कोरोना वायरस का संक्रमण जैसे-जैसे दुनिया में फैल रहा है, सोशल मीडिया पर इससे संबंधित जानकारियां भी अलग अलग प्रारूप में फैलती जा रहीं हैं, जहाँ एक और गलत व भ्रामक दावों के साथ इन मंचो पर कई दावे किये जा रहें है वहीँ अब कुछ दावे सांप्रदायिक रंग के साथ करोंना को जोड़ दिखाई दे रहें हैं, ऐसे ही एक दावे के साथ एक मैसेज सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से वाईरल हो रहा है जहाँ एक तस्वीर के माध्यम से ये दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में दिखाई गयी महिला यूपी के बरेली में कोरोना बम बनकर छुपे हुए तबलीगी जमात के जिहादियों की जांच करने गयी थी जहा जिहादियों ने उनपर हमला किया और गंभीर चोट के कारण अब उनकी मौत हो गई है | पोस्ट में बताया गया है कि ये महिला उत्तर प्रदेश की डॉक्टर वंदना तिवारी है जो उत्तर-प्रदेश में कोरोना के मरीज़ों का इलाज करने के लिए गई थी जहा उनपर हमला किया गया और आज उनकी मौत हो गयी है |
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “बहुत दुखद ।। नीचे वाली फ़ोटो मैं जो है यह लेडी डॉ बंदना तिवारी जी है जो UP के बरेली में कोरोना बम बनकर छुपे हुए तबलीगी जमात के जिहादियों की जांच करवाने गयी थी जहाँ जिहादियों ने बड़ी संख्या में पुलिस टीम पर हमला कर दिया जिसमें यह गंभीर रूप से घायल हो गई थी | आज यह कर्मठ कर्मयोगिनी शहीद हो गई इन्हें हमारी बिनम्र श्रद्धांजलि |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम में हमें ७ अप्रैल २०२० को भोपाल समाचार द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली | इस खबर के अनुसार शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की फ़ार्मासिस्ट वंदना तिवारी कोरोना संक्रमण के खिलाफ काम करने वाली टीम में थीं , ३१ मार्च को अचानक ही ऑन ड्यूटी उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें ज़िला अस्पताल में भर्ती करवाया गया | बाद में तबीयत ज़्यादा बिगड़ने पर उन्हें १ अप्रैल को ग्वालियर के बिरला अस्पताल में लाया गया था | डॉक्टर ने बताया कि तिवारी को ब्रेन हैमरेज हुआ है | उनका ऑपरेशन भी किया गया लेकिन वो कोमा में चली गईं | इसके बाद ७ अप्रैल को उनकी मौत हो गई | इस न्यूज़ रिपोर्ट में हमें सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर भी मिली |
इसके आलावा हमें यूपी पुलिस द्वारा ९ अप्रैल २०२० प्रकाशित आधिकारिक ट्वीट मिला जहा उन्होंने उन्होंने लिखा है कि वंदना तिवारी की मौत की घटना का उत्तर प्रदेश का नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश से है | उन्होंने अपनी ट्वीट में ‘भोपाल समाचार’ की रिपोर्ट का उल्लेख भी किया है |
इसके आलावा हमें सत्यभान सिंह नाम के एक ट्विटर यूज़र द्वारा शेयर किया गया एक ट्वीट मिला | ट्वीट में उन्होंने तिवारी का वीडियो को शेयर करते हुए सरकार की ओर से सहायता मांगी थी | ट्वीट में उन्होंने खुद को वंदना तिवारी के परिवार का सदस्य बताया है |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर फ़ार्मासिस्ट वंदना तिवारी की तस्वीर को साझा करते हुए एक सांप्रदायिक रूप दिया गया है | वंदना तिवारी की मध्य प्रदेश में ब्रेन हेमरेज की वजह से मौत हुई है जिस घटना को सोशल मीडिया में इस कथन से फैलाया गया कि वे उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीज़ों का इलाज करने गई थीं लेकिन ‘जिहादियों’ ने उन पर हमला कर दिया और इस वजह से उनकी मौत हो गई, जो कि सरासर गलत है |
Title:सोशल मीडिया पर फ़ार्मासिस्ट वंदना तिवारी की तस्वीर को साझा करते हुए एक सांप्रदायिक रूप दिया गया है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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