
वर्तमान में एक खबर सोशल मंचों पर काफी वायरल हो रही है। खबर के मुताबिक झारखंड के कोडरमा स्टेशन पर दो मजदूरों को दिल्ली से भूवनेश्वर जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस से टी.टी.ई ने जबरन उतारा व अपशब्द कहे। वायरल हो रहे पोस्ट में आप एक समाचार पत्र में छपी खबर की तस्वीर देख सकते है। पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,
“राजधानी एक्सप्रेस ट्रैन का कन्फर्म टिकट था लेकिन यात्री मजदूर थे और जाती से यादव थे। टीटी ने ट्रैन से यह कहते हुए उतार दिया कि राजधानी ट्रैन तुम जैसो मजदूरों के लिए नही बनी है। क्या बकवास टीटी था ? इन मजदूरों को रेलवे पर केस करना चाहिए और अपने साथ हुई बेइज्जती , परेशानी , मानसिक तनाव के साथ टिकट का पैसा , वकील की फीस व केस में होने वाले अन्य कानूनी खर्चों के साथ कोर्ट में केस कर देना चहिये। देश मे माहौल ही बहुत गलत चल रहा है। रेलवे को चाहिए कि इस टीटी के खिलाफ रिमूवल फ्रॉम डयूटी वाली मेजर पेनाल्टी वाली चार्ज सीट देकर दीपार्टमेंट्ल इन्क्वारी शुरू करे । चार्ज साबित होने पर इसे नोकरी से निकाल दे।“
इस खबर को विभिन्न सोशल मंचों पर काफी तेजी से साझा किया जा रहा है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही खबर गलत है। धनबाद के रेलवे प्राधिकरण ने इस मामले की जाँच कर इन आरोपों को निराधार बताया है, जाँच के बाद ये स्पष्ट हुआ है कि लगाये गए आरोप गलत हैं।
जाँच की शुरूवात हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च के माध्यम से की तो हमें कई समाचार लेख मिले जो इस खबर के बारे में जानकारी दे रहे थे। दैनिक जागरण के समाचार लेख के मुताबिक दो मजदूर जिनका नाम रामचंद्र यादव और अजय यादव है उन्होंने टी.टी.ई पर आरोप लगाया कि उन्हें राजधानी में जबरन चढ़ने से रोका गया, हालाँकि ये आरोप निराधार है। लेख के अनुसार, इन दो मजदूरों ने कोडरमा रेलवे स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद रेलवे प्राधिकारियों ने इस मामले की जाँच की व सी.सी.टी.वी फूटेज से पता चला कि जब ट्रेन स्टेशन से जा रही थी, तब तक ये मजदूर प्लेटफोर्म पर पहुँचे ही नहीं थे, उनके पहुँचने के पहले ही ट्रेन स्टेशन से छूट चुकी थी। यह समाचार लेख इस वर्ष 2 जनवरी को प्रकाशित किया गया था।
इसके पश्चात हमने धनबाद रेलवे मंडल के पी.आर.ओ पी.के मिश्रा व वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक अखिलेश कुमार पांडे से संपर्क किया तो उन्होंने वायरल हो रही इस खबर को गलत बताते हुए कहा कि,
“वायरल हो रही खबर जिसके मुताबिक कोडरमा स्टेशन पर टी.टी.ई ने दो मजदूरों को राजधानी में चढ़ने नहीं दिया, ये सरासर गलत है। हमने इस मामले की जाँच की व उसी दौरान सी.सी.टी.वी फुटेज देखा तो हमें पता चला कि ये दो मजदूर ट्रेन तक पहुँचे ही नहीं थे औऱ इनके देरी से स्टेशन पहुँचने की वजह से इनकी ट्रेन छूट गयी थी । जिन समाचार लेखों में वायरल हो रही खबर छपी थी हमने उन सब को तथ्य प्रामाणिक स्पष्टीकरण दे दिया है।“
हमें अखिलेश कुमार पांडे द्वारा उस दिन का सी.सी.टी.वी फुटेज व इस मामले से जुड़ा एक समाचार एजेंसी को भेजा गया स्पष्टीकरण भेजा गया।
इसके पश्चात गूगल पर अधिक जाँच करने पर हमें धनबाद के डी.आर.एम आशिष बंसल का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने लिखा है,
“आपकी ख़बर तथ्यों पर आधारित नहीं है। भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस सुबह 05:22 पर छूट चुकी थी जबकि यात्री 05:23 पर उपरिगामी पुल पर दौड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। कृपया समाचार को संशोधित करें।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया है कि उपरोक्त दावा में गलत है। वायरल हो रही खबर गलत है। धनबाद के रेलवे प्राधिकरण ने इस मामले की जाँच की जिसके बाद पता चला की ये आरोप गलत है।
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Title:क्या “औकात” का हवाला देते हुये राजधानी एक्सप्रेस से दो मजदूरों को जबरन बाहर निकाला गया? जानिये सत्य..
Fact Check By: Rashi JainResult: False
