
सोशल मीडिया पर अकसर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी के क्लिप्ड वीडियो फैलाये जाते रहें है जिससे लोगों के बीच एक भ्रम पैदा किया जाता है | इसी सन्दर्भ में अब सोशल मीडिया पर एक ६ सेकंड की क्लिप को साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि राहुल गाँधी ने कहा है कि “जो रेड है, वो ग्रीन है, जो ग्रीन है वो रेड है |” इस क्लिप को सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी का मज़ाक बनाने के उदेश्य से फैलाया जा रहा है |
इस वीडियो को भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्र ने भी उनके ट्विटर अकाउंट से साझा किया है | उनके ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि “पीछे से आलू आगे से सोना और अब जो RED है वो GREEN है जो GREEN है वो RED है ये क्या है |”
हालाँकि यहाँ ध्यान इस बात पर दिया जाना चाहिये की ये क्लिप एक लम्बे वीडियो का मात्र ६ सेकंड की क्लिप है और क्या वास्तव में इस वाक्य का उपयोग कोरोनावायरस से संबंधित निर्दिर्ष्ट क्षेत्र के सन्दर्भ में किया गया हैl
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो क्लिप को कीवर्ड्स के माध्यम से ढूँढकर की, जिसके परिणाम से हमें राहुल गांधी द्वारा भारत में कोरोनोवायरस फैलने पर एक घंटे की प्रेस ब्रीफिंग का वीडियो यूट्यूब पर मिला | पत्रकारों के साथ उनकी बातचीत का यह वीडियो ७ मई को कांग्रेस द्वारा यूट्यूब पर अपलोड किया गया है |
प्रेस वार्ता में लगभग १८:४५ मिनट पर, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के एक पत्रकार ने गांधी के विकेंद्रीकरण पर सवाल उठाया, जिसके जबाब में राहुल गाँधी ने लोकल स्तर पर मजबूत स्थानीय नेताओं द्वारा वायरस से निपटने की आवश्यकता पर ध्यान केन्द्रित करने को बताया | फिर उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा देश भर में प्रकोप की तीव्रता के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों की स्थापना के बारे में बात की और बताया कि इस तरह स्थानीय सूचनाओं के आधार पर इन क्षेत्रों का गठन क्यों किया जाना चाहिए |
फिर १९ मिनट ४५ सेकंड पर राहुल गाँधी कहते है कि
“मैं आपको एक छोटा सा उदाहरण देता हूँ- यह जो ज़ोन्स बने है रेड, ऑरेंज, ग्रीन यह नेशनल लेवल से बने है | यह ज़ोन्स स्टेट लेवल पर बनने चाहिए | हमारे स्टेट के चीफ मिनिस्टर्स हमें कह रहे है कि नेशनल लेवल पे जो रेड जोन है वो असल में ग्रीन जोन है, और जो ग्रीन जोन है वो असल में रेड जोन है, तो जब सारी जानकारी स्टेट लेवल नेताओं के पास है तो इस वजह से ज़रूरी है कि जो हमारे जोन बने वो असल डी.एम् और मुख्यमंत्री के आधार पर बनने चाहिए | राज्यों के मुख्यमंत्री के पास यह जानकारी है, दिल्ली में यह जानकारी नही है |”
वे आगे कहते हैं कि चूंकि राज्य के नेताओं के पास जानकारी उपलब्ध है, इसलिए जिला मजिस्ट्रेट और मुख्यमंत्री से सलाह लेते हुए ज़ोन का गठन किया जाना चाहिए |
इससे हम स्पष्ट हो सकते है कि सोशल मीडिया पर वायरल उनके कथन को मात्र ६ सेकंड का दिखा के सन्दर्भ के बहार साझा किया जा रहा है | मूल वीडियो में राहुल गाँधी असल में राज्य के स्तर पर नेताओं द्वारा कहे गयी बात को दौहरा रहे थे | नीचे आप मूल वीडियो और सोशल मीडिया पर कट कर वायरल क्लिप की तुलनात्मक विश्लेषण देख सकते है |
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर राहुल गाँधी के मूल वीडियो को क्लिप कर गलत संदर्भ से फैलाया जा रहा है | मूल वीडियो में राहुल गाँधी राज्यों के स्तर पर नेताओं द्वारा कही गयी बात को दौहरा रहे थे |

Title:Clipped Video- राहुल गाँधी के कोरोनावायरस ज़ोन्स पर दिए गये वाक्य को गलत सन्दर्भ के साथ लोगो को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
