१३ जुलाई २०१९ को फेसबुक पर ‘Rising Rashtra’ नामक एक फेसबुक पेज पर एक विडियो साझा किया है, जिसमे हम कई लोगों को दंगे करते हुए व एक बस की तोड़फोड़ करते हुए देख सकतें हैं | पोस्ट के विवरण में लिखा है – “मुम्बई में शांतिदूत रिक्शा वालो का उत्पात ! मुम्बई | ये शांति प्रिय कौम है जो बांद्रा कुर्ला कॉम्पेक्स में BEST की बसों के सामने पत्थर फेक रहे है, लाखो की महंगी बस तोड़ने पे आमादा हैं | हाल ये है कि खुद पुलिसकर्मियों को भी डर लग रहा है. पुलिसकर्मियों को परमिशन नही है इसके सामने बंदूक या डन्डा चलाने की | मुख्यमंत्री के पास होम डिपार्टमेंट है | बेस्ट का जो किराया कम हुआ वो इन्हे मंजूर नही है | ये चाहते हैं कि बीकेसी जाने के लिए बेस्ट जो पांच रुपए वाली बस चला रही हैं, वह बंद हो जाए | ताकि लोग मज़बूरन इनके आटो में बैठे, जिसमे वह Twin Sharing वाली Seat का भी 25 रुपया ऐंठ लेते हैं | इन शांतिदूत रिक्शा टेक्सी वालो की दादागिरी नोटंकी से ऊबकर जनता ने बेस्ट में जर्नी करने का मन बना लिया है | ये लोग डर का माहौल पैदाकर के जनता को मजबूर करने के साजिश कर रहे है | इसमे अधिकतर अनपढ मुसलमान है | अब राजनीतिक दल और जनता इसको मुहतोड़ जवाब दे वो समय आ गया है | सरकारी सम्पत्ति बर्बाद करंबे, आतंक और डर का माहौल फैलाने के जुर्म में इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो ! वीडियो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंचे | इतना शेयर कीजिए | -मी मुम्बईकर |” इस पोस्ट द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि ‘यह वीडियो मुंबई के बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स के सामने बस के भाड़े को लेकर हुए दंगे की है |’ क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस पोस्ट के दावे की सच्चाई |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
संशोधन से पता चलता है कि…
हमने सबसे पहले उपरोक्त पोस्ट में दी गयी विडियो व उसमे किये गए दावे के बारे में गूगल पर ‘stone pelting on local city buses’ की वर्ड्स से ढूंढा | हमें मिले परिणाम आप नीचे देख सकतें हैं |
इस संशोधन में हमें ‘TOI’ द्वारा दो ख़बरे मिली | पहली ख़बर में मुंबई सेन्ट्रल रेलवे लोकल में हुई पत्थरबाज़ी की ख़बर थी | दुसरी ख़बर में सूरत में घटित पत्थरबाजी की ख़बर थी जिसमें २ बसों को बरबाद करने की ख़बर थी |
उपरोक्त विडियो में बस पर पत्थरबाज़ी होते हुए दिखने के कारण हमने सूरत शहर की ख़बर को पढ़ा | TOI द्वारा ७ जुलाई २०१९ की इस ख़बर में लिखा है कि मौब लिंचिंग के विरोध में सूरत शहर में अल्पसंख्यक लोगों द्वारा किये गए रैली ने एक दंगे का रूप ले लिया और इसमें ६ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है जो ‘बहुमुखी अल्पसंख्यक मंच’ के सदस्य हैं | पूरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें |
फिर हमने बेस्ट के जनसंपर्क अधिकारी – हनुमंत गोसले से बात करके उनसे पुछा इस विडियो के बारे में | उन्होंने कहा कि, “मैंने भी यह वीडियो देखा, मगर यह मुंबई का नहीं है | मुंबई के बसों की ऐसी कोई भी तोड़फोड़ नहीं हुई है | यह कोई अन्य शहर का होगा मगर मुंबई का तो नहीं है |”
इसके बाद हमने गूगल पर ‘Rally against mob lynching in Surat’ की वर्ड्स से ढूंढा, तो हमें कई समाचार पत्रिकाओं व वेबसाइट द्वारा दिए गए ख़बर के वीडियो मिले | इन समाचार वीडियो में उपरोक्त वीडियो मे मिलती-जुलती बस भी दिखाई गयी |
‘Divyang News Channel’ द्वारा दी गयी इस समाचार वीडियो में हमें उपरोक्त वीडियो में दर्शाया गया बस साफ़ दिखा |
इसके अलावा हमें मिले अन्य समाचार पत्रिका व वेबसाइट द्वारा दिए गए समाचार वीडियो को भी आप नीचे देख सकतें हैं |
इस संशोधन में हमें यह साफ़ पता चलता है कि उपरोक्त पोस्ट में साझा वीडियो मुंबई का नहीं बल्कि सूरत में ५ जुलाई को हुए दंगे का है | मौब लिंचिंग के विरोध में सूरत शहर में अल्पसंख्यक लोगों द्वारा किये गए रैली को दरगाह से नानपुर के मकई पूल तक की अनुमति थी | मगर जब भीड़ मकई पूल के आगे जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपने के लिये जाने लगी, तो उन्हें रोका गया | इस कारण भीड़ भड़क गयी और तोड़फोड़ शुरू कर दी |
जांच का परिणाम : इस संशोधन से हम इस निष्कर्ष पर आते हैं कि उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘यह वीडियो मुंबई के बांद्रा-कुर्ला काम्प्लेक्स के सामने बस के भाड़े को लेकर हुए दंगे की है |’ ग़लत है |
Title:सूरत की ५ जुलाई २०१९ की घटना को मुंबई के बांद्रा -कुर्ला की घटना के नाम से ग़लत फैलाया जा रहा है ।
Fact Check By: Natasha VivianResult: False
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