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मुजफ्फरनगर (उ.प्र) से एक पुरानी अंग तस्करी की घटना को वर्तमान कोरोना से जोड़ फैलाया जा रहा है।

कोरोनावायरस महामारी के चलते अकसर कोरोना संक्रमित मृत मरीजों के अंग तस्करी के मैसेज, तस्वीरें और वीडियो सोशल मंचों पर वायरलहोते रहें हैं, ऐसा ही एक पोस्ट जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि “उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर मे गर्ग हास्पीटल का एक डाक्टर कोरोना मरीज से गुर्दे निकालकर बेचने का प्रयास करता पकड़ा गया। मानवता खत्म हो गयी है डॉ के पेशे को कलंकित कर दिया।” इस पोस्ट के साथ दो तस्वीरें भी संग्लित हैं जिनमेंप्रथम तस्वीर में बर्फ में रखा एक गुर्दा नज़र आ रहा है और द्वितीय तस्वीर में एक पुलिसकर्मीदो लोगों से बातचीत करते हुए नज़र आ रहा है।

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इस पोस्ट को सोशल मंचों पर काफी वाईरल किया गया हैं। 

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अनुसंधान से पता चलता है कि…

इस पोस्ट के दावे से मिलती–जुलती गलत व भ्रामक ख़बरें हाल ही में काफी वायरल हुई थीं, इससे पहले भी हमारी टीम द्वारा कुछ ऐसे ही दावों को पड़ताल में गलत पाया था, इसी कारण से हमें ये पोस्ट भी संदेहास्पद लगा व सबसे पहले हमने इस पोस्ट की सच्चाई कीवर्डसर्च के माध्यम से प्राप्त करने से की,हमें कुछ न्यूज़आर्टिकल मिले जो कि २०१८ से थे जहाँ ऐसी ही एक घटना का जिक्र था, २४ जून २०१८ कोपत्रिकामें प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार मुज़फ्फरनगर के मीरापुर के मोहल्ला मुश्तर्क निवासी इकबाल उर्फ सुक्खा के गुर्दे में पथरी थी। इसका आपरेशन कराने के लिए मुज़फ्फरनगर के नई मंडी क्षेत्र के गर्ग अस्पताल में भर्ती हुए थे। अस्पताल के डाक्टर विभू गर्ग ने आपरेशन किया था। उसके बाद इकबाल के परिवार वालों ने डाक्टर पर किड्नी निकालने का आरोप लगाया था जिसके चलते हॉस्पिटल को सील कर डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया गया था।

इस इंडिया टीवी की न्यूज़ रिपोर्ट में गर्ग अस्पताल के डाक्टर का बयान दिखाया गया है जिसमें डाक्टर का कहना है कि मरीज़ के परिवार वालों को शुरूवात में ही सूचित दिया गया था कि मरीज़ का गुर्दा निकालना पड़ेगा और उस डाक्टर ने यह भी कहा की गुर्दा निकालने के बाद उसे मरीज़ के परिवार वालों के दे दिया गया था।

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हमने वाईरल हो रहे मैसेज के संदर्भ में मुज़फ्फरनगर के एसपी अभिषेक यादव से बात की तो उन्होंने कहा,“उक्त प्रकरण का कोरोनावायरस से कोई सम्बन्ध नहीं है, घटना २०१८ से है व वर्तमान में ऐसी कोई भी घटना हमारे क्षेत्र में नहीं घटी है, पुरानी खबर को कोरोनावायरस से जोड़कर सोशल मंचों पर फैलाया जा रहा है, हम आपके माध्यम से ये अपील करना चाहते हैं कि ऐसे भ्रामक पोस्टों पर यकीन करने से पहले उनकी सत्यता जांच ले ।“

निष्कर्ष:तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त दावे को गलत पाया है।मुज़फ्फरनगर के गर्ग अस्पताल में कोरोना के मरीज़ के गुर्दे निकालकर बेचने के संदर्भ में खबर गलत है। यह घटना दो साल पुरानी है।

Title:ये एक पुरानी घटना है, इस प्रकरण का कोरोना से कोई सम्बन्ध नहीं है।

Fact Check By: Rashi Jain

Result: False

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