मेदारी आपकी है। जाये तो कहा जाये, चिफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के अलावा और कोई कोर्ट नहीं है।“ इसके साथ दावा किया जा रहा है कि इसमें द्रौपदी मुर्मू विरोध प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों को न्याय देने की बात कर रही है।
वायरल हो रहे पोस्ट के साथ यूज़र ने लिखा है, “पहली बार खुलकर बोली भारत की महामहीम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू , कहा महिला पहलवानों को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा क्या हमें अभी भी लगता है देश में लोकतंत्र बचा हुआ है? राष्ट्रपति महोदया ने कहा पहले बहुत लोग जो चिट्ठी भेजते थे,मुझे मिलती थी। अब मुझे कोई चिट्ठी नहीं मिलती, पता नही अब ये चिट्ठियां कहां चली जाती है। पूर्व राज्यपाल बड़े भाई सत्यपाल मलिक ने सही कहा था अगर राष्ट्रपति से मिलना है तो प्रधानमंत्री कार्यालय से अपॉइंटमेंट लेना पड़ेगा। लोकतंत्र में राष्ट्रपति की हालात ऐसी बना दी है इसे हिटलरशाही नही कहेंगे तो क्या कहेंगे?”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
इस वीडियो की जाँच हमने इसके मूल वीडियो को खोजकर की। चूंकि वायरल वीडियो में आप न्यूज़ 24 के चिन्ह को देख सकते है, हमने उसके आधार पर ही यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया। वहाँ हमें यह वीडियो 1 जून को प्रसारित किया हुआ मिला। इसमें आप द्रौपदी मुर्मू को कोर्ट केस और न्याय के बारे में बात करते हुये देख सकते है। उसमें आप उन्हें यह कहते हुये सुन सकते है कि कुछ लोगों को कोर्ट केस जीतने पर भी न्याय नहीं मिल पाता। और उनको सही मायने में न्याय देने की जिम्मेदारी आपकी है। वे ऐसा सामने बैठे मुख्य न्यायाधीश, वकील और कानून एवं न्याय मंत्री से कह रही है। इसमें उन्होंने कही भी महिला पहलवानों की बात नहीं की है। आप नीचे दिये गये वीडियो में देख सकते है।
आगे बढ़ते हुये हमें इस वीडियो का लंबा वर्जन भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक चैनल पर 24 मई को प्रसारित किया हुआ मिला। उसके साथ दी गयी जानकारी में लिखा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड उच्च न्यायालय के नये भवन का उद्घाटन किया। और उस दौरान उन्होंने यह भाषण दिया।
हमने देखा कि इसमें भी द्रौपदी मुर्मू कही भी महिला पहलवानों के बारें में बात नहीं कर रही है।
इससे हम कह सकते है कि वायरल वीडियो के साथ गलत दावा किया जा रहा है और उसे अधूरा शेयर किया जा रहा है।
आपको बता दें कि पी.आई.बी की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी में बताया था कि यह कार्यक्रम झारखंड की राजधानी रांची में 24 मई को हुआ था।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। यह वीडियो अधूरा है। इसमें द्रौपदी मुर्मू महिला पहलवानों को न्याय देने की बात नहीं कर रही है।
Title:क्या द्रौपदी मुर्मू महिला पहलवानों को न्याय देने की बात कर रही है? जानिये सच…
Written By: Samiksha KhandelwalResult: Missing Context
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