सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रों को टाटा ग्रुप ऑफ़ कंपनी ने नौकरी नहीं देने का फैसला किया है | जेएनयू विश्वविद्यालय CAA के खिलाफ विरोध और हॉस्टल शुल्कों में वृद्धि से संबंधित विरोध के कारण सुर्खियों में बना हुआ है | यहां छात्रों के प्रति मीडिया में समर्थकों और विरोधियों के दो समूह हैं |
टाटा ग्रुप ऑफ़ कंपनी के पूर्व प्रमुख और प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के नाम से फैलाये गये पोस्ट में लिखा गया है कि “रतन टाटा ने JNU के छात्रों को नौकरी न देने की घोषणा की है | उनका कहना है की जो देश के लिए वफादार नहीं हो सकते हैं उन्हें हम कंपनी की तरफ वफादार होने का उम्मीद नही कर सकते है |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने गूगल पर पोस्ट से समबन्धित कीवर्ड्स को ढूँढने से की, जिसके परिणाम में हमें PTI द्वारा प्रकाशित खबर मिली | १५ फरवरी २०१६ को PTI के खबर के अनुसार रतन टाटा ने आधिकारिक तौर पर JNU को लेकर वायरल दावों को खारिज किया है |
इसके आलावा हमें टाटा ग्रुप के आधिकारिक ट्विटर द्वारा प्रकाशित स्पष्टीकरण मिला | एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने एक टाटा कंपनी से रतन टाटा द्वारा दिए गए इस बयान के बारे में पूछा था | इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टाटा कंपनी के आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट ने लिखा कि रतन टाटा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था |
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | रतन टाटा ने JNU के छात्रों को नौकरी नहीं देने जैसी कोई भी घोषणा नही की है | सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट लोगों को भ्रमित करने के लिए फैलाया जा रहा है |
Title:रतन टाटा द्वारा TATA ग्रुप में जेएनयू के छात्रों को नौकरी नहीं देने की घोषणा गलत है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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