पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है | ऐसे में कई असंबंधित तस्वीरें व वीडियो असम के डिटेंशन सेंटर का बता फैलायी जा रहा है | ऐसा ही एक वीडियो हमने फेसबुक पर २८ दिसम्बर २०१९ को ‘Moin Choudhary’ द्वारा साझा पाया है | वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी कैदियों पर बल प्रयोग कर एक जगह इकट्ठा करते दिख रहें है |
पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, “असम में डिटेंशन सेंटर के हालात पाकिस्तानी बंगलादेशियो को बिना कागज़ात के नागरिकता दो और देश के लोगो के साथ ऐसा सुलूक ये देशभक्त पार्टी के काम ये है विकास |” इस पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि – ‘यह वीडियो असम के डिटेंशन सेंटर में भारतीयों के साथ हो रहा है अत्याचार का है |’ फैक्ट क्रेसेंडो ने इस वीडियो की जांच की | आइये जानते है इस वीडियो की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने इस वीडियो का स्क्रीनशॉट लेकर जब गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर ढूंढा, तो हमें यह वीडियो १६ जनवरी २०१९ को Dailymirror.lk नामक समाचार वेबसाइट पर मिला | इस ख़बर के अनुसार यह वीडियो श्रीलंका के अंगुनाकोलापलेस जेल का है | यह वीडियो २२ नवम्बर २०१८ का है और इस वीडियो के वाइरल होने पर श्रीलंका के जेल सुधार और न्याय मंत्रालय ने अंगुनाकोलापलेस जेल की जांच पड़ताल के लिये ३ सदस्यों की एक टीम भी गठित की थी | जेल के अंदर कैदियों के साथ होने वाले इस अत्याचार पर कार्यवाही की गयी और जेल कमिश्नर जनरल निशान धनसिंघे को हमले पर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया गया था | पूरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |
DailymirrorPost | ArchivedLink
इसके अलावा १६ जनवरी २०१९ को News-i नामक श्रीलंका के एक समाचार वेबसाइट ने YouTube पर यह वीडियो अपलोड किया था, जिसके विवरण में लिखा था कि यह श्रीलंका के अंगुनाकोलापलेस जेल की CCTV फुटेज है |
इसके साथ ही १७ जनवरी २०१९ को AsiaTimes नामक एक पैनएशिया स्तर पर समाचार चैनल ने भी इस जेल में हो रहे कैदियों पर अत्याचार का एक और वीडियो YouTube पर अपलोड किया था |
इन दोनों वीडियो को देखने पर हमने पाया कि यह दोनों वीडियो एक ही दिन व स्थान की घटना का है | हमने स्क्रीनशॉट लेकर दोनों जगह कि तुलना की और दोनों वीडियो की जगह को सामान पाया | इस तुलना को आप नीचे देख सकतें हैं |
फैक्ट क्रेसेंडो की मलयालम टीम ने इस वीडियो का सबसे पहले फैक्ट चेक २८ दिसम्बर २०१९ को किया था |
इस अनुसंधान से यह बात स्पष्ट होती है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो का भारत या असम से कोई संबंध नहीं है | यह वीडियो श्रीलंका में अंगुनाकोलापलेस जेल का है और गलत विवरण के साथ लोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “असम के डिटेंशन सेंटर में भारतीयों के साथ हो रहा है अत्याचार |” ग़लत है |
Title:श्रीलंका के जेल का वीडियो असम डिटेंशन सेंटर का बता फैलाया जा रहा है |
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
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