महंगाई भत्ता और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत के सम्बन्ध में वायरल हो रहा दस्तावेज फर्ज़ी है।

False Government

इन दिनों सोशल मंचों पर एक सरकारी दस्तावेज जैसे दिखने वाले ज्ञापन की तस्वीर वायरल हो रही है जिसके मुताबिक इस वर्ष 1 जुलाई से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की बहाली शुरु हो गयी है।

वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, 

डी.ए के सम्बन्ध में…।”

फेसबुक | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहा कथित सरकारी ज्ञापन की तस्वीर फर्जी है। केंद्रीय सरकार ने इस वर्ष 1 जुलाई से कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की बहाली शुरु नहीं की हैं।

जाँच की शुरुवात हमने वायरल हो रहे दावे व दस्तावेज को गूगल पर कीवर्ड सर्च कर खोज कर की, परिणाम में हमें ऐसा कोई भी समाचार लेख नहीं मिला जो इस बात की पुष्टि करता हो कि इस वर्ष 1 जुलाई से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की बहाली शुरु हो गयी है।

इसके बाद फैक्ट क्रेसेंडो ने पी.आई.बी के वित्त विभाग के प्रेस संबंध और सूचना प्रभाग के कुश मोहन नाहर से संपर्क किया व उन्होंने हमें बताया कि “वायरल हो रहा दावा गलत है व वायरल हो रहे सरकारी दस्तावेज की तस्वीर भी फर्ज़ी है। सरकार ने ऐसा कोई भी ऐलान नहीं किया है जिसमें कहा गया हो कि केंद्रीय सरकार इस वर्ष 1 जुलाई से कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की बहाली शुरु कर रही हैं।“

तदनंतर अधिक जाँच करने पर हमें केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा उनके आधिकारिक फेसबुक पेज पर इस वर्ष 26 जून को किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें उन्होंने वायरल हो रहे दस्तावेज व दावे को फर्जी व गलत बताते हुये अपना स्पष्टीकरण जारी किया है व लिखा है कि, “जुलाई 2021 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डी.ए फिर से शुरू करने और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत का दावा करने वाला एक दस्तावेज सोशल मीडिया पर घूम रहा है। #𝗙𝗔𝗞𝗘

फेसबुक | आर्काइव लिंक

तदनंतर गूगल पर अधिक कीवर्ड सर्च करने पर हमें वित्त मंत्रालय के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर भी यही स्पष्टीकरण इस वर्ष 26 जून को दिया हुआ मिला।

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आपको बता दें कि पी.आई.बी फैक्ट चेक ने भी अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इस वर्ष 26 जून को वायरल हो रहे इस दावे व दस्तावेज को गलत व फर्जी बताया है। उन्होंने लिखा है कि, “सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत जुलाई 2021 से फिर से शुरू की जाएगी। यह दावा फेक है। भारत सरकार की ओर से ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।“

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तत्पश्चात हमने गूगल पर अधिक कीवर्ड सर्च किया और ये जानने की कोशिश की कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि पर रोक क्यों लगा दी थी। परिणाम में हमें इंडिया.कॉम द्वारा इस वर्ष 30 जून को प्रकाशित किया गया एक समाचार लेख मिला जिसमें लिखा है कि, 

वित्त मंत्रालय ने पिछले साल अप्रैल में महामारी के कारण केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 30 जून 2021 तक महंगाई भत्ते में वृद्धि पर रोक लगा दी थी। इस वर्ष 26 जून को इसी सम्बन्ध में हुई एक बैठक के पश्चात सरकार इस नतीजे पर पहुंची कि, अगर कोरोना महामारी के सम्बन्ध में सब कुछ ठीक रहा तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जनवरी 2020, जून 2020 और जनवरी 2021 की पिछली तीन किस्तें एक साथ मिल जाएंगी। ये तीन किस्त सितंबर में आने की उम्मीद है। जून 2021 का महंगाई भत्ता भी इसमें शामिल होगा। जो कुल भुगतान किया जाएगा उसमें जून 2021 के डी.ए के साथ डी.ए की पिछली तीन किस्तें शामिल होंगी।

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहा सरकारी दस्तावेज फर्जी है और इस दस्तावेज के साथ वायरल हो रहा दावा गलत है। केंद्रीय सरकार द्वारा इस वर्ष 1 जुलाई से कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत की बहाली शुरु नहीं कर रही हैं।

फैक्ट क्रेसेंडो द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए क्लिक करें :

१. 500 रुपये के नोट पर लगी हरी पट्टी की जगह को लेकर हो रहे दावे गलत व भ्रामक हैं।

२. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना की तीसरी लहर के चलते संपूर्ण देश में लॉकडाउन की घोषणा की खबर फर्जी है|

३. ई-कॉमर्स वेबसाइट ‘EBAY’ पर बेचे जा रहे ओलंपिक ‘वॉलंटियर पिन’ को भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है|

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Title:महंगाई भत्ता और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को महंगाई राहत के सम्बन्ध में वायरल हो रहा दस्तावेज फर्ज़ी है।

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False