आरजी कर बलात्कार मामले की जांच से सीबीआई अधिकारी के इस्तीफे का दावा करने वाला पत्र फर्जी है। डॉ आकाश नाग नाम का कोई शख्स सीबीआई से जुड़ा हुआ नहीं है।

पूरा देश उस वक़्त स्तब्ध रह गया जब 9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई। घटना को लेकर लोगों में अब तक रोष व्याप्त है। इस रेप केस के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देश भर में डॉक्टर्स और समाज के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए गए। फिलहाल आरोपी संजय रॉय इस वक़्त पुलिस की हिरासत में है और सीबीआई केस की छानबीन कर रही है। दूसरी तरफ इसी पृष्ठभूमि में सोशल मीडिया पर सीबीआई के हवाले से एक लेटर वायरल हो रहा है। जिसमें कथित तौर पर कोलकाता क्राइम ब्रांच के डीआईजी डॉ आकाश नाग के हवाले से गृह मंत्रालय को पत्र लिखा गया है। साथ ही लिखा गया है कि राजनितिक हस्तक्षेप और दबाव के कारण केस की जांच में रुकावट आ रही है जिसके चलते वो इस केस से पीछे हटना चाहते हैं। लेटर में 18 अगस्त की तारीख दिख रही है। साथ ही डॉ आकाश नाग आईपीएस के हस्ताक्षार और मोहर भी लगे दिखाई दे रहे हैं। यूज़र द्वारा इस लेटर को सच मानते शेयर किया जा रहा है जिसे हम इस कैप्शन के साथ देख सकते हैं…

यह सच है जो अब सामने चुका है !!

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

हमने जांच की शुरुआत में सबसे पहले यह पता लगाया कि क्या सीबीआई के हवाले से ऐसा कोई भी पत्र लिखा गया है। क्यूंकि असल मायने में ये बड़ी बात है जिसको लेकर मीडिया में भी खबरें सामने आती। परंतु हम ऐसे किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचे जिससे वायरल दावे की सटीक पुष्टि हो। हां हमने लेटेस्ट मीडिया रिपोर्ट्स को चेक किया। जिनके हवाले से यह पता चलता है कि मामले में सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। घटना को लेकर 22 अगस्त 2024 को सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हत्या के मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई थी। अमर उजाला (आर्काइव) की खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में पेश रिपोर्ट में सीबीआई का दावा है कि कोलकाता केस में लीपापोती की कोशिश की गई। सुप्रीम कोर्ट ने बीती 20 अगस्त को स्वतः संज्ञान लेकर आरजी कर कॉलेज की घटना पर सुनवाई की थी। इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई और बंगाल सरकार से घटना की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट अदालत में जमा करन के निर्देश दिए थें।

आगे बढ़ते हुए हमने आजतक (आर्काइव ) की प्रकाशित रिपोर्ट को देखा। इसमें कोलकता रेप केस को लेकर सीबीआई द्वारा अब तक किए कामों को 10 बिंदुओं के आधार पर बताया गया था। खबर में यह लिखा देखा जा सकता है कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेप और मर्डर केस की जांच पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया। मौका ए वारदात से छेड़छाड़ के दावे के साथ ही सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को लेकर भी बड़े दावे किए।

अब हमने अपनी जांच में कुछ ऐसे समाचार रिपोर्टों को प्रकाशित देखा जिनमें सीबीआई के हवाले से वायरल पत्र को फर्जी बताया गया है। 20 अगस्त 2024 में प्रकाशित द हिन्दू (आर्काइव) की रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता रेप और हत्या मामला में सीबीआई ने एजेंसी के गैर-मौजूद अधिकारी के फर्जी पत्र को चिन्हित किया। जिसके बारे में सीबीआई ने यह कहा कि कोलकाता केस के संबंध में एजेंसी का अधिकारी होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति के नाम से एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है।

यहीं जानकरी हमें द टाइम्स ऑफ़ इंडिया (आर्काइव) के वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट में भी मिली। इससे हम समझ गए कि सीबीआई के नाम पर से वायरल हुआ लेटर फर्जी है।

थोड़ा और आगे खोजबीन करने पर हमें पीआईबी (आर्काइव) द्वारा एक्स हैंडल पर पोस्ट किया हुआ मिला , जिसमें वायरल पत्र के बारे में उसके फर्जी होने की पुष्टि की गई।

हमारे खोज में हमने सीबीआई के आधिकारिक एक्स पोस्ट (आर्काइव) के माध्यम से इस मुद्दे पर पोस्ट किया हुआ देखा। इसके साथ किए गए ट्वीट के अनुसार यह प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित मामले की सीबीआई जांच के बारे में फर्जी पत्र के संबंध में स्पष्टीकरण है। जबकि प्रेस रिलीज में यह लिखा गया है कि डॉ आकाश नाग नाम के अधिकारी के हवाले से जारी किया गया लेटर फर्जी है। इस नाम का कोई अधिकारी सीबीआई की जांच टीम से जुड़ा हुआ नहीं है। मामले की जांच सीबीआई मुख्यालय, दिल्ली द्वारा की जा रही है। आगे सीबीआई द्वारा लोगों से इस तरह के किसी भी फर्जी लेटर को नजरअंदाज करने की अपील की गई और कहा गया कि सीबीआई सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रोफेशनली मामले की जांच कर रही है।

तब जा कर हम स्पष्ट हुए कि आरजी कर बलात्कार मामले की जांच से हटने के लिए सीबीआई अधिकारी का अनुरोध बताने वाला वायरल पत्र फर्जी है।

निष्कर्ष

तथ्यों के जांच पश्चात हमने यह पाया कि कोलकाता रेप केस में सीबीआई के नाम से वायरल लेटर फर्जी है। जिसके बारे में खुद सीबीआई ने खंडन करते हुए इसे फेक बताया है। डॉ आकाश नाग नाम का कोई शख्स सीबीआई से जुड़ा हुआ नहीं है।

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Title:कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप केस में सीबीआई के नाम पर फर्जी लेटर वायरल…

Fact Check By: Priyanka Sinha

Result: False