सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफ़ी साझा की जा रही है | पोस्ट मे यह कहा जा रहा है कि ‘उत्तर प्रदेश मे चुनाव आयोग ने सिलिकॉन की नकली उंगलियाँ बरामद की है, जो फ़र्ज़ी वोट देने के लिए इस्तेमाल की जा रही है |’ कितनी सच्चाई है इस दावे में, आइये देखते हैं |
सोशल मीडिया पर प्रचलित कथन:
तथ्यों की जांच:
हमने जांच की शुरुआत उपरोक्त पोस्ट मे दिए गए चित्र को यांडेक्स मे ढूंढकर की | हमने पाया कि कई विदेशी वेबसाइट द्वारा उपरोक्त चित्र का इस्तेमाल किया गया है |
आगे के संशोधन से हमें कई विदेशी वेबसाइट के अलग अलग प्रकाशन मिले | ज़्यादातर वेबसाइट का प्रकाशन विदेशी भाषा मे होने के कारण, हमने गूगल ट्रांसलेटर की मदद से हर पेज की भाषा को अंग्रेजी में भाषांतरित कर पढ़ा, जो आप नीचे देख सकते है |
२०१४ को 4tololo के वेबसाइट पर इन नकली उँगलियों के बारे में लिखा गया था |
इस प्रकाशन के मुताबिक जापानी माफिया के किसी सदस्य ने गलती करने पर उसकी ऊँगली काटने का रिवाज़ होता है | हर गलती के लिए एक ऊँगली काटी जाती थी, जिससे कि उन्हें तलवार पकड़ने मे दिक्कत हो |
२०१६ में Truongsahoangsa नामक वेबसाइट पर भी हमें उपरोक्त चित्र मिला तथा इन सिलिकॉन उँगलियों के असली उपयोग भी पता चला |
इस प्रकाशन के मुताबिक, याकुज़ा (YAKUZA) जो की जापान का एक माफिया कबीला है, उनमें ग़लती करने पर ऊँगली काटने की प्रथा सदियों से चली आ रही है | मगर समाज मे इनकी पहचान छुपाये रखने के लिए यह नकली ऊँगली बनवा कर काटी हुई ऊँगली के स्थान पर इस्तेमाल किया जाता है |
यांडेक्स पर ही इसी विषय पर हमें २०१३ का एक ट्वीट भी मिला | जिसमे abcnews द्वारा प्रकाशित एक लेख साझा किया गया था | इस लेख में नकली ऊँगली के कारण पूर्व गैंगस्टरों को समाज मे साधारण जीवन जीने मे मदद मिलने का उल्लेख है |
फिर हमने गूगल पर चुनाव मे नकली ऊँगली मिलने की ख़बर के लिए सर्च किया और हमें २०१७ में इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित एक ख़बर मिली |
इस ख़बर के मुताबिक, २०१७ मे नकली उंगलियाँ राजनितिक दलों को बेचने के लिए सप्लायर को पकड़ा गया था |
इस संशोधन से यह पता चलता है की उपरोक्त पोस्ट में साझा किया गया सिलिकॉन उँगलियों का चित्र भारत में किसी चुनाव मे पकड़े गए नकली उंगलियों का नहीं है | यह भी पता चलता है कि ऐसी नकली उंगलियाँ जापान में याकुज़ा काबिले के गैंगस्टर के लिए बनायी जाती हैं | भारत में इस तरह की नकली उँगलियाँ पकडे जाने की घटना २०१७ के उत्तर प्रदेश चुनाव के वक्त की है , अभी चल रहे २०१९ के चुनाव की नहीं | हमारे काफी संशोधन के बाद भी हमें २०१९ के चुनाव के दौरान ऐसी कोई भी ख़बर नहीं मिली |
निष्कर्ष : ग़लत
तथ्यों की जांच से इस बात की पुष्टि होती है कि उपरोक्त पोस्ट मे किया गया दावा ‘इलेक्शन कमीशन ने उत्तर प्रदेश में पकड़ी नकली उँगलियाँ .. फर्जी वोटिंग करते हुए !’ग़लत है | यह उंगलियाँ जापान मे उन लोगों के लिए बनती है, जिनकी उंगलियाँ गलती करने पर काट दी जाती है | भारत में इस तरह की नकली उंगलियाँ राजनितिक दलों को बेचने के आरोप में उत्तर प्रदेश में २०१७ मे सप्लायर को पकड़ा गया था | २०१९ के चुनाव में अभी तक ऐसी कोई खबर नहीं आई है |
Title:क्या चुनाव आयोग को उत्तर प्रदेश में बरामद हुई नकली उंगलियाँ फ़र्ज़ी वोट डालने के लिए थी ? जानिये सच |
Fact Check By: Nita RaoResult: False
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