क्या बिहार में एक महीने पहले उद्घाटित सत्तार्घट पुल ढह गया है? जानिये सत्य !

False Political

१६ जुलाई २०२० को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोपालगंज जिले में गंडक नदी पर रामजानकी पथ के नाम से जाने वाले सतरघाट पुल का उद्घाटन किया था । हालांकि,  उद्घाटन के २९ दिनों बाद, कई मीडिया रिपोर्टों ने दावा किया कि भारी बारिश के कारण गंडक नदी पर बने इस पुल का एक हिस्सा जमींदोज हो गया है | इसके बाद, पुल के ढह चुके हिस्से को दिखाने वाली तस्वीरें और वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ फैलाया गया कि २६३ करोड़ रुपये की लागत से और ८ वर्षों की अवधी में बनाया गया पुल एक महीना भी टिक नहीं पाया|

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “जब बंगाल का पूल टूटा था तो मोदी जी ने कहा था बंगाल सरकार का  एक्ट ऑफ फ्रॉड की वजह से पुल गिरा  है लेकिन जब कल  उन्ही के सरकार के द्वारा बिहार में 264 करोड़ का पुल 1 महीने में ही ध्वस्त हो गया है क्या उसे भी मोदी जी एक्ट ऑफ फ्रॉड कहेंगें |” 

 


फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक | आर्काइव लिंक | ड इंडियन एक्सप्रेस | आर्काइव लिंक 

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

जाँच की शुरुवात हमने उपरोक्त घटना से संबंधित गूगल पर कीवर्ड सर्च कर ख़बरों को ढूँढने से शुरू की, जिसके परिणाम से हमें बिहार सरकार के सड़क निर्माण विभाग के मंत्री नंद किशोर यादव द्वारा प्रकाशित एक ट्वीट मिला जिसमे उन्होंने पुल का एक वीडियो साझा किया और स्पष्ट किया कि सतरघाट पुल क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है,  सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है |

आर्काइव लिंक

नंद किशोर यादव ने इसी संबंध में एक और ट्वीट जारी करते हुए लिखा है कि “गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है । इस कारण पुल की पहुँच का सड़क वाला हिस्सा कट गया है। यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है। इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है। मुख्य सत्तर घाट पुल जो १.४ किमी लंबा है बह पूर्णतः सुरक्षित है |”

आर्काइव लिंक

इसके आलावा सूचना और जनसंपर्क विभाग, बिहार ने इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए ट्विटर पर स्पष्ट किया कि क्षतिग्रस्त हुये पुल की छवियां सत्तार घाट बांध की नहीं हैं, बल्कि उसी नदी पर एक अन्य पुल की हैं, जो दावा किए गए स्थान से २ किमी दूर है | क्षतिग्रस्त पुल १८ मील लंबा है और यह गंडक नदी के बांध के नीचे बना है |

आर्काइव लिंक  

निष्कर्ष:
तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त पोस्ट को गलत पाया है | सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट के माध्यम से किये गये दावे गलत है क्योंकि यह तस्वीरें एक अन्य पुराने पुल की है जो हाल ही में उद्घाटित सत्तर घाट पुल से लगभग २ किलोमीटर दूर स्तिथ है |

Avatar

Title:क्या बिहार में एक महीने पहले उद्घाटित सत्तार्घट पुल ढह गया है? जानिये सत्य !

Fact Check By: Aavya Ray 

Result: False