सोशल मंचों पर अकसर लोगों के सांप्रदायिक सद्भाव को ठेस पहुँचाने के लिए वीडियो व मैसेज को ग़लत विवरण के साथ वायरल किया जाता है। कई वीडियो का स्पष्टीकरण होने के बावजूद वे वीडियो इंटरनेट पर हर वर्ष वायरल किए जाते हैं, ऐसा ही एक वीडियो 2019 से वायरल होता चला आ रहा है, इस वीडियो में आप एक शख्स को दुर्गा माता के पंडाल में जाकर वहाँ दूसरे शख्स को धमकाते हुए देख सकते है। वह पंडाल में चल रहे भजन को रुकवाता है और कहता है कि कालोनी में रहना है तो असलम भाई कहना पड़ेगा, यहाँ मोदी नहीं आएगा।
वीडियो के शार्षक में लिखा है,
“दुर्गा पंडाल में घुसकर भजन बंद करवा कर बोला, “कॉलोनी में रहना है तो असलम भाई कहना है, यहां मोदी नहीं आएगा !” मलाड मुंबई की घटना ! पंडाल में अजान करवाकर उसे साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल बताने वाले न्यूज़ चैनल में दम है ये खबर दिखाने की!”
इस वीडियो को सोशल मंचो पर काफी साझा किया गया है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
इस वीडियो की जाँच के दौरान पाया कि वीडियो को टिक-टोक के लिए बनाया गया था, जो कि एक पूर्व निर्धारित नाटक था, वीडियो में दिख रहे सभी शख्स दोस्त है। उन्होंने ने दुर्गा पंडाल में भजन बंद करवाकर अजान शुरू नहीं करवाई थी। |
जाँच की शुरुवात हमने इस वीडियो में सुनाई दे रही आवाज़ को ध्यान से सुनने से की, जिसके पश्चात हमें समझ आया कि वीडियो में नीले शर्ट में दिख रहा शख्स बोल रहा है कि “मालवनी में रहना है तो भाई कहना है, यहां मोदी नहीं आएगा !” मलाड मुंबई की घटना ! पंडाल में अजान करवाकर उसे साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल बताने वाले न्यूज़ चैनल में दम है ये खबर दिखाने की!”
इसके बाद हमने मालवनी को लेकर इस घटना से सम्बंधित कीवर्ड सर्च किया तो हमें “वसीम हैदर सहारा समय” नामक एक यूट्यूब चैनल का वीडियो मिला जिसके शीर्षक में लिखा था, “मालवनी में रहना है तो असलम भाई कहना है इस वायरल वीडियो पर एम.एल.ए असलम शेख का क्या कहना है।”
इस वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम असलम शेख है जो मुंबई के एन.सी.पी के नेता है। वायरल हो रहे वीडियो में उनके नाम का जिक्र किया गया है। इस वीडियो में वे वायरल हो रहे वीडियो के संदर्भ में अपना स्पष्टीकरण दे रहे है। उनके मुताबिक वीडियो में दिख रहा वाकया उनके खिलाफ एक षड्यंत्र है। वे यह भी कह रहे है कि वे किसी भी तरह के जातिवाद का साथ नहीं देते है। उन्होंने पुलिस से वीडियो में दिख रहे वाकये पर जाँच करने का अनुरोध किया है व इस वीडियो को वायरल कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के मांग की है।
इसके पश्चात और जाँच करने पर हमें कई समाचार लेख मिले जिनमें हमें पता चला कि वायरल हो रहे वीडियो में नीले रंग के शर्ट व टोपी लगाए शख्स का नाम आशिष सिंह है और वीडियो में वे रविशंकर दूबे नामक व्यक्ति से बात कर रहे है।
उपरोक्त तस्वीर में आप रविशंकर दूबे व आशिष सिंह को देख सकते है।
