वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने नोवेल कोरोनावायरस को इंटरनेशनल स्तर पर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है | वैज्ञानिकों ने वायरस के जीनोमिक अनुक्रम की मैपिंग की है लेकिन अभी भी वायरस का स्रोत नहीं ज्ञात हो पाया है | इस स्वास्थ्य आपातकाल के समय, सोशल मीडिया पर कई फर्जी तस्वीरें, वीडियो और मेसेज वायरल हो रहे हैं, जो विभिन्न देशों के नागरिकों में दहशत पैदा कर रहे हैं |
हमें फैक्ट क्रेस्सन्डो व्हाट्सएप नंबर- 9049053770 पर एक वायरल मैसेज मिला जिसमें दावा किया गया था कि कोरोनावायरस ने अब भारत में बॉयलर चिकन को संक्रमित कर दिया है। यह नागरिकों से बॉयलर चिकन मांस का सेवन नहीं करने की भी अपील करता है। यह कहता है कि यह संदेश मुंबई के खार में मुस्लिम समुदाय द्वारा एक सार्वजनिक सेवा अपील है |
मेसेज में लिखा गया है कि “बायलर चिकन में कोरोनावायरस, तमाम लोगों से अपील है की जाती है की बॉयलर चिकन का गोस्त का इस्तेमाल न करे | मुस्लिम कम्युनिटी खार मुंबई – दुआ की अपील |” संदेश संक्रमित चिकन की चार तस्वीरों के साथ मिला है |
यह वायरल मैसेज और तस्वीरें फेसबुक पर खूब वायरल हो रही हैं | पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “बोइलर मुर्गे मे करोना वाइरस को पाया गया हैं तमाम लोगो से गुज़ारिश की जाती हैं की बोइलर मुर्गे के गोश्त का 90 दिनो तक इस्तेमाल ना करे। शुक्रिया |”
अनुसंधान से पता चलता है कि..
हमने चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के स्रोत के बारे में जानकारी प्राप्त करके अपनी जांच शुरू की | सीडीसी की वेबसाइट के अनुसार सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारी और साझेदार 2019-nCoV के स्रोत की पहचान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं | कोरोनावीरस वायरस का एक बड़ा परिवार है, जो कुछ लोगों के बीच बीमारी पैदा करता है और अन्य जो ऊंट, बिल्ली और चमगादड़ सहित जानवरों को बीमार करता हैं | वायरस के विशिष्ट स्रोत को जानने के लिए इस वायरस के आनुवंशिक पेड़ (genetic tree) का विश्लेषण जारी है | SARS, एक किसम का कोरोनोवायरस है जो लोगों को संक्रमित करता है जो सिवेट बिल्लियों से आया है, जबकि MERS, एक और कोरोनोवायरस है जो लोगों को संक्रमित करता है जो ऊंटों से आया है |
CDC’s Summary – 2019 Novel Coronavirus (2019-nCoV) Situation Summary
फैक्ट क्रैसेन्डो ने महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय से सम्बंधित मुंबई वेटरनरी कॉलेज के पोल्ट्री साइंस विभाग के सहायक प्रोफेसर दीपाश्री देसाई से संपर्क किया | उन्होंने हमें पुष्टि की कि सोशल मीडिया पर वायरल संदेश पूरी तरह से गलत और आधारहीन है, अभी कोई वैज्ञानिक सबूत उपलब्ध नहीं है जो यह पुष्टि करता है कि कोरोनावायरस ने बॉयलर चिकन को प्रभावित किया है | बॉयलर चिकन और अंडे का सेवन करना बिलकुल सुरक्षित है |
मुंबई वेटरनरी कॉलेज के एसोसिएट डीन, डॉ. ए.एस रानाडे ने इस संदर्भ में एक स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसे यहां मराठी भाषा में यहाँ पढ़ा जा सकता है |
संचलन में असंबंधित चित्र-
हमने प्रत्येक चित्र के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि ये चित्र पुराने और असंबंधित हैं | आप नीचे दिए गए परिणाम देख सकते हैं-
चित्र 1- यह छवि ‘येलो ब्रेड शॉर्ट्स’ नामक एक वेबसाइट से है जहाँ दर्शित चिकन एस्परगिलोज़ नामक बीमारी से पीड़ित है |
चित्र 2-
रिसर्च गेट वेबसाइट के कई शोधकर्ताओं ने 2014 के एक लेख में “ब्रायलर फार्म में कॉलीबैसिलोसिस के एक प्रकोप” इस तस्वीर को प्रकाशित किया था | तस्वीर पर कैप्शन में लिखा है, “खुले मुंह से सांस लेते हुए एक बीमार मुर्गी |” इस चित्र को मैदुगुरी विश्वविद्यालय के पेरासाईटोलोजी और एंटोमोलोजी विभाग के काँटों मोहम्मद द्वारा अपलोड किया गया था |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | इस तरह की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है जो इस बात को सत्यापित करे की बॉयलर चिकन को कोरोनावायरस ने संक्रमित किया है, इस बीमारी का स्रोत अभी तक नहीं मिला है | परिचालित की गई तस्वीरें पुरानी और असंबंधित हैं |
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