यह खबर गलत है। हमने इस बात की पुष्टि कर्नाटक सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से की है।
कर्नाटक हिजाब विवाद के संबन्ध में एक खबर इंटरनेट पर साझा की जा रही है। उसके मुताबिक अब कर्नाटक के कॉलेजों ने ड्रेस कोड हटा दिया है। अब छात्राएं हिजाब पहनकर कक्षा में जा सकती है।
वायरल हो रहे पोस्ट को आप नीचे देख सकते है।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
इस खबर की पुष्टि करने के लिये हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। हमें 25 मार्च को प्रकाशित मिंट का लेख मिला। उसमें बताया गया है कि 24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
15 मार्च को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था और कहा था कि हेडस्कार्फ़ इस्लाम में आवश्यक धार्मिक अभ्यास का हिस्सा नहीं है। इसको लेकर याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को चुनौती देते हुये सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। परंतु वहाँ पर भी अभी तक इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
आपको बता दें कि 24 मार्च की सुनवाई के बाद हिजाब विवाद में कोई सुनवाई नहीं हुई है।
आगे बढ़ते हुये हमने कर्नाटक सरकार के आधिकारिक वेबसाइट पर हिजाब विवाद पर हाल ही में क्या आदेश जारी किया गया है वह खोजने की कोशिश की। हमें 16 फरवरी को जारी किया गया एक सर्कुलर मिला। उसमें हिजाब विवाद के बाद जो शैक्षणिक संस्थायें बंद कर दी गयी थी, उसे खोलने के लिये कहा गया है और छात्रों को जल्द से जल्द कक्षाओं में लोटने की अनुमति दी गयी है। इस मामले को ध्यान में रखते हुये कहा गया है कि सभी छात्रों को उनके धर्म की परवाह किये बिना, अगले आदेश तक भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब, धार्मिक झंडे या इसी तरह के अन्य कपड़े पहनने की अनुमति नहीं है। स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि यह आदेश केवल उन्हीं संस्थानों तक सीमित है जहाँ कॉलेज विकास समितियों ने छात्र ड्रेस कोड/वर्दी निर्धारित की है।
जाँच के दौरान हमने पाया कि इस आदेश के बाद कर्नाटक सरकार ने अभी तक कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है।
15 अप्रैल को प्रकाशित एन.डी.टी.वी के लेख में बताया गया है कि एक 17 वर्षीय लड़की आलिया असादी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से निवेदन किया कि उनके पास अभी भी उनके भविष्य को बर्बाद होने से रोकने का मौका है। उसने ट्वीट कर कहा कि हिजाब या हेडस्कार्फ़ पर प्रतिबंध से कई छात्र प्रभावित होंगे जो इस महीने के अंत में होने वाली प्री-यूनिवर्सिटी परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं। ट्वीट कर उनसे वह इस प्रतिबंद को हटाने के लिये कह रही है।
सोचने वाली बात है कि जब अभी भी छात्र हिजाब या हेडस्कार्फ पर लगे प्रतिबंद को हटाने कि बात कर रहे है तो इसका मतलब यह है कि सरकार ने अभी तक प्रतिबंद नहीं हटाया है।
फैक्ट क्रेसेंडो ने कर्नाटक सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव कुमार नाइक से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि “यह दावा सरासर गलत है। कर्नाटक सरकार ने हिजाब या किसी अन्य धर्म के हेडगेअर पर लगे प्रतिबंद को नहीं हटाया है।“
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रहा दावा गलत है। कर्नाटक में कॉलेजों ने ड्रेस कोड नहीं हटाया है। कॉलेज की कक्षाओं में अभी भी हिजाब या किसी भी धर्म के हेडगेअर पहन के जाना प्रतिबंधित है।
Title:क्या कर्नाटक के कॉलेजों में ड्रेस कोड हटा कर हिजाब पहनेनी की मिली अनुमति? जानिए सच
Fact Check By: Rashi JainResult: False
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