
नेहरु परिवार के सदस्य हमेशा से विभिन्न प्रकार के चर्चा में रहें हैं | भारत की स्वतंत्रता संग्राम से लेकर वर्तमान तक नेहरु परिवार के सदस्यों की काफ़ी प्रभावशाली भूमिका रही है | पंडित जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी व राहुल गांधी से सम्बंधित कई ग़लत ख़बरे और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वाईरल होती आईं हैं जिन्हें पूर्व में भी फैक्ट क्रेसेंडो टीम ने फैक्ट-चेक किया है | ऐसी ही नेहरु परिवार की एक दुर्लभ तस्वीर सोशल मिडिया पर साझा हो रही है, जिसमे यह दावा किया गया कि, “तस्वीर में दिख रहे चौथे व्यक्ति यूनुस खान है, जो इंदिरा गांधी के पति फ़िरोज़ खान के पिता है |”
आइये देखते हैं इस तस्वीर की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
इस तस्वीर को गूगल रिव्हर्स इमेज सर्च पर ढूँढने पर हमें ‘स्वराज्य मैगज़ीन” की वेबसाइट पर 22 मई 2016 को प्रकाशित एक लेख मिला, जो रूसी कला को उभारने में भारत के प्रभाव का था | इस लेख में हमें पोस्ट से हुबहू मिलती तस्वीर मिली, जिसमे तस्वीर में दिखने वाले चारों व्यक्ति के नाम विस्तृत थे | इस लेख के अनुसार तस्वीर में पंडित जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी, निकोलस रोएरीच और मोहम्मद यूनुस है |
इसके अलावा Svetoslav Roerich नामक किताब में भी कलाकार निकोलस रोएरीच के साथ ली गयी एक और तस्वीर मिली, जिसमें भी चौथे व्यक्ति का नाम मोहम्मद यूनुस बताया गया है |
कौन थे मोहम्मद यूनुस ?
गूगल में इस नाम को ढूँढने पर विकिपीडिया में इस बारे में जानकारी मिली, जिसके अनुसार मोहम्मद यूनुस खान भारतीय विदेशी सेवा के सदस्य थे | वे तुर्की, इंडोनेशिया, इराक और स्पेन के भारतीय राजदूत रह चुके हैं | उनका जन्म 26 जून 1916 को हुआ था और 17 जून 2001 को उनका निधन हुआ | उनकी मृत्यु के बाद ट्रिब्यून इंडिया ने 17 जून 2001 को उनकी निधन पर एक ख़बर प्रकाशित की थी | इस ख़बर में लिखा है कि, मोहम्मद यूनुस भारत के राजनयिक थे और जब वें कॉलेज में थे तब पंडित जवाहरलाल नेहरु से मिले थे |
ट्रिब्यून इंडिया आर्काइव | द हिंदू
फेरोज गांधी या फ़िरोज़ खान ?
फेरोज़ गांधी के बारे में अक्सर कहा जाता है कि, उनका असली नाम फ़िरोज़ खान था | इस बारे में ढूँढने पर हमें पता चला कि, फेरोज़ गांधी का जन्म 12 सितम्बर 1912 को मुंबई के तेह्मुल्जी नरिमा अस्पताल में हुआ था | फेरोज़ पारसी समुदाय से थे | उनका पूरा नाम फेरोज़ जेहांगिर घांडी था उन्होंने अपना उपनाम ‘घांडी’ से ‘गांधी’ स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने के बाद किया था |
संजय गांधी के निधन के बाद, उनकी संपत्ति के बटवारे को लेकर मेनका गांधी ने इंदिरा गांधी को संजय गांधी की संपत्ति का हिस्सा देने से मना कर दिया था। क्योंकि इंदिरा गांधी ने फेरोज़ गांधी से शादी की थी, जो अल्पसंख्यक पारसी समुदाय से थे | न्यूयॉर्क टाइम्स ने 2 मई 1984 को इस के बारे में ख़बर प्रकाशित की थी |
इन जानकारियों से ये बातें स्पष्ट होती है :
- तस्वीर में चौथा व्यक्ति मोहम्मद यूनुस खान है, जो भारत के राजनयिक थे |
- फेरोज़ गांधी पारसी थे, मुस्लिम नहीं और स्वतंत्रता आंदोलन के पहले उनका उपनाम ‘घांडी’ था |
- फेरोज़ गांधी के पिता का नाम जहांगीर फरीदून घांडी था |
- मोहम्मद यूनुस खान (जन्म – 1916) उम्र में फेरोज़ गांधी (जन्म – 1912) से 4 वर्ष छोटे थे |
जांच का परिणाम :
इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि, तस्वीर में दिखने वाला व्यक्ति मोहम्मद यूनुस खान है मगर उनका फेरोज़ गांधी से किसी भी प्रकार का पारिवारिक संबंध नहीं था |
उपरोक्त पोस्ट मे साझा तस्वीर के साथ किया गया दावा ग़लत है |
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Title:क्या तस्वीर में दिखाये गए यूनुस खान सच में इंदिरा गांधी के ससुर थे ? जानिये सच
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
