सोशल मंचों पर अकसर दूसरे देशों के वीडियो को भारत का बता उन्हें गलत दावों के साथ साझा किया जाता रहा है। फैक्ट क्रेसेंडो ने ऐसे कई वीडियो का अनुसंधान कर उनकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुंचाई है।

इन दिनों ऐसा ही एक वीडियो इंटरनेट पर काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। उसमें आप रास्ते पर आक्रोश में कई लोगों की भीड़ को देख सकते है। उनसे आप रास्ते पर लगे पंडाल को नष्ट करते हुए देख सकते है। साथ ही आस-पास की चीज़ों पर पत्थर फेकते हुए भी आप लोगों को देख सकते है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) में लोग दुर्गा माता के पंडाल (Durga Pandal) को नष्ट (Vandalize) कर रहे है।

वायरल हो रहे पोस्ट के साथ यूज़र ने लिखा है,

एक share ही कर दो क्या पता आपके share करने से कोई एक बन्दा समझ जाएं,वहीं बहुत है। जहाँ भी इनकी संख्या थोड़ी ज्यादा है वहा यही हाल है, अब भी समय है सम्भल जाओ देखो बंगाल में आज नहीं कर सकते दुर्गा पूजा,, बंगाल में हिंदुओं के घर के आंगन में बने पंडाल को भी तोड़ा जा रहा है। बंगाल के हिंदु मजबुर होकर अपनी घर-द्वार, सारी संपत्ति छोड़कर वहां से भागने का प्लान हो रहा हैl हों सर्व सम्मत! ये कभी भरोसा करने लायक और साथ चलने लायक नहीं है। शास्त्र के साथ शस्त्र भी।“

(शब्दश:)

फेसबुक

इंटरनेट पर लोगों ने इस वीडियो को सांप्रदायिकता से जोड़कर भी साझा किया है।

https://twitter.com/Pushpay94024047/status/1449344816265895943

आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा सरासर गलत है। इस वीडियो में घट रही घटना बांगलादेश के नोआखली की है। इसका भारत के पश्चिम बंगाल से कोई संबन्ध नहीं है।

जाँच की शुरुवात हमने फेसबुक पर कीवर्ड सर्च कर की। हमें यही वीडियो एक यूज़र द्वारा प्रसारित किया हुआ मिला। ओसवाल्डो रॉयट नामक एक यूज़र ने इसी वीडियो को इस वर्ष 16 अक्टूबर को प्रसारित किया हुआ मिला। इस वीडियो के साथ दी गयी जानकारी में लिखा है, वीडियो में दिख रही घटना बांगलादेश (Bangladesh) के नोआखली (Noakhali) में हुई है। लोगों की भीड़ हिंदू मंदिर (Hindu Temple) पर हमला कर रही है व दुर्गा पूजा (Durga Puja) के लिये बनाई गयी सजावट को नष्ट कर रही है।

फेसबुक

इसके बाद आगे बढ़ते हुए हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया व हमें आज तक एच.डी द्वारा प्रसारित एक रिपोर्ट मिली। उसमें आप 2.16 से लेकर 2.34 तक इस वीडियो को देख सकते है व आगे भी इसके छोटे- छोटे क्लिप दिखाये गये है। वीडियो के साथ दी गयी जानकारी में लिखा है, बांगलादेश में मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे है। नोआखली में उपद्रवियों ने इस्कॉन मंदिर (Iskcon Temple) पर हमला किया व नवरात्रि के दौरान लगे दुर्गा पूजा के पंडालों को भी तहस- नहस किया।

आर्काइव लिंक

इसके बाद हमने गूगल पर और कीवर्ड सर्च किया व वहाँ हमें टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक समाचार लेख मिला। उसमें भी यही वीडियो प्रसारित किया हुआ था। उस लेख में भी यही जानकारी दी गयी थी कि यह वीडियो बांगलादेश के नोआखली का है। उसमें लिखा है कि इस वर्ष 15 अक्टूबर को, लगभग 200 कट्टरपंथियों की भीड़ ने नोआखली जिले के इस्कॉन मंदिर पर हमला किया। इस्कॉन समुदाय का दावा है कि हमले में तीन हिंदुओं की मौत हो गई, जिसमें 25 वर्षीय पार्थ दास भी शामिल हैं, जिनका शव मंदिर के बगल में एक तालाब में मिला था। इस्कॉन ने भारत सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी से भी इस मामले को बांग्लादेशी सरकार के सामने उठाने का आवाहन किया है।

आर्काइव लिंक

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहे वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है। इस वीडियो में घट रही घटना बांगलादेश के नोआखली की है। इसका भारत के पश्चिम बंगाल से कोई संबन्ध नहीं है।

तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है|

Avatar

Title:बांगलादेश के नोआखली में तोड़े गये दुर्गा पंडाल को पश्चिम बंगाल का बता सांप्रदायिकता से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False