२४ अप्रैल २०१९ को हेमराज हिन्दुस्तानी नामक एक फेसबुक पेज पर एक लाइव विडियो पोस्ट किया गया | विडियो के शीर्षक में लिखा गया है कि “आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर मोदी का प्रचार” | इस विडियो में एक कंप्यूटर पर वेबसाइट दिखाया जा रहा है और यह कहा जा रहा है कि यह निर्वाचन विभाग (चुनाव आयोग) का वेबसाइट है जहाँ मोदी सरकार का विज्ञापन दिखाया जा रहा है | विडियो के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह निर्वाचन विभाग का सरकारी वेबसाइट है जहाँ नरेन्द्र मोदी के सरकार का प्रचार किया जा रहा है | निर्वाचन विभाग स्वायत्तता, स्वतंत्रता और निष्पक्ष तरीके से कार्य करता है | इसके बावजूद इस विडियो द्वारा दावा किया जा रहा है कि निर्वाचन विभाग खुद भाजपा का प्रचार कर रहा है | यह कहा जा रहा है कि विडियो में दिखाई गयी वेबसाईट निर्वाचन विभाग की है और पेज सीईओ राजस्थान है | विडियो में यह भी कहा गया है कि “निर्वाचन विभाग भाजपा की दलाली कर रहा है |” विज्ञापन मोदी सरकार की एक योजना की है जहाँ लिखा गया है कि “१० करोड़ गरीब परिवारों को ५ लाख तक का मुफ्त ईलाज, काम रुके ना, देश झुके ना..फिर एक बार मोदी सरकार |” इस विडियो को २००० से ज्यादा व्यूज मिल चुकी है | फैक्ट चेक किये जाने तक इस विडियो को २०० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिल चुकी थी |
क्या मोदी का प्रचार करके निर्वाचन विभाग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन किया? क्या निर्वाचन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पक्षपाती होकर भाजपा का प्रचार कर रही है? जानिए सच |
संशोधन से पता चलता है कि..
हमने विडियो में किये गए कुछ दावों को स्पष्ट किया है, जो नीचे लिखा गया है:
पहला मुद्दा :
इसके बाद हमने विडियो में दिखाई गयी वेबसाइट – www.elections.in को खोला | इस वेबसाइट का दावा है कि यह भारत की पहली चुनावी वेबसाइट है |
इसके बाद विडियो में दिखाए गए यूआरएल को हमने टाइप किया | विडियो में दिखाई गयी यूआरएल- http://www.elections.in/rajasthan/office-of-chief-electoral-officer.html
जब हम विडियो में दिखाई गयी वेबसाइट के पेज पर गए तो हमें कई विज्ञापन नज़र आए | यह विज्ञापन गूगल द्वारा प्रसारित किये जाते है और अलग-अलग समय पर अलग विज्ञापन देखा जा सकता है |
इसके बाद हमने यह ढूँढने की कोशिश की कि क्या www.elections.in यह वेबसाइट निर्वाचन विभाग का सरकारी वेबसाइट है | गूगल सर्च पर इलेक्शन कमीशन सर्च करने पर हमने पाया की उनका अधिकारिक सरकारी वेबसाइट का लिंक यह है – https://eci.gov.in/
दोनों वेबसाइट के लिंक की तुलना करने पर हमने पाया कि विडियो में दिखाई गयी वेबसाइट का डोमेन .in से खत्म होता है और इलेक्शन कमीशन के वेबसाइट का डोमेन gov.in देखा जा सकता है |
हमने गूगल पर कुछ सरकारी वेबसाइट को ढूँढा तो हमने पाया कि हर सरकारी वेबसाइट gov.in से ख़तम होता है |
वेबसाइट का नाम | वेबसाइट का लिंक |
National Portal of India | https://www.india.gov.in/ |
MyGov | https://www.mygov.in/ |
Open Government Data Platform India | https://data.gov.in/ |
इन वेबसाइट को खोलने पर यह कुछ ऐसा दिखता है | इन वेबसाइट के लिंक को तस्वीर के तौर पर आप नीचे देख सकते है | इन वेबसाइट पर कोई भी प्रकार का विज्ञापन प्रचार नहीं किया जाता है |
इसके बाद हमें गूगल पर भारतीय सरकार की वेबसाइट के नियमों को ढूँढा | हमें इ-गवर्नमेंट स्टैण्डर्ड द्वारा एक सरकारी पीडीएफ का लिंक मिला | पीडीएफ का शीर्षक भारतीय सरकार की वेबसाइट के दिशानिर्देश है | इस पी डी एफ के पेज नंबर ३४ – ३५ के अनुसार :
सरकार के डोमेन नाम नीति के अनुपालन में, सभी भारतीय सरकारी वेबसाइटें विशेष रूप से आवंटित ‘gov.in’ या ‘nic.in’ डोमेन का उपयोग करेंगे और यह अधिकार सरकारी वेबसाइटों तक सीमित है | भारत के सैन्य संस्थानों और संगठनों gov.in/ nic.in डोमेन के अलावा या उसके स्थान पर किया जा सकता है |
इससे हम स्पष्ट हो सकते है कि विडियो में दिखाया गया वेबसाइट निर्वाचन विभाग का सरकारी वेबसाइट नहीं है | यह निर्वाचन विभाग का सरकारी वेबसाइट है – https://eci.gov.in/
दूसरा मुद्दा :
इसके बाद हमने दोनों वेबसाइट का डोमेन को ढूँढा | हमने whois.domaintools के वेबसाइट पर विडियो में दिखाई गयी वेबसाइट के डोमेन को ढूँढा | डोमेन डिटेल के अनुसार यह वेबसाइट “कमपैर इन्फोबेस लिमिटेड” नामक किसी कंपनी का है | इस कंपनी को गूगल पर ढूँढने से हमें पता चला की यह कंपनी मुंबई में स्थित है व एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है |
हमने whois.domaintools के वेबसाइट पर निर्वाचन विभाग के सरकारी वेबसाइट के डोमेन को ढूँढा | डोमेन डिटेल के अनुसार सारी जानकारी छुपाई हुई है | इस वेबसाइट का लोकेशन दिल्ली एनआईसीनेट इंडिया बताता है |
निष्कर्ष: तथ्यों की जांच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | पोस्ट में किया गया दावा की, विडियो में दिखाई गयी वेबसाइट सरकारी है, गलत है क्योंकि यह वेबसाइट एक प्राइवेट कंपनी की है | दूसरी ओर निर्वाचन विभाग की सरकारी वेबसाइट पर कोई भी प्रकार का विज्ञापन नहीं रहता है क्योंकि वह एक निष्पक्ष संस्थान है | अतः निर्वाचन विभाग की सरकारी वेबसाइट भाजपा का प्रचार नहीं कर रहा है |
Title:क्या चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मोदी का प्रचार हो रहा है?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
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