यह क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा भेजा गया मंगल ग्रह का एक पुराना वीडियो है। ये दृश्य चंद्रमा के नहीं हैं और न ही इन्हें चंद्रयान-3 द्वारा भेजा गया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 23 अगस्त को चंद्रयान -3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतारा। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला पहला और चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। हर्षोल्लास के जश्न के बीच, चंद्रमा पर उतरने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो के साथ दावा किया गया है कि चंद्रमा पर लैंडिंग के बाद चंद्रयान-3 द्वारा भेजा गया यह पहला वीडियो है। वीडियो में एक चट्टानी ग्रे रंग की सतह दिखाई गई है।

वायरल वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है कि “चंद्रयान 3 ने लैंडिंग के बाद चंद्रमा का पहला वीडियो भेजा।”

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अनुसंधान से पता चलता है कि...

वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें स्क्रीन पर ‘नासा’, ‘क्यूरोसिटी रोवर’ और ‘मार्स’ जैसे शब्दों को देख सकते है। क्योंकि हम जानते हैं कि चंद्र मिशन के रोवर का नाम प्रज्ञान रोवर है न कि क्यूरियोसिटी रोवर। इससे दावे की प्रामाणिकता पर हमारा संदेह बढ़ गया।

जाँच की शुरुआत हमने वायरल वीडियो को कीवर्ड सर्च के माध्यम से ढूंढा जिसके परिणाम से हमें 8 अगस्त 2023 को एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। वीडियो के विवरण में लिखा है, “नासा के मार्स रोवर क्यूरियोसिटी ने मंगल 2023 मिशन के दौरान मंगल ग्रह से 4k रिज़ॉल्यूशन में उल्लेखनीय आश्चर्यजनक 360-डिग्री वास्तविक पैनोरमा छवियों को लाइव कैप्चर किया। सभी मनोरम दृश्य नासा मंगल मिशन के दौरान सोल 3899 और 3090 पर ऑनबोर्ड मास्ट कैमरों (पैनोरमिक कैम) द्वारा ली गई मंगल की कई छवियों से बने हैं।”

वीडियो में मौजूद टेक्स्ट में लिखा गया है कि नासा के क्यूरियोसिटी मार्स रोवर ने मंगल ग्रह पर "जौ" नामक स्थान पर एक प्रभाव क्रेटर के इस 360-डिग्री दृश्य को कैप्चर किया। यह वीडियो, वायरल वीडियो के विपरीत, ग्रे नहीं, बल्कि भूरा और लाल है। इससे हमें पता चलता है कि वायरल क्लिप का रंग डिजिटल तरीके से बदला गया था।

ऊपर दिए गए वीडियो में हम 0.19 मिनट से लेकर 4.13 मिनट तक वायरल वीडियो के दृश्यों को देख सकते हैं। वायरल वीडियो की तुलना यूट्यूब वीडियो से करने पर हमें उनमें कुछ समानताएं मिलीं। दोनों वीडियो में हम एक ही अंडाकार आकार का गड्ढा और चट्टानी संरचनाएं देख सकते हैं। नीचे आप तुलना देख सकते हैं-

हमें नासा की वेबसाइट पर भी वायरल वीडियो के एक दृश्य की ज़ूम-आउट वर्शन वाली तस्वीर मिली। जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा 25 जुलाई 2023 को मंगल ग्रह पर जाउ नामक स्थान पर खींची गई थी। यह तस्वीर एक गड्ढे की है जिसे मिशन के 3,899वें मंगल दिवस पर खींचा गया था। क्रेटर की चौड़ाई 60 फीट या 18 मीटर है। यह वीडियो 129 छवियों से बना था जिन्हें क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा पृथ्वी पर वापस भेजा गया था। नासा की वेबसाइट पर, मंगल ग्रह की कई पैनोरमिक छवियां और 360-डिग्री वीडियो उपलब्ध हैं।

निष्कर्ष-

तथ्यों कि जाँच के पश्चात हमने वायरल वीडियो के साथ किये गये दावे को गलत पाया है। वायरल वीडियो मंगल ग्रह का है जिसे नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने कैद किया था, चंद्रमा का नहीं। मंगल ग्रह के वीडियो को चंद्रमा से चंद्रयान 3 द्वारा कैप्चर किए गए दृश्यों के रूप में गलत तरीके से साझा किया गया।

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Title:क्या यह चंद्रयान 3 द्वारा भेजा गया चंद्रमा की सतह का वीडियो है?

Written By: Drabanti Ghosh

Result: False