२० सितम्बर २०१९ को फेसबुक पर ‘Anabil Chakraborty’ नामक फेसबुक यूजर द्वारा एक वीडियो पोस्ट किया गया था जिसमे एक युवक गरिया निरामय फाउंडेशन पर पशुओं के प्रति अत्याचार का आरोप लगा रहा है कि इस संस्थान में मौजूद १५ पशुओं में से १० की निर्ममता से हत्या कर दी गई है और ५ पशुओं को रस्ते पर छोड़ दिया है | इस पोस्ट के विवरण में लिखा है कि, ‘Urgent Update GNF Case…’ इस पोस्ट के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि, ‘गरिया निरामय फाउंडेशन नामक संस्थान में पशुओं पर अत्याचार व १० पशुओं की निर्मम हत्या की गयी है |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
अनुसंधान से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले इस घटना के बारे में जानकारी के लिए गरिया निरामय फाउंडेशन के वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया, यहाँ हमारी बात बिजोम मजुमदार से हुई – जो इस संस्थान के मालिक है | उनसे इस घटना के बारे में पूछताछ करने पर उन्होंने हमसे कहा कि, “इस वीडियो में जो दावा है वह मुझपर झूठा इलज़ाम लगाया गया है | मेरे संस्थान में किसी ने भी १० कुत्तों की हत्या नहीं की और ना ही ५ कुत्तों को लावारिस की तरह रस्ते पर छोड़ा है | कुछ कुत्तों को गोद ले लिया गया है और बाकी के हमारे संस्थान में अभी भी है | कुछ दिन पहले एक महिला ने हमारे संस्थान में एक लावारिस और बीमार कुत्ते को उपचार हेतु रखा था | यह कुत्ता बीमार था और इसकी चिकित्सा चल रही थी, साथ ही हमने इस कुत्ते की नसबंदी भी चिकित्सा के साथ ही करवाई थी | जब उसके घाव भर रहे थे, तब एक और कुत्ते के साथ झगड़े के कारण इस कुत्ते को लगाए गए टाँके फिर से खुल गए | इसके पश्चात हालाँकि हमने इस जानवर की मौजूदा स्तिथि के अनुसार चिकित्सा जारी रखी परन्तु इन्फेक्शन के चलते दवाइयों का इसपर कोई असर नहीं दिख रहा था और हालत बिगडती गयी | आखिर में इसने अपना दम तोड़ दिया | जब इसे लाने वाली महिला को हमने इस बारे में बताया, तो उन्होंने मुझपर इसकी मृत्यु का आक्षेप लगाते हुए मेरे खिलाफ नरेन्द्रपुर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी |”
इसके बाद हमने नरेन्द्रपुर पुलिस थाने के इंस्पेक्टर सुखोमय चक्रबर्ती से संपर्क कर बात की ,इस घटना के बारे में उन्होंने कहा कि, “संगीता सरकार नामक एक महिला ने इस संस्थान के खिलाफ एक प्राथमिकी (प्रा. क्र. १२५६/१९) दर्ज करवाई है | धारा ११ (१) के तहत पशु के प्रति क्रूरता पर हमने इस घटना की तफ्तीश की है | यह मामला एक मृत पशु को लेकर है, जिसे बड़े निर्मम तरीके से मारने का आरोप इस संस्थान पर लगाया गया है | इस पशु के शव को पोस्टमोर्टेम के लिए भेजा गया है और इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त होते ही इस प्राथमिकी पर निर्णय लिया जायेगा | मगर जब हमने हमारे पुलिस अफसरों को इस संस्थान की पड़ताल के लिए भेजा, तो हमारे अफसरों को इस संस्थान के अन्दर बाकी के पशु सही सलामत मिले | तकरीबन ७-८ पशु वहाँ थे | इसके अलावा वहाँ के मालिक ने हमें गोद लिए गए कुछ पशुओं को ले जाने का वीडियो भी दिखाया | यह शिकायत सिर्फ़ एक पशु की मृत्यु की है, किसी भी तरह की १० पशुओं की निर्मम हत्या या ५ पशुओं को लावारिस की तरह रस्ते में छोड़ देने का दावा हमने गलत पाया है |”
इसके बाद हमने शिकायत दर्ज करने वाली महिला संगीता सरकार से संपर्क साधा और उनसे किये गए शिकायत के बारे में पुछा | उन्होंने हमें कहा कि, “मैंने एक लावारिस पशु को हाईवे से बचाकर इस संस्थान में देखभाल करने के लिए ८ सितम्बर २०१९ को रखा था | १७ सितम्बर २०१९ को मुझे इस संस्थान का मालिक इस पशु के मरने की ख़बर देता है और उन्होंने उस पशु के दम तोड़ने का वीडियो भी भेजा था | यह वीडियो अभी तो मेरे पास नहीं है, मगर मैंने इसी की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवाई है |”
इस संशोधन से यह बात साफ़ हो जाती है कि उपरोक्त वीडियो में किया गया दावा गलत है | इस संस्थान पर सिर्फ़ एक पशु की मृत्यु पर संदेह के चलते शिकायत दर्ज करवाई गयी है, जिसपर मृत्यु का कारण जानने के लिए पर्याप्त कार्रवाही चल रही है |
जांच का परिणाम : उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘गरिया निरामय फाउंडेशन नामक संस्थान द्वारा पशुओं पर अत्याचार व १० पशुओं की निर्मम हत्या की गयी है |’ ग़लत है |
Title:बंगाल में स्थित गरिया निरामय फाउंडेशन पर पशुओं के प्रति क्रूरता का झूठा आरोप लगाया जा रहा है |
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
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