सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की वैज्ञानिक खुशबू मिर्जा को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया है | वायरल हो रहे दावे में आगे कहा गया है कि मिर्जा पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बाद पद संभालने वाली दूसरी भारतीय मुस्लिम हैं जो इसरो की निदेशक बनी हैं|
खुशबू मिर्जा की तस्वीर के साथ वायरल हो रहे संदेश में लिखा है कि
“35 वर्षीय वैज्ञानिक मिस खुशबू मिर्जा, इसरो में निदेशक के रूप में पदोन्नत हुई हैं। वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र हैं और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बाद इसरो में यह रैंक रखने वाली केवल दूसरी मुस्लिम वैज्ञानिक हैं |”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया है कि खुशबू मिर्जा को लेकर किया जा रहा दावा आंशिक रूप से गलत है | डॉक्टर कलाम उनसे दो रैंक ऊपर थे |
जाँच की शुरुवात हमने ‘खुशबू मिर्जा इसरो’ के साथ गूगल पर सर्च किया जिसके परिणाम से हमें द फेडरल द्वारा प्रकाशित उनकी एक प्रोफाइल मिली | प्रोफाइल के अनुसार, खुशबू मिर्जा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले की रहने वाली हैं व इसरो में वैज्ञानिक हैं, वह भारत के दो चंद्र मिशनों – चंद्रयान 1 और चंद्रयान 2 की समर्पित टीमों का हिस्सा थीं।
खुशबू मिर्ज़ा के चंद्रयान 1 और 2 के समय उनके महत्त्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति कोविन्द ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ७ मार्च २०१८ को ट्वीट करते हुए लिखा है कि “इस्मत चुगताई और मुमताज़ जहान जैसी महिलाओं ने भारतीय समाज और AMU की शान में इजाफा किया है। अमरोहा के एक साधारण परिवार की बेटी खुशबू मिर्ज़ा ने चंद्रयान मिशन में अहम भूमिका निभाई है। खुशबू जैसी बेटियों ने ‘चिलमन से चाँद’ तक के सफर को शानदार अंजाम दिया है — राष्ट्रपति |”
हमें भारतीय युवा कांग्रेस के यूपी राज्य महासचिव खुश्तार मिर्जा का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया था कि खुशबू मिर्जा उनकी बहन हैं |
फैक्ट क्रेसेंडो ने खुश्तार मिर्जा से संपर्क किया जिन्होंने हमें कहा कि वायरल दावा सच नहीं है | उन्होंने हमें आगे बताया कि यह एक पुरानी पोस्ट है जो समय-समय पर सोशल मीडिया पर वापस आती रहती है | परंतु यह सच नहीं है, उन्होंने हमें यह भी बताया कि यह मैसेज सोशल मीडिया पर २०१८ से वायरल है |
इस मैसेज के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने खुशबू मिर्ज़ा से संपर्क किया, जिन्होंने वायरल दावे को खारिज करते हुए कहा कि “यह दावा कि मुझे इसरो में निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया है, बिल्कुल गलत है। पहले भी इस तरह के दावे किए जा चुके हैं। मैंने इसे अपने संगठन के संज्ञान में भी लाया है |” उसने कहा कि उसे हाल ही में हुई उनकी पद्दोनती के बाद वे रैंक ऍफ़ पर पहुंची हैं जबकि डॉ कलाम ‘रैंक एच‘ पर इसरो में कार्यरत थे, वे अब भी डॉ कलाम से दो रैंक नीचे है |
इसके अलावा हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च के माध्यम से यह जानने की कोशिश किया कि क्या डॉ कलाम कभी भी इसरो में निदेशक के पद पर कार्यरत थे या नहीं | हमने पाया कि डॉ कलाम इसरो में कभी निदेशक के पद पर नहीं रहे | जबकि उन्होंने संगठन के साथ कई अलग अलग क्षमताओं में कार्य किया, जिसमें 1980 के दशक में पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के विकास के लिए परियोजना निदेशक के रूप में काम करना शामिल है, उन्होंने कभी भी संगठन में शीर्ष पदों पर कार्य नहीं किया |
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त तस्वीर के साथ किये गये दावे को आंशिक रूप सेगलत है | खुशबू मिर्ज़ा को सरकारी अंतरिक्ष एजेंसी में ‘रैंक एफ’ में पदोन्नत किया गया है | यह दावा कि खुशबू मिर्जा को इसरो में निदेशक के पद पर पदोन्नत हुई है, आंशिक रूप से गलत है | डॉक्टर कलाम उनसे दो रैंक ऊपर थे |
Title:वैज्ञानिक खुशबू मिर्जा को इसरो निदेशक के पद पर पदोन्नत नहीं किया गया है |
Fact Check By: Aavya RayResult: Partly False
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