११ नवम्बर २०१९ को हमारे पाठक करण गिरी द्वारा हमारे व्हाट्सऐप नंबर 9049053770 पर फैक्ट चेक के लिए एक फेसबुक का लिंक भेजा गया | इस लिंक में १० तस्वीरें दी गयी हैं और विवरण में लिखा है कि, “Hundreds thousands of Uighur Muslims were tortured, tortured and killed in detention centers. While the world is still silent…We want PEACE. Pray for the PEOPLE.”
यह पोस्ट १० दिसम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘PEACE’ नामक एक यूजर द्वारा पोस्ट किया गया था | पोस्ट करने के २४ घंटे के अन्दर ही इस पोस्ट ने २००० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त कर ली थीं |
इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘चीन में उइंघुर मुसलामानों पर पर डिटेंशन कैंप में हो रहे अत्याचार की तस्वीरें |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने इन तस्वीरों को एक-एक कर गूगल रिवर्स इमेज सर्च व यांडेक्स इमेज सर्च में ढूंढा, हमें प्राप्त परिणाम आप नीचे देख सकतें हैं |
पहली तस्वीर : गूगल रिवर्स इमेज सर्च
हमें Falunhr.org नामक एक वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली | यहाँ प्रकाशित ख़बर के अनुसार ‘फालुन गोंग’ के अभ्यासियों पर किये जाने वाले अत्याचार के विरोध में यह प्रदर्शन किया गया था |
जब हमने इस बारे में अधिक छानबीन की, तो minghui.org नामक एक वेबसाइट से पता चला कि १७ जुलाई २००४ में फ्रांस के पेरिस में ‘फालुन गोंग’ के अभ्यासियों पर चीनी सरकार किस प्रकार अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल कर अत्याचार कर रही है, यह दिखाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया था | यह तस्वीरें उस प्रदर्शन की है |
दूसरी तस्वीर : यांडेक्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें Alamy.com नामक वेबसाइट पर मिली, इस तस्वीर के विवरण में लिखा गया है कि यह एक ३३ वर्षीय इरानी शरणार्थी है जिसने अपना विरोध जाहिर करने के लिए अपने आँखों और मुहँ को टांकों से बंध कर लिया था |
जब हमने इस घटना पर छानबीन की, तो BBC की वेबसाइट पर इस तस्वीर से सम्बंधित २७ मई २००३ को एक ख़बर प्रकाशित मिली | इस ख़बर के अनुसार नॉटिंघम में रहने वाले एक ईरानी व्यक्ति कुर्दिश ने होम ऑफिस द्वारा उसके प्रती रवैये के विरोध में अपनी आंख, कान और मुंह सिल दिया था | पूरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
तीसरी तस्वीर : यांडेक्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें Mirror.co.uk वेबसाइट पर ३ नवम्बर २०१५ को प्रकाशित मिली, जिसमें इस तस्वीर के विवरण में लिखा था कि यह घटना चीन के गुइझोउ प्रांत की है | यहाँ इन दोनों व्यक्तियों को अपने पड़ोसी के दो कुत्तों को चुराकर उनपे अत्याचार करने व ज़हर देकर मार देने की वजह से गांव के लोगों ने पकड़कर इनकी तस्वीर में दर्शाई गयी स्थिति कर दी थी| पूरी ख़बर को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
चौथी तस्वीर : गूगल रिवर्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें Dongtaiwang.com वेबसाइट पर ५ सितम्बर २००८ को प्रकाशित मिली, ख़बर के अनुसार यह तस्वीर ‘फालुन गोंग’ के अभ्यासी ४५ वर्षीय ज्हेंग शौजुन की है जिसे सन २००० में गिरफ़्तार किया गया था और तीन साल की सज़ा दी गयी थी | इस सज़ा के दौरान २००४ में शेनयांग शहर के झांग्शी लेबर कैंप में गार्डों ने उन्हें किस प्रकार प्रताड़ित किया, इन तस्वीरों में ज्हेंग शौजुन उसका प्रदर्शन कर रहें है | पूरी घटना के बारे में पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
Dongtaiwang.com | ArchivedLink
पांचवीं तस्वीर : यांडेक्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें Eastturkistaninfo.com नामक वेबसाइट पर ८ जुलाई २०१७ को प्रकाशित मिली, जिसके अनुसार यह एक ‘मोकड्रिल’ है, जिसमे चीन ने तुर्किस्तान से सम्बंधित आरोपियौं को अपने अपराधों को क़ुबूल करने का संदेश जारी किया था | पूरी ख़बर को पढ़ने के लिये नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
Eastturkistaninfo | ArchivedLink
छटवीं तस्वीर : यांडेक्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें २८ जून २०१४ को Doguturkistander.org नामक वेबसाइट पर प्राकशित मिली | इस ख़बर के अनुसार प्रकाशित तस्वीरें उर्मुकी नरसंहार के विरोध में ५ जून २००९ को हज़ारों की तादाद में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा चीन में किये गए विरोध की है |
Doguturkistander.org | ArchivedLink
सातवीं तस्वीर : यांडेक्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें Teleport2001.ru नामक वेबसाइट पर ३० अगस्त २०१३ को प्रकाशित मिली, जिसके अनुसार ये नोर्थ कोरिया में ११ लोगों को पोर्नोग्राफी का निर्माण और वितरण करने के लिए मृत्यु दंड देने की है | पूरी ख़बर को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
Deathpenaltynews | ArchivedLink
आठवीं तस्वीर : गूगल रिवर्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें Peopledaily.com नामक वेबसाइट पर ८ नवम्बर २००० को प्रकाशित मिली, जिसके अनुसार ज़ियामेन में एक असाधारण तस्करी के मामले में १४ लोगों को सार्वजनिक रूप से मृत्युदंड की सजा सुनाई गयी थी | पूरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
Peopledaily.com | ArchivedLink
नौवीं तस्वीर : यांडेक्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें Faz.net नामक वेबसाइट पर ५ अप्रैल २००५ को प्रकाशित मिली, जिसके अनुसार चीन में २००४ में सबसे ज़्यादा मृत्यु दंड दिया गया था, जिसका ह्यूमन राइट्स संस्थान एमनेस्टी इंटरनेशनल ने विरोध किया था | पूरी ख़बर को पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
दसवीं तस्वीर : यांडेक्स इमेज सर्च
यह तस्वीर हमें २८ जून २०१४ को Doguturkistander.org नामक वेबसाइट पर प्रकाशित मिली | इस ख़बर के अनुसार प्रकाशित तस्वीरें उर्मुकी नरसंहार के विरोध में ५ जून २००९ को हज़ारों की तादाह में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा चीन में किये गए विरोध की थी |
Doguturkistander.org | ArchivedLink
इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा सभी तस्वीरें पुरानी हैं और वर्तमान में उइघुर मुसलमानों पर डिटेंशन कैंप में होने वाले कथित अत्याचारों से कोई संबंध नहीं रखतीं है | पुरानी तस्वीरों को गलत विवरण के साथ वर्तमान की बता लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “चीन में उइंघुर मुसलामानों पर डिटेंशन कैंप में हो रहे अत्याचार की तस्वीरें |” ग़लत है |
Title:पुरानी व असंबंधित तस्वीरों को वर्तमान चीन की बता फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
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