१३ अप्रैल २०१९ को चिराग सिंह परमार नामक एक फेसबुक यूजर ने एक पोस्ट की | पोस्ट के साथ एक तस्वीर व तीन विडियो संलग्न है | पोस्ट के शीर्षक में लिखा गया है कि “आ रहे हैं फिर से श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी…!!! पहली बार ब्रिटैन ने जालियां वाला बाग के लिए पूरी दुनिया के सामने भारत से माफ़ी मांगी है..!!! ये है मोदी जी का जादू, मोदी जी है तो मुमकिन है……!!! मोदी सरकार फिर से २०१९ | जय हिंद, भारत माता की जय” | पहले विडियो में ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे को हम जलियांवाला बाग़ हत्याकांड को स्वीकार करते हुए कुछ शब्द कहते हुए सुन सकते है | दूसरे विडियो में हम एक बुज़ुर्ग औरत को मोदी जी की सराहना करते हुए सुन सकते है | तीसरे विडियो में हम कुछ लड़कों को कांग्रेस के स्टैंड पर बैठकर मोदी सरकार के समर्थन में नारे लगाते हुए सुन सकते है | तस्वीर में हम नरेन्द्र मोदी को घोड़े पर सवार होकर कहीं जाने की तैय्यारी में देख सकते है | तस्वीर व विडियो के माध्यम से यह दावा की जा रही है कि, नरेन्द्र मोदी की वजह से ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के लिए पुरे दुनिया के सामने भारत की माफ़ी मांगी | बाकि तस्वीर व विडियो द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि भारत के नागरिक अगली बार नरेन्द्र मोदी की सरकार चाहते है | यह पोस्ट काफ़ी चर्चा में है व तेजी से साझा की जा रही है | फैक्ट चेक किये जाने तक इस पोस्ट को ७५० से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिल चुकी थी |
क्या वास्तव में ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के लिए पूरी दुनिया के सामने भारत से माफ़ी मांगी? आइये जानिए सच |
संशोधन से पता चलता है कि..
फेसबुक पर साझा विडियो को अगर ध्यान से सुना जाए तो हमें पता चलता है कि पुरे विडियो में थेरेसा मे ने कहीं भी भारत से माफ़ी नही मांगी | उन्होंने इस पुरे घटना को ब्रिटिश और भारत के इतिहास में एक “बदनुमा दाग” कहा व यह उल्लेख किया कि उन्हें इस बात का बहुत खेद है |
हमने अलग अलग कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर इस खबर को ढूँढने की कोशिश की | हमें ११ अप्रैल २०१९ को हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा प्रकाशित खबर मिली | खबर में साफ़ साफ़ लिखा हुआ है कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने अप्रैल १९१९ के जलियांवाला बाग हत्याकांड पर ब्रिटेन सरकार की लंबे समय से चली आ रही अभिव्यक्ति को दोहराया, और इसे ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर ‘बदनुमा दाग’ कहा |
१० अप्रैल २०१९ को द गार्डियन द्वारा प्रकाशित खबर हमें मिली जिसमे लिखा गया है कि ब्रिटीश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने “खेद” शब्द का उल्लेख किया | इस खबर में भी लिखा गया है कि माफ़ी शब्द का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है |
१० अप्रैल २०१९ को इस खबर को एएनआई समाचार एजेंसी ने भी ट्वीट किया था। ट्वीट में उल्लेख किया गया है कि थेरेसा मे ने जलियांवाला बाग नरसंहार के बारे में खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा “जो हुआ उसके लिए हमें खेद है”। ट्वीट में माफी शब्द नहीं था |
