११ जून २०१९ को फेसबुक के ‘Nation First’ नामक एक पेज पर एक पोस्ट साझा की गई है | पोस्ट में AIMIM पार्टी के नेता एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी की तस्वीर दी गई है | तस्वीर के उपर दावे के तौर पर लिखा है कि, ओवैसी ने UN को पत्र लिखा कि हिंदुस्तान में मुस्लिम सुरक्षित नहीं है | UN से जवाब आया ‘जहाँ पर सेफ हो, वहां चले जाओ’ |
क्या सच में ओवैसी ने UN को पत्र लिखा और उन्हें इस तरह का जवाब आया ? सुनने पर यह बात हजम नहीं होती | इस तरह की कोई खबर भी पढने में नहीं आयी है | तो आइये जानते है इस दावे की सच्चाई |
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले पोस्ट में साझा दावे को ‘owaisi writes letter to un’ इन की वर्ड्स के साथ सर्च किया तो हमें गूगल से जो परिणाम मिले, वह आप नीचे देख सकते है |
इस सर्च से हमें वह खबर तो नहीं मिली, जिससे इस बात की पुष्टि हो कि, ओवैसी ने UN को पत्र लिखा है, लेकिन उनके नाम से UN से सम्बंधित कुछ दूसरी ख़बरें मिली |
हमें ‘हिन्दुस्थान टाइम्स’ द्वारा १६ जून २०१८ को प्रसारित एक खबर मिली, जिसमे कहा गया है कि, ओवैसी ने UN की उस रिपोर्ट को ख़ारिज किया जिसमे यह कहा गया था, की जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएँ हो रही है | ओवैसी ने इस मामले पर मौजूदा केंद्र सरकार को अपना समर्थन घोषित किया था, और कहा था कि, UN को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है |
१६ जून २०१८ को ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ ने भी यही खबर प्रसारित की थी | इस खबर में भी कहा गया है कि, ओवैसी ने यह कहकर UN की मानवाधिकार उल्लंघन रिपोर्ट का विरोध किया था कि, UN को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है |
इसके अलावा हमें एक और खबर मिली, जो UN को पत्र लिखे जाने से सम्बंधित है, लेकिन यह पत्र ओवैसी द्वारा नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान द्वारा लिखा गया था | ७ अक्तूबर २०१५ को ‘इंडिया टुडे’ द्वारा प्रसारित खबर में कहा गया है कि, दादरी हत्याकांड के सन्दर्भ में केंद्र सरकार की शिकायत करने वाला पत्र आज़म खान ने UN को लिखा था, जिसका ओवैसी ने विरोध किया | ओवैसी ने कहा कि, यह भारत का अंदरूनी मामला है, और उसे हमने देश के अंदर ही सुलझाना चाहिए |
इसके अलावा हमें फेसबुक पर AIMIM द्वारा साझा एक पोस्ट भी मिली, जिसमे इस तरह की दूसरी पोस्ट को ख़ारिज किया गया ‘AltNews’ द्वारा प्रसारित फैक्ट चेक साझा किया गया है |
इस संशोधन से यह बात साफ़ होती है कि, ओवैसी ने UN को कभी कोई पत्र नहीं लिखा | जिस पत्र की बात उपरोक्त साझा वायरल पोस्ट में हो रही है, ऐसा एक पत्र समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान ने UN को लिखा था | लेकिन इस संशोधन से पता चलता है कि, ओवैसी भारत के अंदरूनी मामले को किसी बाहरी व्यक्ति या संस्था के पास ले जाने के सख्त खिलाफ है | साथ ही UN जैसी किसी संस्था द्वारा भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देना भी उन्हें गंवारा नहीं है | अब उनके द्वारा UN को कोई पत्र लिखा ही नहीं गया तो UN द्वारा ‘जहाँ पर सेफ हो, वहां चले जाओ’ इस तरह का जवाब आने का भी कोई सवाल पैदा नहीं होता |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से यह स्पष्ट होता है कि, उपरोक्त खबर में फोटो के साथ किया गया दावा कि, “ओवैसी ने UN को पत्र लिखा कि हिंदुस्तान में मुस्लिम सुरक्षित नहीं है | UN से जवाब आया ‘जहाँ पर सेफ हो, वहां चले जाओ’ |” सरासर गलत है | ओवैसी ने कभी इस तरह का कोई पत्र UN को नहीं लिखा है |
Title:क्या MIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने UN को पत्र लिखकर कहा कि, हिंदुस्तान में मुस्लिम सुरक्षित नहीं है ?
Fact Check By: Rajesh PillewarResult: False
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