उन्नाव का पुराना वीडियो वर्तमान में मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस द्वारा मौलाना की पिटाई का बता वाइरल किया जा रहा है |

False National Social

१ जनवरी २०२० को फेसबुक पर ‘Noushad Elambady’ द्वारा एक वीडियो साझा किया गया है, जिसमें पुलिस एक बुजुर्ग व्यक्ति को डंडे से मारती हुई दिख रही है| दावा यह किया जा रहा है कि, मुज़फ़्फ़रनगर में ८२ वर्षीय मौलाना सैयद रज़ा हुसैनी पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने लाठियां बरसाकर अत्याचार किया | 

क्या सच में ऐसा है ? आइये जानते है इस वीडियो की सच्चाई |

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

अनुसंधान की शुरुवात हमने पोस्ट में साझा वीडियो के स्क्रीनशॉट को यांडेक्स इमेज सर्च में ढूंढकर की परिणामस्वरूप हमें Youtube पर UNews द्वारा १६ नवम्बर २०१९ को एक वीडियो अपलोड किया मिला | इस वीडियो के ०१:२६ से ०२:०० मिनिट के हिस्से में पोस्ट में साझा वीडियो का सदृश्य दिखता है, इस वीडियो को उत्तर प्रदेश में उन्नाव के पास ट्रांस गंगा सिटी के लिए किये गए किसानो के विरोध का बताया गया है |

TheWire द्वारा भी इस घटना पर १८ नवम्बर २०१९ को एक ख़बर प्रकाशित की गयी थी, जिसके अनुसार उन्नाव में किसानों द्वारा UPSIDC के प्रोजेक्ट के विरोध में किया गया प्रदर्शन हिंसक होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था | पूरी ख़बर पढने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें |

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इसके बाद हमने उन्नाव के जिला अधिकारी देवेन्द्र कुमार पांडे से संपर्क किया | उन्होंने इस वीडियो को देखकर ये पुष्टि की कि यह नवम्बर २०१९ में हुये ट्रांस गंगा सिटी पर किसानों द्वारा किये गए विरोध के दौरान पुलिस द्वारा किये गए लाठीचार्ज के वक्त का है |

उपरोक्त अनुसंधान से ये बात स्पष्ट होती है कि इस वीडियो का मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस द्वारा मौलाना असद रज़ा हुसैनी की गिरफ़्तारी से कोई सम्बन्ध नहीं है, हालाँकि ये सही है कि उत्तरप्रदेश मुज़फ़्फ़रनगर में ६६ वर्षीय मौलाना असद रज़ा हुसैनी को २० दिसम्बर २०१९ को सादत मदरसा से गिरफ़्तार किया था, व उनके साथ मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस द्वारा कथित तौर पर बर्बरता की गई थी पर ये स्पष्ट रहे कि उपरोक्त वीडियो का इस प्रकरण से कोई सम्बन्ध नहीं है |

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इसके पहले भी फैक्ट क्रेसेंडो ने उन्नाव में इस घटित विरोध से सम्बंधित फैलने वाली झूठी अफवाहों का फैक्ट चेक किया था | उस फैक्ट-चेक को आप नीचे दिए गए लिंक पर पढ़ सकते हैं |

विरोध के लिए ज़मीन पर लेटे हुये व्यक्ति को पुलिस के लाठी चार्ज के कारण अधमरा बताकर फैलाया जा रहा है |

यह वीडियो उन्नाव में नवम्बर २०१९ को किसानो द्वारा किये गए विरोध के दौरान हुए पुलिस लाठीचार्ज का है, जिसे गलत विवरण के साथ फैलाया जा रहा है | वीडियो में दिखने वाला व्यक्ति मुज़फ़्फ़रनगर के मौलाना नहीं है |

जांच का परिणाम :  उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा “मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस द्वारा एक ८२ वर्षीय मौलवी पर अत्याचार का वीडियो |” ग़लत है |

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Title:उन्नाव का पुराना वीडियो वर्तमान में मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस द्वारा मौलाना की पिटाई का बता वाइरल किया जा रहा है |

Fact Check By: Natasha Vivian 

Result: False