फेवीपीरावीर-, एक सामान्य एंटीवायरल जिसे कोरोनावायरस के इलाज में काम करने के लिए माना जाता है, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स द्वारा २० जून को ‘फैबिफ्लू’ नाम से लॉन्च की गई थी | कंपनी द्वारा प्रकाशित रिजल्ट को लेकर सोशल मीडिया पर फैबफ्लू काफी चर्चित रही है, लेकिन इस अध्ययन के डेटा या कार्यप्रणाली को कंपनी द्वारा साझा नहीं किया है | सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के अनुसार इस दवाई की कीमत १०३ रुपये एक टेबलेट है | साथ ही कहा जा रहा है कि फेवीपीरावीर भारतीय मार्किट में एक दुसरे ब्रांड के नाम के साथ भी बेची जाटी है जिसका नाम “लिवफविर” है जिसे मुंबई स्थित लिवेअल्थ बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी मार्किट करती है | कहा जा रहा है कि लिवफविर २०० एम्.जी की कीमत २०० रुपये १० टेबलेट यानी २० रुपये प्रति टेबलेट के कीमत में बेची जाती है | पोस्ट में एविगन के बारे में भी उल्लेख किया गया है | जापानी फर्म फुजीफिल्म टोयामा केमिकल द्वारा निर्मित एविगन उसी दवा की एक ब्रांडेड दवा है (फेवीपीरावीर )| इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए जापान एविगन का उपयोग करता है | अविगन की कीमत पोस्ट अनुसार १० टेबलेट के लिए १६० रुपये है |
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इस पोस्ट से संबंधित कीवर्ड्स को गूगल पर ढूँढकर की, जिसके परिणाम से हमें लिवेअल्थ बायोफार्म प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्रकाशित एक ट्वीट मिला | इस ट्वीट में उन्होंने साफ़ साफ़ लिखा है कि “व्हाट्सएप पर एक अफवाह फैली हुई है, जिसमें हमारी कंपनी Livealth Biopharma Pvt Ltd मार्केटिंग प्रोडक्ट को “ग्लेनमार्क” के “फेविपिरविर” के समान लिंक किया गया है | हम ऐसे किसी भी उत्पाद की मार्केटिंग नहीं कर रहे हैं और हमने पहले ही हमारे उत्पाद “लिवफवीर” को वापस ले लिया है जिससे यह गलतफहमी पैदा हुई है |”
हमने इंडिया मार्ट, मेडलाइफ, फार्मइजी जैसे ऑनलाइन फ़ार्मेसी पर “लिवफवीर” की उपलब्धता की जाँच की, लेकिन उनकी किसी भी उत्पाद सूची में हमें लिवफविर नहीं मिला | हमें इस बात का भी कोई सबूत नहीं मिला कि भारत में १० टैबलेट के लिए फेवीपीरावीर / एविगन १६० रुपये में उपलब्ध है जैसा कि पोस्ट में दावा किया गया है। किसी भी ऑनलाइन फ़ार्मेसी ने अपने उत्पादों में एविगन को सूचीबद्ध नहीं किया है |
फैक्ट क्रेसेंडो ने लिवेअल्थ बायोफार्म प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर संजय पाटिल से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि “यह पोस्ट फर्जी है | हमारे मार्केटिंग में गलती थी | हमें प्रति टैबलेट २०० रुपये लिखकर बेचना था, और इसके लिए हमें उत्पाद के लिए अनुमति मिली थी थी | हालाँकि, हम अभी या भविष्य में इस उत्पाद को लॉन्च करने या बेचने की योजना नहीं बना रहे हैं और सभी विज्ञापनों को बंध कर दिया है |”
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से किये गये दावे गलत है क्योंकि लिवफविर को अभी मार्किट में बेचा नही जा रहा है और नाही उन्होंने ऐसा कोई दावा किया है कि यह दवाई ग्लेनमार्क के दवाई से कोई समानता रखती है |
Title:LIVFAVIR के FABIFLU (ग्लेनमार्क) से सस्ता होने का मैसेज गलत है |
Fact Check By: Aavya RayResult: False
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