केवल शक के चलते इन ग़रीब औरतों को बच्चा चोर समझ कर पीटा गया।

False National Social

Picture Courtesy : ETVbharat.com

बच्चा उठाने वालों लो ले कर आज कल सोशल मीडिया में कई दावे वाइरल हो रहे हैं, अकसर ऐसे मामलों में लोग ग़लतफ़हमी का शिकार बन वृद्ध, ग़रीब या मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को बच्चा-चोर समझ के पीटते हुये पुलिस थाने ले जा रहे हैं, हमारे द्वारा ऐसे ही कई दावे हाल ही में ग़लत पाए गए व एक ऐसा ही दावा एक वीडियो के माध्यम से २९ अगस्त २०१९ को फेसबुक पर ‘Pravindra Sagarwal’ नामक फेसबुक यूजर ने एक वीडियो पोस्ट कर के किया है, जिसमें कहा जा रहा है कि वीडियो में दिख रही औरतें बच्चा चोर हैं जिन्हें भीड़ द्वारा पकड़ा गया है, और इनको पुलिस पकड़ कर ले जा रही है। पोस्ट के विवरण में लिखा है “Baccha chor gang se savdhan” | क्या ‘वीडियो में दिखाई गई महिलाएं बच्चा चोर का दल है |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |

सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:

FacebookPost | ArchivedLink

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरूवात हमने इस वीडियो को बारीकी से देखने से की, जिसमें  कुछ बातें निकल कर आतीं है| 

1-इस वीडियो में एक मस्जिद दिख रहा है |

2-एक रिक्शा दिख रहा है, जिसपर ‘परी मेट्रो ई रिक्षा’ लिखा है |

3-एक दुकान दिख रही है, जिसपर ‘बिलाल मोबाइल केयर’ लिखा है |

वीडियो में लोगों की भाषा से प्रतीत होता है कि यह वीडियो उत्तर भारत के किसी शहर का है | उत्तर भारत में कोई इस प्रकार की घटना घटी है कि नहीं ये जानने के लिए हमने उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्विटर एकाउंट्स को ढूंढा, हमें उत्तर-प्रदेश के शामली पुलिस द्वारा २८ अगस्त २०१९ को किया गया ट्वीट मिला | इस ट्वीट में लिखा था कि, “गली मोहल्लों में घूम घूम कर रस्सी और खिलौने बेचने वाली महिलाओं को बच्चा चोर गैंग बताकर अफवाह उड़ाने व भीड़ इकट्ठा कर मारपीट करने वाले चार आरोपियों को @shamlipolice ने किया गिरफ्तार |”

इस पर हमने शामली के SP अजय कुमार पांडे से संपर्क साधा, तो यह वीडियो देखकर उन्होंने हमें कैराना के SHO से इस सन्दर्भ में बात करने के लिया कहा | जब हमने कैराना के SHO R. P. Singh से संपर्क किया, तो यह वीडियो देखने के पश्चात उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि, “यह वीडियो शामली के कैराना का है | यह ५ औरतें गुजरात की हैं और पानीपत से कैराना खिलौने बेचने आई थी | ४ लोगों ने इन्हें बच्चा चोर बताकर अफ़वाह फैलाना शुरू किया और फिर भीड़ जमाकर इन औरतों के साथ मार-पीट की| हमारी चीता टीम को जब इस बारे में ख़बर मिली, तो वे घटनास्थल पर पहुँचे व इन औरतों को वहाँ से सुरक्षित निकाल के पुलिस स्टेशन ले आए, पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया गया, पीड़ादायक बात यह थी कि इन औरतों के पास एक छोटा बच्चा भी था, मगर लोगो ने कोई इंसानियत नहीं दिखाई | यह घटना घोसा चोंकी मोहल्ला, अफ़गानान, कस्बा, कैराना, जिला शामली में २६ अगस्त २०१९ को घटी थी | हमने अफवाह फ़ैलाने वाले ४ व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर लिया है और उनपर कारवाही हो रही है |”

इस बारे में जब हमने गूगल पर ‘Mob beat up 5 women over child lifting rumours’ कीवर्ड्स से इस ख़बर को ढूंढा, तो हमें ANInews और ETVbharat द्वारा प्रकाशित ख़बरें मिली, जिसमें ETVbharat ने इन पाचों औरतों की तस्वीर भी दी है | जब हमने इस तस्वीर को उपरोक्त वीडियो से तुलना की, तो हमने इन्हें सामान पाया |

२७ अगस्त २०१९ : ANInews | ArchivedLink२८ अगस्त २०१९ : ETVbharat | ArchivedLink

इसके बाद हमने अफ़गानान, घोसा चोंकी मोहल्ला में हुसैनिया मस्जिद (जिसे गाढ़ों वाली मस्जिद के नाम से सब जानते है |) और उपरोक्त वीडियो में दिखने वाले बिलाल मोबाइल केयर से संपर्क किया और उनसे इस मोहल्ले की तस्वीरें मंगवाई, उनके द्वारा भेजी गई  तस्वीरें की जब हमने उपरोक्त वीडियो में प्राप्त स्क्रीनशॉट से तुलना की, तो हमने वारदात की जगह को समान पाया, इन तुलना को आप नीचे देख सकतें है |

पहली तस्वीर : हुसैनिया मस्जिद (गाढ़ों वाली मस्जिद)

दूसरी तस्वीर : बिलाल मोबाइल केयर

इन अनुसंधानों से यह बात स्पष्ट होती है कि पोस्ट में दर्शायी महिलाएं बच्चा चोर नहीं है और यह घटना शामली जिला के कैराना में २६ अगस्त तो घटी थी | यह ५ महिलाएं कैराना में खिलौने बेचने आई थी और कुछ लोगों द्वारा इन्हें बच्चा चोर गिरोह बता भीड़ इकट्ठा कर पीटा गया।

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘वीडियो में दिखाई गई महिलाएं बच्चा चोर का गिरोह है |’ ग़लत है |

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Title:केवल शक के चलते इन ग़रीब औरतों को बच्चा चोर समझ कर पीटा गया।

Fact Check By: Natasha Vivian 

Result: False