जामियात उलमा-ए-हिंद और मौलाना महमूद मदनी ने स्पष्ट किया है कि वायरल पत्र फर्जी है और उनके द्वारा ऐसी कोई अपील जारी नहीं की गई है।
इस्लामिक विद्वान और जामियात उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी द्वारा लिखी गई एक पत्र, सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है, जिसमे वो आम आदमी पार्टी (AAP) को मुसलमानों के दुश्मन के रूप में वर्णित करते हैं।
इस पत्र के माध्यम से मौलाना महमूद मदनी मुस्लिम मतदाताओं से AAP के लिए वोट नहीं करने की अपील करते है। पत्र को 4 दिसंबर 2022 में आयोजित दिल्ली के नगर निगम चुनावों के पृष्ठभूमि में फैलाया जा रहा है।
यूजर का दावा है की मौलाना महमूद मदनी ने पत्र लिख कर मुस्लिम मतदाताओं को आम आदमी पार्टी को वोट देने से मना कर रहे है।
पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शाहीन बाग़ में मुस्लिम बहनों को बदनाम करने की कोशिश किया था साथ ही उन्होंने CAA के समय भाजपा का समर्थन किया था जिस वजह से उन्हें मुस्लिम समुदाय से कोई वोट नहीं मिलना चाहिए।
वायरल हो थे पोस्ट के कैप्शन में यूजर ने लिखा है कि “मौलाना महमूद मदनी का दिल्ली के मुसलमानो से खास अपील। अबकी बार केजरीवाल को उनकी औकात याद दिलाना है।”
अनुसंधान से पता चलता है कि…
जाँच की शुरुवात हमने इस पत्र से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट को कीवर्ड सर्च के माध्यम से ढूँढा, जिसके परिणाम से हमें ऐसा कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली तो इस पत्र की पुष्टि करे।
आगे हमने जामियात उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के मीडिया प्रवक्ता अज़िमुल्लाह से संपर्क किया, उन्होंने हमें बताया कि वायरल पत्र फर्जी है और इसका स्पष्टीकरण व खंडन सोशल मीडिया पर किया गया है। जामियात उलमा-ए-हिंद या मौलाना महमूद मदनी के तरफ से ऐसी कोई अपील नहीं किया गया है।
आगे हमें ट्विटर पर 3 दिसंबर 2022 को जामियात उलमा-ए-हिंद के आधिकारिक अकाउंट से अपलोड किया गया ट्वीट मिला। इस ट्वीट में पत्र को फर्जी बताते हुए लिखा गया है “मौलाना महमूद मदनी साहब या जमीअत उलमा ए हिंद की जानिब से कोई अपील जारी नहीं की गई है।”
जामियात उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भी उनके फेसबुक प्रोफाइल से इस पत्र को फर्जी बताते हुए एक स्पष्टीकरण साझा किया है। पोस्ट में लिखा गया है कि “मेरी या जमीअत उलमा ए हिंद की जानिब से कोई अपील जारी नहीं की गई है।”
हमें मौलाना महमूद मदनी के फेसबुक प्रोफाइल पर जामियात उलमा-ए-हिंद के नाम से जारी किये गये कई पत्र और नोटिस मिले। इनको देखकर हम स्पष्ट हो सकते है कि वायरल पत्र फर्जी है। ओरिजिनल पत्र में जामियात उलमा-ए-हिंद का लैटरहेड एवं लोगो (पीले रंग में चिंहित) उपलब्ध है जबकि वायरल पत्र में सफ़ेद बैकग्राउंड में शब्दों को लिखा गया है। नीचे आप दोनों के बीच की अंतर देख सकते है।
निष्कर्ष:
तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट को गलत पाया है। वायरल पत्र को जामियात उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने जारी नहीं किया है, ये पत्र फर्जी है।
Title:मौलाना महमूद मदनी ने MCD चुनाव में मुसलमानों को AAP ना देने का अपील नहीं किया; फर्जी पत्र वायरल
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
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