बीबीसी जैसे अंतरराष्ट्रीय अखबार ने भी इस मुद्दे के बारे में एक खबर प्रकाशित की है | इस खबर में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि थेरेसा मे ने १९१९ के नरसंहार को ब्रिटिश भारत के रिश्तों मे एक बद्नुमा दाग बताया है |
तब हमने ब्रिटेन सरकार के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रधान मंत्री उद्धरण (PMQ) सत्र में ब्रिटिश संसद के अंदर ब्रिटिश प्रधान मंत्री थेरेसा मे द्वारा दिए गए मूल वक्तव्य की जाँच की | थेरेसा मे ने कहा कि “१९१९ में जलियांवाला बाग की त्रासदी ब्रिटिश भारतीय इतिहास पर एक शर्मनाक दाग है | १९९७ में जलियांवाला बाग की यात्रा से पहले महारानी ने कहा था कि यह भारत के साथ हमारे इतिहास का एक “दुखद उदाहरण” है | जो कुछ भी हुआ उसका हमें गहरा अफ़सोस व दुख है | मुझे खुशी है कि आज ब्रिटेन-भारत के संबंध सहयोग, साझेदारी, समृद्धि और सुरक्षा के है | भारतीय प्रवासी ब्रिटिश समाज के लिए एक बहुत बड़ा योगदान देते हैं, और मुझे पूरा विश्वास है कि पूरे ब्रिटेन की इच्छा है कि भारत के साथ ब्रिटेन का रिश्ता आगे बढ़ता रहे” |
थेरेसा मे द्वारा दिए गए भाषण को आप नीचे दिए गए यू-ट्यूब वीडियो में सुन सकते है | वीडियो के पहले १ मिनट में ही वह भारत में हुए जालियांवाला बाग हत्याकांड के बारे में अपना वक्तव्य करती है | पुरे भाषण में उन्होंने कहीं भी इस हत्याकांड के लिए भारत से माफ़ी नहीं मांगी | अलबत्ता उन्होंने बदनुमा दाग व खेद जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है |
१० अप्रैल २०१९ को हमें ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता, जेरेमी कॉर्बिन का एक ट्वीट मिला | ट्वीट में एक वीडियो संलग्न है | उन्होंने मांग की है कि ब्रिटिश सरकार को इस संबंध में पूरी तरह से और स्पष्ट रूप से भारत की माफी मांगनी चाहिए |
ब्रिटेन की सांसद प्रीति कौर गिल ने १२ अप्रैल २०१९ को ट्वीट किया | उसने जेरेमी कॉर्बिन को धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने ब्रिटिश प्रधान मंत्री को पत्र लिखकर अमृतसर में हुए हत्याकांड की माफ़ी मांगने को कहा था |
उपरोक्त तथ्यों से हम स्पष्ट हो सकते है कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने जालियांवाला बाग हत्याकांड के लिए भारत से माफ़ी नहीं मांगी है | उन्होंने इस बात का उल्लेख ज़रूर किया कि इस हादसे के लिए उन्हें बेहद खेद है | पोस्ट के साथ संलग्न दूसरी तस्वीरें व वीडियो का उपरोक्त दावें से कोई लेना देना नहीं है | इन तस्वीर व वीडियो के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि यह माफ़ी ब्रिटेन ने सिर्फ नरेंद्र मोदी के लिए मांगी जिस वजह से उन्हें २०१९ के चुनाव में वापस सरकार बनानी देनी चाहिए | यह सिर्फ चुनाव प्रचार का हिस्सा है |ब्रिटिश संसद में प्रधानमंत्री मे ने भारत से कोई माफ़ी नहीं मांगी |
निष्कर्ष : तथ्यों की जांच के बाद उपरोक्त पोस्ट व उसके साथ किये गए दावों को हमने गलत पाया | उपरोक्त पोस्ट में किया गया दावा गलत है क्योंकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री में भारत से जालियांवाला बाग हत्याकांड के लिए कोई माफ़ी नहीं मांगी | थेरेसा मे ने इस हादसे का उल्लेख करते हुए “बदनुमा दाग” व बेहद खेद जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था |
Title:क्या ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने जलियांवालाबाग़ हत्याकांड के लिए माफ़ी मांगी ?
Fact Check By: Drabanti GhoshResult: False
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