३ मई २०१९ को फेसबुक पर ‘Manjit Singh Matharoo’ नामक यूजर ने एक पोस्ट साझा किया है | पोस्ट में एक विडियो दिया गया है | विडियो में दिखता है कि, कांग्रेस के पंजाब से आनंदपुर साहिब लोक सभा सीट के उम्मीदवार मनीष तिवारी इनके पिता डॉ. व्ही. एन. तिवारी इनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाये गए है | विडियो में कहा गया है कि, १९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उमड़ी सिखविरोधी हिंसा को भड़काने में डॉ. व्ही. एन. तिवारी ने मदद की तथा दंगाईयों को पेट्रोल व तेल की आपूर्ति की थी | विडियो में यह भी कहा गया है की, क्या आप उस उम्मीदवार को चुनकर देंगे जिसका पिता कई सिखों की हत्या में शामिल था?
इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि मनीष तिवारी इनके पिता डॉ. व्ही. एन. तिवारी ने दंगाईयों को पेट्रोल व तेल की आपूर्ति की थी | क्या सच में ऐसा कुछ हुआ था? आइये जानते है इस विडियो तथा पोस्ट के दावे की सच्चाई |
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले Did Manish Tiwari’s father helped sikh massacre in delhi इन की वर्ड्स के साथ गूगल में सर्च किया तो हमें बिज़नेस स्टैण्डर्ड द्वारा प्रसारित एक खबर मिली, जिसमे लिखा गया है कि, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने उनके फॅमिली के खिलाफ विडियो द्वारा आरोप किये जाने के विरुद्ध चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज की है |
इसी सर्च से हमें मनीष तिवारी द्वारा इस संदर्भ में किये गए दो ट्वीट भी मिले, जो आप नीचे देख सकते है |
इस ट्वीट में मनीष तिवारी ने कहा है कि, यह एक बहुत ही घटिया प्रचार किया जा रहा है | मेरे पिताजी संसद सदस्य, पंजाबी के प्रोफेसर थे और नवम्बर १९८४ में सिखविरोधी दंगा भड़कने के छह माह पहले ही, ३ अप्रैल १९८४ को चंडीगढ़ में हमारे घर पर ही उनकी हत्या की गई थी | मेरी माँ जाट सिख थी |
इस ट्वीट में मनीष तिवारी ने कहा है कि, उनके मतदान प्रतिनिधि देवन पवन ने मेरे पिता डॉ. व्ही. एन. तिवारी के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए विडियो फ़ैलाने वालों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआयआर) दर्ज की है |
इसके बाद हमने डॉ. व्ही. एन. तिवारी के बारे में जानने की कोशिश की | उपरोक्त पोस्ट में किये गए दावे के अनुसार यह ढूंढ निकालने की कोशिश की, क्या उनका नाम १९८४ के सिखविरोधी दंगों के अपराधियों की लिस्ट में था? गूगल पर सर्च करने के बाद sikhsangat नामक एक वेबसाइट पर इन दंगों के अपराधियों की एक लिस्ट दी है | इस लिस्ट में डॉ. व्ही. एन. तिवारी का नाम नहीं है |
इसके बाद हमने डॉ. व्ही. एन. तिवारी की मृत्यु कब और किन हालात में हुई यह ढूंढा | हमें द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा ४ अप्रैल १९८४ को प्रकाशित एक खबर मिली, जिसमे डॉ. व्ही. एन. तिवारी की आतंकवादियों द्वारा उनके घर पर हत्या किये जाने की बात लिखी है | यह भी लिखा है कि, दिश्मिंश रेजिमेंट नामक एक नए आतंकवादी संघटन ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है |
इस संशोधन से यह बात स्पष्ट होती है कि, मनीष तिवारी – जो आनंदपुर साहिब से लोक सभा के लिए कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी है – के पिता डॉ. व्ही. एन. तिवारी इनकी हत्या नवम्बर १९८४ में सिखविरोधी दंगा भड़कने के छह माह पहले ही, ३ अप्रैल १९८४ को चंडीगढ़ में उनके घर पर ही आतंकवादियों द्वारा की गई थी | तो नवम्बर १९८४ में सिखविरोधी दंगों में उनका सम्मिलित होना, यह बात केवल असंभव है |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा की, “१९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उमड़ी सिखविरोधी हिंसा को भड़काने में डॉ. व्ही. एन. तिवारी ने मदद की तथा दंगाईयों को पेट्रोल व तेल की आपूर्ति की थी |” सरासर गलत है | नवम्बर १९८४ में सिखविरोधी दंगा भड़कने के छह माह पहले ही, ३ अप्रैल १९८४ को चंडीगढ़ में उनके घर पर ही आतंकवादियों द्वारा उनकी हत्या की गई थी |
Title:क्या कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के पिता डॉ. व्ही. एन. तिवारी ने १९८४ में सिखविरोधी दंगाईयों की मदद की थी ?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
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