क्या 217 बैंकों को हैक कर गरीबों में पैसे बांटने वाला शख्स हँसते हँसते फांसी पर चढ़ गया?

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तस्वीर में दिख रहा शख्स हमजा बेंदलादज नहीं और उसे फांसी नहीं लगाई है। वह अभी भी ज़िंदा है।

एक तस्वीर इंटरनेट पर कई सालों से वायरल हो रही है। उसमें आप एक शख्स को फांसी हो रही है यह देख सकते है। दावा किया जा रहा है कि इस तस्वीर में दिख रहा शख्स अल्जेरिया का साइबर अपराधी हमजा बेंदलादज है जिसने 217 बैंको को हैक कर अफ्रिका और फिलिस्तीन के गरीब लोगों में चार हजार मिलियन डॉलर बांट दिया और उसने अपनी मौत की सज़ा को मुस्कुराहट के साथ स्वीकार किया और हसते हुये फांसी पर चढ़ गया।

आप नीचे दी गयी तस्वीर में वायरल हो रहे पोस्ट को देख सकते है।

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

सबसे पहले हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर यही तस्वीर reddit के वेबसाइट पर 21 नवंबर 2017 को प्रकाशित की हुई मिली। आप नीचे देख सकते है।

इसके साथ दी गयी जानकारी में बताया गया है कि तस्वीर में दिख रहा शख्स मजिद कावौसिफर नामक एक ईरानी नागरिक है जिसे अगस्त 2007 में तेहरान चौक में फांसी दी गयी थी।

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इस बारें में और जानकारी पाने के लिये हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया। 2 अगस्त 2007 को प्रकाशित बी.बी.सी न्यूज़ के वेबसाइट पर दी गयी जानकारी में हमने पाया कि ईरान की राजधानी में तेहरान के एक चौक में दो लोगों को फांसी दी। मजिद कावौसिफर और होसैन कावौसिफार को फांसी दी गयी थी और इस तस्वीर में दिख रहा शख्स मजिद कावौसिफर है।

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इन सबूतों को ध्यान में रख कर हम कह सकते है कि इस तस्वीर में दिख रहा शख्स अल्जेरिया का कंप्यूटर विज्ञान ग्रेजुएट हैकर, हमजा बेंदलादज नहीं है।

फिर हमने हमजा बेंदलादज के बारें में जानकारी हासिल करने की कोशिश की। हमें 21 अप्रैल 2016 को अमेरिका की एफ.बी.आई के वेबसाइट पर एक लेख प्रकाशित किया हुआ मिला। 

उसमें यह बताया गया है कि अल्जेरिया के 27 वर्षीय हमजा बेंदलादज को जॉर्जिया के अटलांटा की अदालत में 15 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

ऐसा कही भी नहीं लिखा है कि बेंदलादज को फांसी दी गयी थी। 

आगे बढ़ते हुये हमें 21 सितंबर 2015 को प्रकाशित अल जज़िरा के लेख में हमने यह लिखा हुआ पाया कि इंटरनेट पर हमजा बेंदलादज की फांसी की सज़ा के बारे में सोशल मीडिया पर अफवाहें फैल रही थी। 

इस वजह से समर्थकों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद अमेरिकी अधिकारियों ने इस दावे का खंडन किया था। अल्जेरिया में स्थित अमेरिकी राजदूत ने ट्वीट भी किया था कि कंप्यूटर अपराध मृत्युदंड से दंडनीय नहीं हैं।


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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर के साथ किया गया दावा गलत है। हमजा बेंदलादज को फांसी नहीं हुई है और वह अभी भी ज़िंदा है। इस तस्वीर में दिख रहा शख्स हमजा बेंदलादज नहीं है।

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Title:क्या 217 बैंकों को हैक कर गरीबों में पैसे बांटने वाला शख्स हँसते हँसते फांसी पर चढ़ गया?

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False