क्या भारतीय किसानों के समर्थन में जर्मनी के बर्लिन शहर में किसान ट्रैक्टर महारैली का आयोजन किया गया? जानिये सत्य..

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वर्तमान में दिल्ली की राज्य सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलनों के चलते सोशल मंचों पर कई भ्रामक वीडियो साझा किये जा रहे है। ऐसे कई वीडियो और तस्वीरों का सत्यापन आपको फैक्ट क्रेसेंडो की वैबसाइट पर भी देखने को मिलेंगे | कृषि कानूनों के संबन्ध में एक ऐसी ही तस्वीर  इंटरनेट पर काफी वायरल हो रही है | भारत में चल रहे किसान आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक सड़क पर खड़े ट्रैक्टरों की एक तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए दावा किया गया है कि जर्मनी में लोगों द्वारा भारतीय किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि 

भारतीय किसानों के समर्थन में जर्मनी के बर्लिन शहर की सड़कों पर किसान ट्रैक्टर महा रैली! ना कोई डर ना रोने वाली गैस की गोली, ना पानी की टंकी या किल वाली कोई सड़क क्या यही है लोकतंत्र |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

यह तस्वीर को फेसबुक पर काफी तेजी से फैलाया जा रहा है |

अनुसंधान से पता चलता है कि

जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने से की, जिसके परिणाम से हमें २६ नवंबर, २०१९ को प्रकाशित ट्रिब्यून क्रॉनिकल पर एक समाचार रिपोर्ट मिली जिसमें हमें यह ही वायरल तस्वीर नज़र आई | रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है कि, ” बर्लिन, जर्मनी में ब्रैंडेनबर्ग गेट के सामने “रोड ऑफ़ जून १७” नामक सड़कपर अपने ट्रैक्टर खड़े किए हैं। जर्मन और यूरोपीय कृषि नीति के खिलाफ एक विरोध रैली के लिए जर्मन राजधानी में कुछ हजारों किसानों के आने की उम्मीद है। (एपी फोटो / माइकल सोहन)” |” 

ट्रिब्यून क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों पर बर्लिन में जर्मन सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करते हुए पहुंचे थे | प्रदर्शनकारी किसानों ने महसूस किया कि जर्मन सरकार द्वारा नियोजित की जा रही नई पर्यावरणीय सीमाएं अत्यधिक प्रतिबंधात्मक थीं |

आर्काइव लिंक 

तद्पश्चात हमने एसोसिएटेड प्रेस के आर्काइव में जा कर जाँच की, हमने पाया कि यह तस्वीर २६ नवंबर, २०१९ को फोटो जर्नलिस्ट माइकल सोहन द्वारा खीची गई थी |

एपी इमेज | आर्काइव लिंक 

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर का भारत व भारतीय किसानों से कोई सम्बन्ध नहीं है, वायरल तस्वीर २०१९ की जर्मनी के बर्लिन में उनके देश के कृषि कानूनों के खिलाफ हुई रैली से है |

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Title:क्या भारतीय किसानों के समर्थन में जर्मनी के बर्लिन शहर में किसान ट्रैक्टर महारैली का आयोजन किया गया? जानिये सत्य..

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False