४ जुलाई २०१९ को फेसबुक पर ‘Renu Anand’ नामक एक यूजर द्वारा एक पोस्ट किया गया था, जिसमे कुछ महिलाओं की तस्वीर के साथ, पोस्ट के विवरण में लिखा है – “क्रांतिकारी जय भीम | दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं…. जिनमें मुसलमान -61395 सिक्ख – 8050 पिछड़े वर्ग के – 14480 दलित -10777 सवर्ण – 598 संघी मतलब आरएसएस वाले – 00 | मतलब फिर भी कुछ बेशर्म भगवा धारी लोग मुसलमानों को गद्दार और दलितों को देशद्रोही बोलते हैं जब की खुद उनके बाप दादाओं की जिंदगी अंग्रेजों की दलाली, मुखबिरी और चढ्ढी धोने में बीत गई और उनके बनावटी देशभक्त हमलोगों को देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांटते हैं और अपने दोगले इतिहास कि झूठी शान बघारते है | – रेनू आनंद |” इस पोस्ट के अनुसार यह दावा किया जा रहा है कि दिल्ली में स्तिथ इंडिया गेट पर 95,300 नाम अंकित हैं, व जाती एवं धर्म के अनुसार इनका विच्छेद किया गया है, दावे के अनुसार RSS से किसी का भी नाम इंडिया गेट पर चिन्हित नहीं है | क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
संशोधन से पता चलता है कि…
जाँच की शुरूवात हमने गूगल पर ‘India gate’ कीवर्ड्स से की, इन परिणामों में हमें ‘DelhiTourism’ की आधिकारिक वेबसाइट मिली |
‘DelhiTourism’ की इस वेबसाइट के मुताबिक, इंडिया गेट एक स्मृति प्रतीक के रूप में उन ७०,००० भारतीय सैनिकों की स्मृति बनाया गया था, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवाई थी | इस स्मारक में १९१९ के अफगान युद्ध में पश्चिमोत्तर सीमा में मारे गए १३,५१६ से अधिक ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के नाम लिखे हैं |
इन युद्धों में शहीद हुए सैनिकों की स्मृति में इंडिया गेट पर अंग्रेज़ी में कुछ वाक्य अंकित हैं – “To the dead of the Indian armies who fell honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third Afghan War.”
Source : War-Memorial.net and Wikipedia
उपरोक्त पोस्ट के दावे में ९५,३०० नामों का उल्लेख है, मगर दिल्ली पर्यटन के आधिकारिक वेबसाइट पर लगभग १३,००० सैनिकों के नाम इंडिया गेट पर लिखे हुए होने के बारे मे बताया गया है |
इसके वजह से हमने गूगल पर ‘list of names written on india gate’ कीवर्ड्स से मिले परिणाम आप नीचे देख सकतें हैं |
इस संशोधन से हमें ‘Commonwealth War Graves Commision’ नामक एक संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट मिली, यह संस्थान १९१७ में स्थापित किया गया था और इनका काम प्रथम व दृतीय विश्व युद्ध में शहीद सैनिकों के स्मृति के लिए कब्रिस्तान व स्मारकों का निर्माण और देखभाल करना है | इस संस्थान के सिद्धांतों के अनुसार शहीदों के स्मारक में सैन्य रैंक, जाती या पंथ के आधार पर कोई भेद नहीं किया जाना चाहिए |
इस वेबसाइट के मुताबिक, प्रथम विश्व युद्ध में कुल मिलाकर १३,२२० हताहतों की संख्या पायी गयी थी जिनकी शनाख्त हो पायी थी, ऐसे सैनिकों की सूची नाम और पदवी के साथ इस वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गयी है |
सूची के अनुसार, इसमें १२,२६० भारतीय सैनिकों, ९५९ ब्रिटिश सैनिकों और १ ऑस्ट्रलियाई सैनिक का नाम है |
इस सूची से यह स्पष्ट होता है कि १३,२२० सैनिकों में से सिर्फ़ १२,२६० भारतीय सैनिकों के नाम इंडिया गेट पर लिखे हैं, जिससे उपरोक्त दावे में दी गयी सैनिकों की संख्या का मेल नहीं होता है | भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश आर्मी के लिए उनके पक्ष से प्रथम विश्व युद्ध लड़ा था |
इन संशोधन से हमें यह साफ़ पता चलता है कि उपरोक्त पोस्ट में जाती व धर्म का गलत विवरण डाला गाया है | इंडिया गेट पर कुल १३,२२० नाम लिखे हैं, जिसमे से १२,२६० ब्रिटिश भारतीय सैनिकों के नाम है और यह नाम जाती और धर्म के आधार पर नहीं लिखे गए हैं |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से हम इस निष्कर्ष पर आते हैं कि उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘इंडिया गेट पर ९५,३०० नाम मे से ६१,३९५ मुस्लिम नाम, ८,०५० सिख नाम, १४,४८० पिछड़े वर्ग के नाम, १०,७७७ दलित नाम, ५९८ सवर्ण नाम और ० आरएसएस के नाम है |’ ग़लत है |
Title:इंडिया गेट पर १३,२२० नाम अंकित हैं, जिसमें ब्रिटिश सेना के १२,२६० भारतीय, ९५९ ब्रिटिश और १ ऑस्ट्रलियाई सैनिकों के नाम है ।
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
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