Photo Credits- DD News
३० सितम्बर २०१९ को फैक्ट क्रेसेन्डो के वाट्सऐप नंबर- 9049053770 पर हमारे एक पाठक जय वालिया द्वारा एक मैसेज सत्यता जांचने के लिए भेजा गया |
पोस्ट पी.एस.यू बैंकों के तहत विलय किए गए बैंकों की एक सूची दर्शाता है | विलय किए गए बैंकों की इस सूची के माध्यम से, ये छवि अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति लाभार्थियों को ‘अल्पसंख्यकों के निदेशालय’ को बैंक खाते के विवरण (बैंक मर्जर के कारण) में किए गए किसी भी बदलाव को सूचित करने की जानकरी देती है, और साथ ही ये हिदायत देता है कि यदि ऐसा करने में विफल रहे तो इसके कारण छात्रवृत्ति लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाएगी | इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह आर.बी.आई द्वारा जारी की गयी अधिसूचना है जो विलय किये गये बैंकों की सूचि दर्शाता है |
अनुसंधान से पता चलता है कि..
जाँच की शुरुआत हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, परिणाम से हमें Quora में प्रकाशित एक तस्वीर मिली जिसके शीर्षक में लिखा गया है कि “यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में जमा किये गये पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं क्योंकि यू.बी.आई एक राष्ट्रीयकृत बैंक है और बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद भी किसी जमाकर्ता ने एक भी रुपया नहीं खोया है | पी.एस.बी के मर्जर सूची के अनुसार, आई.डी.बी.आई और सी.बी.आई का यू.बी.आई में विलय होने जा रहा है |”
आर्काइव लिंक
इसके पश्चात हमने इस सूचि को आर.बी.आई की सरकारी वेबसाइट पर ढूँढा परंतु हमें परिणाम में यह अधिसूचना नही मिली |
इसके पश्चात हमने हमने पाया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ३० अगस्त २०१९ को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मर्ज करने की घोषणा करने के पश्चात यह तस्वीर वायरल होने लगी थी| सरकार ने चार मर्जर का एक सेट घोषित किया, जिसमें १० पी.एस.बी को ४ संयुक्त संस्थाओं में शामिल किया गया है |
अगर वायरल सूचि को ध्यान से देखा जाये तो उसमे मर्ज किये गए बैंक की ५ सेट देखा जा सकता है |
इसके पश्चात हमने सूचि में दिए गए जानकारी को देखा तो पाया कि सूची में गलत तरीके से उन बैंकों का नाम है जो उनके संबंधित मूल बैंकों में विलय होने जा रहे हैं |
जब हमने दूसरा सेट को देखा हमने पाया कि देना बैंक और विजया बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्ज करते हुए देखाया गया है, यह बात सही है – लेकिन यह मर्जर इस साल को १ अप्रैल २०१९ में हो चुका है | इस मर्जर के बारें में अधिक विवरण यहां पढ़ा जा सकता है |
परंतु सूचि के अनुसार बाकी के चार सेट गलत हैं |
३० अगस्त को वित्त मंत्री ने की घोषणा के अनुसार:
उपर्युक्त घोषणाओं को वीडियो में नीचे देखा जा सकता है जहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनकी घोषणा की थी |
साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहती है कि बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया स्वतंत्र बैंक के रूप में माने जायेंगे |
३० अगस्त २०१९ को इस विलय की खबर को डी.डी न्यूज़ ने प्रकाशित करते हुए लिखा है कि “सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चार प्रमुख विलय की घोषणा की, २०१७ में उनकी कुल संख्या २७ से घटाकर १२ कर दी गई |
सरकार द्वारा प्रस्तावित विलयीकरण व उपरोक्त दावे की तुलनात्मक तस्वीर आप नीचे देख सकते हैं |
इसके पश्चात हमें २६ सितंबर २०१९ को आर.बी.आई के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट द्वारा किया गया ट्वीट मिला, जिसके अनुसार लिखा गया है कि “जनता में दहशत पैदा करने के लिए बैंकों के संचालन के बारे में सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जा रही हैं | सभी को सलाह दी जाती है कि ऐसी आधारहीन और झूठी अफवाहों का शिकार न हों |”
निष्कर्ष: तथ्यों के जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | वायरल तस्वीर जिसमे विलय किए गए बैंकों की प्रस्तावित सूची दिखाया है, इसे आरबीआई द्वारा जारी नहीं किया गया है |
Title:सार्वजनिक बैंकों की प्रस्तावित विलय सूची को दर्शाते हुए गलत तस्वीर को साझा किया जा रहा है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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