चैंपियंस लीग फाइनल मैच में हुई पी.एस.जी की हार के बाद हुये हंगामे को वर्तमान फ्रांस में हो रहे विरोध प्रदर्शन का बता वायरल किया जा रहा है।

False Social

इन दिनों इंटरनेट पर कई पुराने व दूसरे आंदोलनों/प्रदर्शनों के वीडियो को वर्तमान में फ्रांस व अन्य देशो में फ्रांस के खिलाफ हो रहे आंदोलन से जोड़कर गलत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। फैक्ट क्रेसेंडो ने इस दौरान फ्रांस से संबन्धित ऐसे कई वीडियो व तस्वीरों का अनुसंधान किया है। वर्तमान में सोशल मंचो पर एक वीडियो इन दिनों काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है। उस वीडियो में आप कुछ लोगों को एक बस जैसे वाहन को पैरों से, डंडों से, हाथों से व पत्थरों से मारते हुए देख सकते है। वीडियो के साथ जो दावा वायरल हो रहा है उसके मुताबिक यह वीडियो फ्रांस में मुस्लिम समुदाय के द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन का है।

वीडियो के शीर्षक में लिखा है, 

तमाम उम्मके नबी से मेरी गुजारिश है कि फ्रांस इजराइल अमेरिक का कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल ना करें और इसका खुला बॉयकॉट करें। Protest in France all Muslim people’s #Boycott_French_Products.”

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहे दृश्य पैरिस की फूटबॉल टीम पी.एस.जी के चैंपियंस लीग के फाइनल में हारने की वजह से उसके प्रशंसको द्वारा किये जा रहे हंगामे का है। इस वीडियो का वर्तमान में फ्रांस में हो रहे प्रदर्शनों से कोई संबन्ध नहीं है।

जाँच की शुरूवात हमने इनवीड वी वेरीफाई टूल के माध्यम से गूगल रीवर्स इमेज सर्च के ज़रिये की परिणाम में हमें कई समाचार लेख मिले जिनमें इस वीडियो को प्रसारित किया गया था। हमें 24 अगस्त 2020 को प्रकाशित किया हुआ एक समाचार लेख मिला जिसके अनुसार वायरल हो रहे वीडियो इस वर्ष हुए चैंपियंस लीग के फायनल मैच के बाद का है जब 1- 0 से पेरिस सेंट जर्मेन (पी.एस.जी) की टीम हार गयी थी। आपको बता दें कि बेयर्न म्यूनिख के खिलाफ पेरिस सेंट जर्मेन का मैच था और बेयर्न म्यूनिख उस मैच की विजेता बनी। इसके पश्चात मैच में हार के परिणाम के चलते फ्रांस के लोगों ने पेरिस में हंगामा करना शुरू कर दिया था, जिसके चलते पुलिस ने 148 लोगों को गिरफ्तार कर लिया व 404 लोगों को मास्क न पहनने पर जुर्माना भरना पड़ा। आपको बता दें कि जिस जगह पर लोग हंगामा कर रहे थे उस क्षेत्र में मास्क पहनना अनिवार्य था। 

इस समाचार लेख में वायरल हो रहे वीडियो का 2.15 मिनट का विस्तारित संस्करण प्रसारित किया गया है जिसमें आप पुलिस द्वारा आंदोलन कर रहे लोगों की भीड़ को नियंत्रित करते हुए देख सकतें है।

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इल फाट्टो क्वोटिडियानो. आय टी | आर्काइव लिंक

तदनंतर कीवर्ड सर्च के माध्यम से और अधिक जाँच करने पर हमें 23 अगस्त 2020 को यूरो न्यूज़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल द्वारा प्रकाशित वायरल हो रहे वीडियो जैसा सदृश्य वीडियो मिला जिसके शीर्षक में लिखा था, 

“पी.एस.जी चैंपियंस लीग फाइनल के बाद दंगा पुलिस के साथ पेरिस प्रशंसकों का टकराव।”

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जाँच के दौरान हमें इस प्रकरण पर एक और समाचार लेख मिला जो 19 अगस्त 2020 को प्रकाशित किया गया था। इस समाचार लेख में वायरल हो रहे वीडियो में दिखाये गये दृष्य की कुछ तस्वीरें आप देख सकते है।

लिंडपेंडेंट फ्रांस ने 19 अगस्त 2020 को एक लेख प्रकाशित किया जिसमें वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को देख सकते हैं कि चैंपियंस लीग के फाइनल में पी.एस.जी के हारने से उनके समर्थकों ने पेरिस में अशांति की स्थिति पैदा कर दी थी।

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वायरल हो रहा वीडियो रॉबिन रेडा के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल द्वारा भी ट्वीट किया गया था। आपको बता दें कि रॉबिन रेडा फ्रेंच नेशनल असेंबली के एक सदस्य है। 

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निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया है कि उपरोक्त दावा गलत पाया है। वायरल हो रहे वीडियो पैरिस की फूटबॉल टीम पी.एस.जी के चैंपियंस लीग फाइनल में हार की वजह से उसके प्रशंसको के हंगामे को दर्शा रहा है। इस वीडियो का वर्तमान फ्रांस में हो रहे प्रदर्शनों से कोई संबन्ध नहीं है।

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Title:चैंपियंस लीग फाइनल मैच में हुई पी.एस.जी की हार के बाद हुये हंगामे को वर्तमान फ्रांस में हो रहे विरोध प्रदर्शन का बता वायरल किया जा रहा है।

Fact Check By: Rashi Jain 

Result: False