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घटना का ब्राह्मणों या जबरदस्ती बलि देने से कोई सम्बन्ध नहीं है |

सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में कोरोनावायरस के प्रकोप के बचने के लिए ब्राह्मणों ने भगवान शिव को बलि के रूप में अर्पित करने के लिए कक्षा ८ में पढ़ने वाली एक नाबालिक बालिका की जीभ काट दी है | पोस्ट के साथ संग्लित तस्वीर में एक लड़की की तस्वीर सोशल मीडिया पर दिखाई जा रही है जिसके मुहँ के अन्दर घाव बना हुआ है|
पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “पाखंवाद की हद हो गई यूपी के बुंदेलखंड मैं गांव को कोरोना से बचाने के लिये आठवी क्लास के बच्ची की जीभ #ब्रह्मणवादियो ने काटकर शिवजी के मंदिर में चढ़ाई,कुछ नहीं रखा इस पाखंडवाद में बाहर निकल जाइए इससे पहले कि बहुत देर हो जाए खुद भी समझें दूसरों को भी समझाए कि पाखंडवाद से दूर रहें |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक 

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त घटना से संबंधित कीवर्ड्स को गूगल पर ढूँढकर की, जिसके परिणाम से हमें २२ मई २०२० को न्यूज़ १८ द्वारा प्रकाशित एक खबर मिली, जिसके अनुसार अंधविश्वास से वशीभूत होकर, बांदा के भड़वाल गाँव में एक १६ वर्षीय लड़की ने अपनी जीभ काट ली जिससे उसने गाँव को कोरोनावायरस से बचाने के लिए एक शिव मंदिर में यज्ञ के रूप में चढ़ाया, बताया जा रहा है कि किशोरी का कहना था कि ऐसा करके उसके गांव को कोरोना की भयानक महामारी से बचाया जा सकता था. उसने कुछ दिनों पहले उसने भगवान शिव से गांव की रक्षा करने की मन्नत मांगी थी और संकल्प स्वरूप उसने अपनी जीभ काट कर चढ़ाने का निर्णय लिया था |

आर्काइव लिंक

फैक्ट क्रेसेंडो ने बांदा ने ए.एस,पी लाल भारत कुमार पाल जी से संपर्क किया,इस प्रकरण पर उनके द्वारा हमें बताया गया कि 

सोशल मीडिया इस घटना को एक गलत कथन के साथ फैलाया जा रहा है , बच्ची नाबालिग है और इसने खुद से अपनी जिव्हा को काटकर भगवान शिव को अर्पित किया था | यह बालिका पूर्व से ही अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति की है और शिव भक्त है, करोना की महामारी को अपने गाँव से दूर रखने के लिये मन्नत मांगने व इसके चलते संकल्प के तौर पर अपनी जिव्हा यज्ञ में सपर्पित करने का कार्य इस बच्ची द्वारा स्वयं किया गया है, जांच के पश्चात के पाया गया है की इस घटना में इस बच्ची के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की गयी और न ही इस घटना में ब्राह्मण समाज का कोई हाथ है, हम आपके माध्यम से सोशल यूज़र्स से ये निवेदन करतें हैं कि गलत विवरण के साथ इस घटना को आगें न बढाएं व सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखें |”

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | बच्ची द्वारा स्वयं से किये गये कार्य को ब्राह्मणों द्वारा जबरन किया गया कृत्य बताकर गलत विवरण के साथ सोशल मंचो पर फैलाया जा रहा है|

Title:घटना का ब्राह्मणों या जबरदस्ती बलि देने से कोई सम्बन्ध नहीं है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False

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