सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ओलिंपिक मैडल से सदृश्य दिखने वाली तस्वीर को तेजी से फैलाते हुए दावा किया जा रहा है कि इस मैडल को 23 जुलाई से 8 अगस्त तक टोक्यो में होने वाले 2020 ओलंपिक में वालंटियर्स को प्रस्तुत किया जाएगा | पदक में कई अन्य भाषाओं सहित देवनागरी लिपि में "स्वयंसेवक" शब्द अंकित है |

पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि

“जापान के टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक खेलों में इस बार वालंटियर्स को दिए जाने वाले मैडल पर दूसरी भाषाओँ के साथ हमारी राष्ट्रिय भाषा हिंदी में भी स्वयंसेवक लिखा हुआ होगा | “स्वयंसेवक” का नाम सुनते ही रोमन गुलामों का दिल बैठ सा जाता है |”

फेसबुक पोस्ट | आर्काइव लिंक

अनुसंधान से पता चलता है कि…

फैक्ट क्रेसेंडो ने पाया है कि तस्वीर ई-कॉमर्स वेबसाइट 'EBAY' पर बेचे जा रहे एक 'वॉलंटियर पिन' की है।

जाँच की शुरुवात हमने आधिकारिक ओलंपिक खेलों की वेबसाइट पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न पृष्ठ पर जा कर ये शोध करने से की कि ओलंपिक में खेल वॉलंटियरों को कैसे सम्मानित किया जाता है जिसके परिणाम में हमें ये जानकारी मिली:-

1. २०२० टोक्यो ओलंपिक में वॉलंटियरों को आयोजन स्थल की दिन-प्रतिदिन की यात्रा के लिए 1000/- येन का प्रीपेड यात्रा कार्ड प्रदान किया जाएगा।

2. वॉलंटियर अगर अपने आवास से ओरिएंटेशन की जगह तक आने जाने का खर्चा करतें हैं तो वो खर्चा भी ऐसे वॉलंटियरों को खुद करना होगा

3. वॉलंटियर गतिविधि पूरी होने के बाद ओलंपिक संघ वॉलंटियरों को कोई दस्तावेज या प्रमाण पत्र जारी नहीं करेगा |

4. ओलंपिक वेबसाइट पर उन वस्तुओं की सूची भी है जो वॉलंटियरों को प्रदान की जाएंगी, सूची में किसी पदक का उल्लेख नहीं है|

2019 में प्रकाशित एसोसिएटेड प्रेस के एक लेख के अनुसार, ओलंपिक स्वयंसेवकों को उनके काम के लिए भुगतान नहीं किया जाता है, वे खुद अपने आवास और मेजबान शहर में परिवहन के लिए भुगतान करते हैं, हालाँकि मेजबान शहर में आने के बाद उन्हें काम के दिनों में भोजन मिलता है साथ ही कुछ प्रशिक्षण और वर्दी मिलती है | टोक्यो में, उन्हें शहर की विशाल ट्रेन प्रणाली पर काम के स्थान तक पहुँचने के लिए प्रतिदिन 1,000 येन मिलेगा और टोक्यो के आयोजक कुछ बीमा प्रदान करेंगे |

वॉलंटियरों को उनके कार्य के लिए मिलने पदकों का कहीं भी उल्लेख नहीं है, न तो ओलंपिक संघ की आधिकारिक वेबसाइट पर और न ही समाचार प्रकाशनों पर |

आगे हमने इस मैडल की तस्वीर को ज़ूम कर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया जिसके परिणाम से हमें कुछ विशेष नहीं मिला | इसके बाद हमने इस ही परिणाम के साथ “टोक्यो २०२०” की वर्ड सर्च किया जिसके परिणाम से हमें यह मैडल अमेरिकन इ-कॉमर्स वेबसाइट “इ-बे (E-BAY)” पर खरीदारी के लिए उपलब्ध मिला जहाँ इस मैडल को एक “पिन” का नाम दिया गया | इसे 1.50 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 111 रुपये में बेचा जा रहा है |

उत्पाद विवरण को पढ़ने पर हमने पाया कि वायरल छवि कोई "पदक" नहीं बल्कि एक पिन / बैज की है जिसे कपड़ों पर लगाया जा सकता है। ईबे पर, इसे "ओलंपिक टोक्यो2020 पिन वॉलंटियर लैंग्वेज बेनेवोल वॉलंटेयर पिन" के रूप में वर्णित किया गया है |

यह बात उल्लेखनीय है कि इस बार के स्वर्ण, रजत और कांस्य ओलंपिक-पैरालंपिक पदक बनाने के लिए पुराने मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकली गई वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया था। इस अनूठी पहल को टोक्यो 2020 मेडल प्रोजेक्ट का नाम दिया गया। इन मेडल्स के डिजाइन को यहां देखा जा सकता है |

निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने उपरोक्त तस्वीर के माध्यम से किये गये दावे को गलत पाया है | एक ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बेचे जा रहे ओलंपिक-2020 थीम की पिन वाले बैज को सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है |

हमारे द्वारा किये गये अन्य फैक्ट चेक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:-

1. सिलीगुड़ी में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उनके भाषण में कहे “चोरी सम्बंधित” वक्तव्य को सन्दर्भ से बाहर फैलाया जा रहा है |

2. श्रीनगर में डल झील के किनारे अतिक्रमण हटाने के वीडियो को रोहिंग्याओं मुस्लिमों की अवैध बस्तियों को ध्वस्त करने का बता फैलाया जा रहा है|

3.

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Title:ई-कॉमर्स वेबसाइट 'EBAY' पर बेचे जा रहे ओलंपिक 'वॉलंटियर पिन' को भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है |

Fact Check By: Aavya Ray

Result: False