इंटरनेट पर अकसर समाचार पत्र में छपे लेख की तस्वीर को गलत दावे के साथ साझा किया जा रहा है। फैक्ट क्रेसेंडो ने ऐसे कई दावों का फैक्ट चेक कर उनकी प्रमाणिता अपने पाठकों तक पहुंचाई है। इन दिनों ऐसे ही एक समाचार लेख की तस्वीर सोशल मंचों पर काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। उस लेख में दी गयी हेडलाइन में लिखा है, “गोवर्धन पर्वत बेचने की तैयारी!” इसी हेडलाइन को आधार बनाकर इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि योगी सरकार गोवर्धन पर्वत बेच रही है।
वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है,
“उत्तर प्रदेश योगी सरकार द्वारा गोवर्धन पर्वत को बेचने की तैयारी। यह बाबा कुछ छोड़ेंगे भी या नहीं।“
(शब्दशः)
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने इस दावे को गलत व भ्रामक पाया है। गोवर्धन पर्वत को बेचने का विज्ञापन एक ई-कॉमर्स कंपनी ने उनकी वैबसाइट पर दिया था, वायरल तस्वीर में दिख रहा लेख इस बात की जानकारी दे रहा है जिसे अब गलत दावे के साथ जोड़ वायरल किया जा रहा है।
जाँच की शुरुवात हमने इस लेख की तस्वीर को गौर से देखकर की, इस लेख की हेडलाइन के उपर दी गयी जानकारी में लिखा है, आस्था से खिलवाड़। ऑनलाइन कंपनी ने शिला बिक्री का दिया विज्ञापन, 5,175 रखी है कीमत। इस जानकारी को ध्यान में रखते हुये हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च कियाह, हमने पाया कि यही तस्वीर एक यूजर ने अपने फेसबुक पेज पर इस वर्ष ९ फरवरी को अपलोड की थी, जब हमने उस तस्वीर के लेख को पढ़ा तो हमें वहाँ ऐसा लिखा हुआ कही नज़र नहीं आया कि योगी सरकार गोवर्धन पर्वत को बेच रही है। लेख में साफ तौर पर लिखा है कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में गोवर्धन पर्वत की शिलाओं को बेचने का विज्ञापन एक ऑनलाइन बिक्री कंपनी ने प्रकाशित किया था। कंपनी ने शिलाओं की तस्वीर उस विज्ञापन में प्रकाशित की है व उनकी कीमत 5,175 रखी है। इसके बाद यह विज्ञापन सोशल मंचों पर वायरल हो गया। जब साधु-संतों व अन्य लोगों ने इस विज्ञापन को देखा तो उन्होंने गोवर्धन थाने में हंगामा किया। उन्होंने पुलिस से कंपनी व उसके मालिक की गिरफ्तारी की मांग की।
इसके पश्चात हमने उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखते हुये गूगल पर इस सम्बंधित कीवर्ड सर्च किया। हमें हिंदुस्तान द्वारा इस वर्ष 8 फरवरी को प्रकाशित किया हुआ मिला। उसमें भी यही जानकारी दी गयी है। लेख में लिखा है कि, इंडिया मार्ट नामक एक ई-कॉमर्स कंपनी ने अपने वैबसाइट पर गोवर्धन पर्वत की शिला बेचने का विज्ञापन दिया था। इसके बाद जानकारी मिलते ही पुलिस ने पाँच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया व तीन लोगों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इंडिया मार्ट कंपनी के फाउंडर और सी.ई.ओ दिनेश अग्रवाल, को-फाउंडर ब्रजेश अग्रवाल और मथुरा में सप्लायर अंकुर अग्रवाल को गिरफ्तार किया है।
इस बारे में अधिक जानकारी पाने के लिये व दावे की सच्चाई जानने के लिये फैक्ट क्रेसेंडो ने मथुरा के एस.पी डॉ. गौरव ग्रोवर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि “वायरल हो रही तस्वीर में जिस घटना की जानकारी दी गयी है वह पुरानी है। इस मामले का उत्तर प्रदेश की सरकार से कोई संबम्ध नहीं है। इस घटना के बाद जैसे ही पुलिस को जानकारी मिली हमने उस पर कार्रवाई की। इस मामले में एफ.आई.आर दर्ज की थी व आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया था। वायरल हो रहा दावा भ्रामक है।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत व भ्रामक है। गोवर्धन पर्वत को बेचने का विज्ञापन एक ई-कॉमर्स कंपनी ने उनकी वैबसाइट पर दिया था व इस कंपनी के खिलाफ यथोचित विधिक कार्यवाही की गई है।
UPDATE (16/09/2021)– The rating of the story has been updated to False from Missing Context.
तालिबान के अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़े से संबंधित अन्य फैक्ट चेक को आप नीचे पढ़ सकते है|
Title:FACTCHECK: क्या योगी सरकार मथुरा में स्थित गोवर्धन पर्वत को बेच रही है?
Fact Check By: Rashi JainResult: False
एक सभा को संबोधित करने के दौरान डोनाल्ड ट्रंप को थप्पड़ मारे जाने के दावे…
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हैदराबाद यूनिवर्सिटी के बगल में एक भूखंड पर पेड़ों को…
डिंपल यादव ने मोदी सरकार की तारीफ करते और यूपीए सरकार के कार्यकाल की आलोचना…
बीजेपी नेता धीरज ओझा का वायरल ये वाला वीडियो पुराना है, वीडियो हाल-फिलहाल में हुई…
सनातन धर्म को 'गंदा धर्म' बताने के दावे से ममता बनर्जी का वायरल वीडियो अधूरा…
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पास गाचीबोवली में 400 एकड़ जंगल की कटाई को लेकर हैदराबाद…