क्या बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सबूत जुटाने पाकिस्तान पहुंचा विपक्ष?

False National

२८ मार्च २०१९ को ‘फैक्ट क्रेसेन्डो’ के वाट्सऐप नंबर- 9049053770 पर एक मैसेज हमारे पाठक द्वारा सत्यता जांचने के लिए भेजा गया | जब हमने उपरोक्त मैसेज अन्य सोशल मीडिया ऐप्स पर ढूंढा तो यह ज्ञात हुआ कि यह पोस्ट वाकई काफ़ी चर्चा में है | मैसेज में लिखा गया है कि बालाकोट में मारे गए आतंकियों के सुबूत जुटाने के लिए पाकिस्तान पहुँच गए यह भारत के विपक्षी |

५ अप्रैल २०१९ को रामकृष्ण शुक्ला नामक एक फेसबुक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट की | तस्वीर के शीर्षक में लिखा गया है कि बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सबूत जुटाने पाकिस्तान पहुंचा विपक्ष। ट्विटर से साभार” | पोस्ट के साथ एक तस्वीर भी साझा की गई है | तस्वीर में हम पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान को सेना के एक अफसर के साथ बैठे हुए देख सकते है | पीछे की तरफ हम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी व पंजाब के कांग्रेस मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को देखा जा सकता है | इस तस्वीर में हम बालकनी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को नमाज़ पढ़ते हुए भी देख सकते है | इस तस्वीर के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि भारत के यह विपक्षी नेता पाकिस्तान में बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सुबूत जुटाने पाकिस्तान गए | यह तस्वीर फेसबुक पर काफ़ी चर्चा में है व तेजी से साझा की जा रही है |

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इस पोस्ट को ट्विटर पर ढूँढने से हमें पता चलता है कि यह तस्वीर ट्विटर पर भी काफ़ी चर्चा में है | ४ अप्रैल २०१९ को कृष्णा नामक एक ट्विटर यूजर ने इस तस्वीर को साझा करते हुए कहा “बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सबूत जुटाने पाकिस्तान पहुंचा विपक्ष” | ट्वीट को लगभग २७०० बार रीट्वीट किया गया व ७५०० से भी ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिली | इस युवक ने अपने प्रोफाइल में इस बात का  स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि वह मजाक के तौर पर तस्वीरों को फोटोशोप के माध्यम से जोड़ता है |

नीचे आप इस शख्स द्वारा की गयी ट्वीट को देख सकते है |

https://twitter.com/Atheist_Krishna/status/1114022318735368194

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जब हमने फेसबुक व ट्विटर पर खंगाला तो हमने पाया कि इस युवक द्वारा किये गए मजाक को लोग सत्य मानकर साझा कर रहे है |

इस पोस्ट में किया गया दावा कई सवाल उठाता है व यह तस्वीर भी काफ़ी संदेहपूर्ण लगती है | इसीलिए हमने सच्चाई जानने की कोशिश की |

संशोधन से पता चलता है कि..

इस तस्वीर का गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करने पर हमें तस्वीर की सच्चाई पता चल गयी | इस तस्वीर को कई मीडिया रिपोर्टों में उल्लेख किया गया है |

४ अप्रैल २०१९ को टाइम्स ऑफ़ इस्लामाबाद द्वारा प्रकाशित की गयी खबर के अनुसार यह तस्वीर इस्लामाबाद में सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है |

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४ अप्रैल २०१९ को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून द्वारा प्रकाशित खबर में भी इस तस्वीर को देखा जा सकता है | उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा है कि “सेना प्रमुख जनरल क़मर बाजवा ने गुरुवार को इस्लामाबाद में प्रधान मंत्री इमरान खान को बैठक के लिए बुलाया” | इस तस्वीर को खींचने का  क्रेडिट रेडियो पाकिस्तान को दिया गया है | इस तस्वीर में सिर्फ इमरान खान व जनरल कमर बाजवा बैठक में दिखते है | खबर में लिखा गया है कि बैठक में उन्होंने राष्ट्रीय कार्य योजना को अक्षर और आत्मा में लागू करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई |

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इस तस्वीर को ऐरी न्यूज़ ने भी अपनी खबर में इस्तेमाल करते हुए ४ अप्रैल २०१९ को प्रकाशित किया | खबर में लिखा गया है कि सेना प्रमुख ने सुरक्षा संबंधी मामलों पर चर्चा करने के लिए प्रधान मंत्री इमरान खान को मुलाकात के लिए बुलाया |

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इन खबरों द्वारा प्रकाशित तस्वीर की वायरल तस्वीर के साथ तुलना करने से दोनों फोटो में हमें काफ़ी अंतर नज़र आते है |

उपरोक्त तस्वीर से हम स्पष्ट हो सकते है कि ओरिजिनल तस्वीर के साथ फोटोशोप का इस्तेमाल कर भारतीय नेताओं के तस्वीरों को जोड़ा गया है व उसके साथ एक भ्रामक कैप्शन के माध्यम से यह फोटो साझा की जा रही है |

निष्कर्ष: विश्लेषण के पश्चात हमने उपरोक्त तस्वीर को गलत पाया है | तस्वीर को फोटोशोप का इस्तेमाल कर छेड़छाड़ की गयी है व भारतीय नेताओं की तस्वीरों को जोड़ा गया है | इस तस्वीर के साथ दावें भी गलत है क्योंकि यह तस्वीर इस्लामाबाद में हुई पाकिस्तान के सेना जनरल व प्रधान मंत्री इमरान खान के बीच बठक की है |

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Title:क्या बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सबूत जुटाने पाकिस्तान पहुंचा विपक्ष?

Fact Check By: Drabanti Ghosh 

Result: False