हमने फेसबुक पर आशिष सिंह के अकाउंट की खोज की। हमें उनके अकाउंट पर जानकारी मिली कि वे एक अशासकीय संस्था युवा एकता सामाजिक संस्था के उपाध्यक्ष है व वे एक जिम के मालिक भी है। इस जानकारी का इस्तेमाल कर हमने युवा एकता सामाजिक संस्था से संपर्क किया तो वहाँ हमारा संपर्क इस अशासकीय के सलाहकार नदिम शेख से हुआ।
उन्होंने हमें बताया कि इंटरनेट पर वायरल हो रहे वीडियो में आशिष सिंह के साथ सफेद कपड़ों में चल रहे शख्स वे ही है और कहा कि उन्होंने मजाक के तौर पर यह वीडियो बनाया था।
उपरोक्त तस्वीर में आप नदिम शेख को देख सकते है।
उन्होंने हमसे कहा,
“वायरल हो रहे वीडियो में नीले रंग के कपड़े व टोपी पहने हुए व्यक्ति व जिस शख्स से वे वीडियो में बात कर रहे है, हम सब बहुत अच्छे मित्र है। हम तीनों एक अशासकीय संस्था युवा एकता सामाजिक संस्था के लिए काम करते है। हमने इस वीडियो को टिक-टॉक के लिए मज़ाक के तौर पर बनाया व उसे इंटरनेट पर प्रसारित किया था। उस पोस्ट के शीर्षक में हमने लिखा था कि, आप क्या सोचते हो असलम शेख के बारे में। इस शीर्षक को लोगों ने हटाकर इसके जगह दूसरा शीर्षक लिख कर वायरल किया था। इस वीडियो को हमने अक्टूबर 2019 में प्रसारित किया था और ये तब से गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है। ये वीडियो इतना वायरल हो चुका था कि मालवनी पुलिस के पास इस वाकये में कार्रवाई करने के लिए पी.एम.ओ से लेटर आया था।
इसके पश्चात हमने स्पष्टीकरण के रूप में फेसबुक पर वीडियो प्रसारित किये जिनमें हमने स्पष्ट किया कि ये वीडियो मज़ाकी तौर पर बनाए गये है और हम सब दोस्त है। हमने सोशल मंच पर इस वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल कर रहे लोगों के खिलाफ मालवनी पुलिस थाने में एफ.आई.आर भी दर्ज की है।“
नदिम शेख ने हमें उनके स्पष्टीकरण के वीडियो व शिकायत की कॉपी भी उपलब्ध करायी है।
नदिम शेख ने हमें वायरल हो रहे वीडियो के संदर्भ में कुछ वीडियो व तस्वीरें भेजी हैं। वीडियो में वे वायरल वीडियो में दिखाए गए वाकये का स्पष्टीकरण दे रहे है।
नीचे आप उनके द्वारा की गई शिकायत की कॉपी देख सकतें है।
तदनंतर इस पूरे वाकया व हमें मिले सबूतों की पुष्टि के लिए हमने मालवनी पुलिस थाने के सिनियर पी.आई जगदेव कालपड से संपर्क किया तो उन्होंने हमें बताया कि,
“वायरल हो रहा वीडियो एक वर्ष पुराना है। इस वीडियो के साथ जो दावा है वह सरासर गलत है। वीडियो में दिख रहे लोगों ने इस वीडियो को मज़ाक के तौर पर बनाया था। ये लोग खुद चलकर पुलिस थाने आए थे व उन्होंने हमें पूरे प्रकरण के बारे में बताया। हमने उन लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज करायी थी। मैं आपको अभी इतना कह सकता हूँ कि वीडियो में दिख रहे लोग दोस्त है व वायरल हो रहा दावा बिलकुल गलत है।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात उपरोक्त वीडियो के दावे को गलत पाया है, वीडियो का असलम शेख से कोई सम्बन्ध नहीं है। वीडियो को मजाक के तौर पर बनाया गया था। वीडियो में दिख रहे सभी शख्स दोस्त है। उन्होंने ने दुर्गा पंडाल में भजन बंद करवाकर अज़ान नहीं करवाई था।
Title:मज़ाक के तौर पर बनाए गये वीडियो को सांप्रदायिकता से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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